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जब होटल का मालिक सोचता है कि रिसेप्शनिस्ट मार्केट रिसर्चर है!

रात में बाजार अनुसंधान कर रहे एक निराश होटल फ्रंट डेस्क कर्मचारी की एनीमे-शैली की चित्रण।
इस जीवंत एनीमे दृश्य में, हमारा थका हुआ फ्रंट डेस्क हीरो एक कमी वाले होटल में शांत समय के दौरान बाजार अनुसंधान में जुटा है। क्या उनकी खोजें इस जिद्दी होटल को एक सपनों की छुट्टी में बदलने में मदद करेंगी?

कभी-कभी जिंदगी हमें ऐसी जगहों पर ले आती है, जहां हर रोज़ नया तमाशा देखने को मिलता है। होटल इंडस्ट्री में काम करने वाले लोग तो रोज़ ही किस्सों के खजाने बन जाते हैं। सोचिए, एक होटल है – खुबसूरत लोकेशन, बढ़िया बिल्डिंग, लेकिन मेहमानों के नाम पर सन्नाटा! और उस सन्नाटे को तोड़ता है होटल का मालिक, जिसकी सोच... बस पूछिए मत!

होटल के मालिक की सोच: "रिसेप्शनिस्ट तो मार्केट रिसर्च करता है, न?"

अब ज़रा इस कहानी को ध्यान से सुनिए। Reddit पर ‘u/TimeReverse’ नाम के यूज़र ने अपना अनुभव शेयर किया। भाईसाहब एक ऐसे होटल में काम करते हैं, जो पहले से कम खराब है, लेकिन अभी भी “खराब” की श्रेणी में ही आता है। होटल का मालिक पुराने जमाने के हैं – वो भी ऐसे कि मानो WhatsApp पर फॉरवर्ड भेजने वाले चाचा!

पहले होटल में एक जनरल मैनेजर (GM) था, पर मालिक ने उसे भी निकाल दिया और खुद ही मैनेजर बनने की ठान ली। नतीजा? होटल में मेहमानों का आना लगभग बंद! कई बार तो पूरे दिन कोई चेक-इन ही नहीं। सोचिए, पूरा दिन रिसेप्शन पर बैठो और एक भी मेहमान नहीं।

एक दिन मालिक तिलमिलाते हुए आते हैं और पूछते हैं – “तुम कुछ करोगे या ऐसे ही बैठे रहोगे?” बेचारे रिसेप्शनिस्ट का गुस्सा तो सातवें आसमान पर, लेकिन फिर भी मुस्कराते हुए सब्र कर लेते हैं। दो घंटे बाद वही मालिक फिर आते हैं – “अरे, रिसेप्शन पर जब कोई नहीं होता, तो मार्केट रिसर्च करते हैं, न?”

बस यही सुनकर तो रिसेप्शनिस्ट की हंसी छूटते-छूटते रह गई। आप सोच रहे होंगे, शायद मजाक कर रहे होंगे, पर नहीं! मालिक सच में यही सोचते हैं।

समस्या कहाँ है? "मालिक को खुद ही नहीं पता कि होटल क्यों खाली है!"

यहाँ Reddit कम्युनिटी ने भी खूब मसाला डाला। एक कमेंट में किसी ने बड़ा सही लिखा – “कुछ लोग सिर्फ इसलिए बिजनेस के मालिक हैं क्योंकि उनके पास पैसा है, वरना इन्हें बिजनेस चलाना आता ही नहीं।” (यह बात तो हमारे यहाँ भी कितने चाय-ठेलों पर सुनने को मिलती है!)

u/birdmanrules नाम के यूज़र ने पूछा – “क्यों, आखिर होटल में मेहमान क्यों नहीं आते?”
इस पर OP ने जवाब दिया – “होटल की रेटिंग बहुत कम है और मालिक ना तो रिव्यू सुधारने की सोचते हैं, ना ही ऑनलाइन दिखावटी प्रचार में पैसा लगाते हैं।”

