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जब होटल की रिसेप्शन पर पहुँचे 'राजा बेटा' और मच गया हंगामा!

होटल के रिसेप्शनिस्ट का फिल्मी दृश्य, एक घमंडी मेहमान के साथ दो कमरों की चेक-इन में परेशान।
इस फिल्मी पल में, हमारे होटल के रिसेप्शनिस्ट एक घमंडी मेहमान की चुनौती का सामना करते हैं, हास्य के साथ, आतिथ्य की जटिलताओं को दर्शाते हुए।

भारत में होटल रिसेप्शन का काउंटर किसी रणभूमि से कम नहीं! कभी कोई मेहमान "मुझे AC वाला कमरा चाहिए", तो कोई "अरे भाई, मुझे ऊपर वाला फ्लोर ही चाहिए" बोलता है। लेकिन कुछ मेहमान ऐसे आते हैं, जिनकी फरमाइशें सुनकर खुद रिसेप्शनिस्ट भी सोचने लगता है, "हे भगवान, अब क्या करूँ?" आज की कहानी भी एक ऐसे ही 'राजा बेटा' मेहमान की है, जिसने होटल स्टाफ को नाकों चने चबवा दिए।

'मज़ाक' से शुरू, 'हंगामे' में बदला

रात का वक्त था, होटल लगभग फुल था। रिसेप्शन पर ड्यूटी पर थीं हमारी नायिका (जिन्होंने Reddit पर ये किस्सा साझा किया)। तभी एक साहब बड़े ठाठ से आए और बोले, "मेरे पास दो कमरे हैं... बस मज़ाक कर रहा हूँ।" रिसेप्शनिस्ट हँसी में उड़ा देती हैं और चेक-इन की प्रक्रिया शुरू करती हैं। तभी वो फिर बोल पड़ते हैं, "अरे, सच में दो कमरे हैं।" अब दिक्कत ये थी कि दोनों कमरे अलग-अलग नाम से बुक थे और होटल की नीति के मुताबिक एक ही सरनेम वाले मेहमानों के कमरे साथ में दिए जाते हैं। लेकिन यहाँ तो न कोई रिक्वेस्ट, न कोई जानकारी – और रिसेप्शनिस्ट कोई जादूगर तो थी नहीं कि बिना बताये सब समझ जाए!

जब 'रिश्तेदार' नहीं, 'रूम' कैसे साथ-साथ?

होटल लगभग फुल, सारे कमरे पहले से तय। ऐसे में साहब की फ़रमाइश- "मेरे दोस्त का कमरा मेरे बगल में दो!" रिसेप्शनिस्ट ने विनम्रता से समझाया कि अब कोई कमरा खाली नहीं, सब पहले से बंट चुके हैं। मगर भाईसाहब कहाँ मानने वाले थे! गुस्से में बोले, "किसी को निकाल दो, मेरे दोस्त को बगल में रखना है!" अब ये भारत में वैसे ही है जैसे कोई शादी में कह दे- "बिरयानी नहीं मिली, तो किसी को बाहर भेज दो!"

'मैं तो VIP हूँ' सिंड्रोम

साहब का मूड अब बिगड़ने लगा। बोले, "हर होटल में मेरी बात मानी जाती है, यहाँ क्या दिक्कत है?" रिसेप्शनिस्ट ने समझाया कि ये होटल अलग है, यहाँ नियम का पालन जरूरी है। अब साहब ने सारा गुस्सा रिसेप्शनिस्ट पर निकालना शुरू कर दिया, जैसे दुनिया की सारी समस्याएँ उसी की वजह से हो गई हों! ये वही सीन है जैसे किसी सरकारी दफ्तर में कोई बाबू से फॉर्म भरवा रहा हो और गुस्से में पूरी व्यवस्था को दोष दे।

कम्युनिटी में एक यूज़र ने मज़ेदार कमेंट किया, "कहाँ कोई होटल होगा जो किसी और मेहमान को उठाकर इन जैसे टूल के लिए कमरा स्विच कर दे?" वहीं एक और ने तो कह दिया, "ये वही होटल होगा जहाँ CEO का नंबर हर मेहमान के पास हो!" – अब बताइये, किस होटल में ऐसा होता है?

'कॉल करूंगा CEO को!' – धमकी का भी जवाब

जब साहब को लगा कि उनकी दाल नहीं गल रही, तो बोले, "मैं CEO को फोन करूंगा!" रिसेप्शनिस्ट ने भी बड़ा शानदार जवाब दिया, "सर, CEO का नंबर किसी मेहमान को नहीं मिलता, और अगर आप फोन करेंगे, तो कॉल मेरे पास ही आएगा!" और सच में, कॉल रिसेप्शन पर ही आ गई। अब साहब का सारा गुस्सा फुस्स हो गया। दोस्त भी वहीं सोफे पर बैठा मज़ा ले रहा था, मानो किसी सीरियल का क्लाइमेक्स देख रहा हो।

एक कमेंट में एक पाठक ने बढ़िया कहा, "ऐसे लोगों को तो एक आइलैंड पर भेज दो, जहाँ सारे बड़े-बड़े 'राजा बेटा' रहें और अपनी-अपनी शेखी बघारें।" किसी ने पूछा, "क्यों, दो बड़े लोगों को कमरे साथ-साथ क्यों चाहिए? क्या 30 सेकंड की वॉक भी भारी पड़ती है?" – सच में, कभी-कभी मेहमानों की डिमांड सुनकर हँसी आ जाती है।

'एक स्टार' का डर और रिसेप्शनिस्ट का फंडा

आखिर में साहब बोले, "मैं एक स्टार दूँगा, बहुत बद्तमीज़ हो!" रिसेप्शनिस्ट ने मुस्कराकर कहा, "एक स्टार से मेरी जिंदगी नहीं बदलती, मैं वही करती हूँ जो सही है।" इस पर एक कमेंट आया, "कोई भी नियम लागू करो, कुछ लोग हमेशा नाराज रहेंगे, खासकर वो जो 'ना' सुनने के आदी नहीं हैं।"

निष्कर्ष: होटल रिसेप्शनिस्ट भी इंसान हैं, जादूगर नहीं!

दोस्तों, इस घटना से हमें ये सीखने को मिलता है कि होटल या किसी भी सर्विस सेक्टर में काम करने वाले लोग भी इंसान हैं, कोई अलादीन का चिराग नहीं! हर समस्या का हल हमेशा मुमकिन नहीं होता, और हर फरमाइश पूरी कर पाना भी संभव नहीं। हमारे यहाँ भी ऐसे मेहमान खूब मिलते हैं – कोई VIP कार्ड दिखाता है, कोई जान-पहचान वाला बताता है, कोई "पता है मैं कौन हूँ?" वाली धमकी देता है। मगर असली समझदारी उसी में है कि नियमों का पालन हो और एक-दूसरे की इज्जत रहे।

आपका क्या अनुभव रहा है ऐसे 'राजा बेटा' मेहमानों से? नीचे कमेंट में जरूर बताइएगा। और हाँ, अगली बार होटल जाएँ तो रिसेप्शन पर काम कर रहे भाई-बहनों के लिए एक मुस्कान जरूर छोड़िएगा – उनकी ड्यूटी भी कम मुश्किल नहीं!


मूल रेडिट पोस्ट: Yet ANOTHER entitled spoiled toxic guest