एक और मजेदार कमेंट था, “अगर आप मार्केट रिसर्च ही करना चाहते हैं, तो सुन लीजिए – आपका होटल गंदा है, कमरों की हालत खराब है, नाश्ते में न कोई वैरायटी, न स्वाद, होटल बाहर से खंडहर जैसा लगता है, सफाई ढंग की नहीं है, और रेट्स देख कर तो लगता है जैसे फाइव स्टार में घुस रहे हों!”
वाह, ऐसी खरी-खरी तो किसी भारतीय ग्राहक से ही मिल सकती थी!

होटल इंडस्ट्री की जमीनी हकीकत: “विज्ञापन करो, वरना दुकान बंद समझो”

हमारे देश में भी यही हाल है। मोहल्ले की कोई दुकान हो या बड़ा होटल – ग्राहक तभी आएंगे जब नाम होगा, सफाई होगी, और थोड़ा-बहुत प्रचार भी होगा। एक कमेंट में किसी ने बढ़िया लिखा – “बस बना दो, लोग खुद-ब-खुद आ जाएंगे” – ऐसी सोच से बिजनेस कभी नहीं चलता। यहाँ तो चाय का ठेला भी फेसबुक पर पेज बना लेता है, और ये होटल मालिक Basic चीज़ों पर भी ध्यान नहीं देते!

एक अनुभवी यूज़र ने मजाक में लिखा – “अगर बॉस चाहता है कि रिसेप्शनिस्ट मार्केट रिसर्च करे, तो उसे खुद एक दिन रिसेप्शन पर बैठना चाहिए, तब पता चलेगा। जब दिन भर एक ही चूहे को देखते-देखते बोर हो जाओ, तब समझ आता है असल दर्द!”

काम का बहाना: “क्रॉसवर्ड छाप लो, मालिक को लगेगा कुछ सीरियस काम चल रहा है!”

यहाँ एक मजेदार टिप भी मिली – “मैं तो क्रॉसवर्ड छाप कर रख लेता हूँ, दूर से मालिक को लगता है कि कोई बहुत जरूरी कागजी काम चल रहा है!”
वाह, क्या जुगाड़ है! ये आइडिया तो हमारे सरकारी दफ्तरों के बाबू लोग भी अपना सकते हैं – फाइल के पीछे क्रॉसवर्ड, और सामने सख्त चेहरा!

आखिर में – समस्या कहाँ है, मालिक में या सिस्टम में?

सारी बातें पढ़कर लगता है – असल समस्या न तो रिसेप्शनिस्ट है, न मार्केट रिसर्च। असली कमी है मालिक की सोच में। जैसे हमारे यहाँ कहा जाता है – “अंधे के सामने बीन बजाओ, तो भी क्या फायदा?” होटल का मालिक खुद को तो दोषी मानता नहीं, उल्टा कर्मचारियों को कसूरवार ठहरा देता है।

किसी ने कमेंट में कटाक्ष भी किया – “जाइए, सड़क पर बोर्ड पकड़कर खड़े हो जाइए – शायद कोई मेहमान आ जाए!”
अरे भई, अब रिसेप्शनिस्ट को ढोल-नगाड़ा लेकर गली-गली घुमवाओगे क्या?

आपका क्या अनुभव है?

अगर आपने भी कभी ऐसे अजीबो-गरीब बॉस या काम की जगह देखी है, तो कमेंट में जरूर बताइए। क्या आपके यहाँ भी “काम का दिखावा” चलता है? या फिर कोई जुगाड़ू तरीका आजमाया है बॉस की नजरों में बिजी दिखने का?
अपनी कहानी साझा करें – हो सकता है अगली बार आपकी कहानी पर भी हंसी के फूल खिलें!


मूल रेडिट पोस्ट: 'Front Desk does market research when noone is around don't they?'