जब होटल के बाथरोब ने मचाया बवाल: मेहमानों की नखरेबाजी की अनसुनी कहानी
होटल की रिसेप्शन पर काम करना भारत में जितना ग्लैमरस लगता है, असलियत में उतना ही चुनौतीपूर्ण है। हर दिन नए-नए मेहमान, नई-नई फरमाइशें और कभी-कभी तो ऐसे नखरे कि सिर पकड़कर बैठ जाओ! आज हम आपको एक ऐसे ही किस्से के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें बाथरोब (हां, वही झब्बेदार गाउन जो फिल्मी हीरो-हिरोइन पहनते हैं) को लेकर इतना तमाशा हुआ कि होटलवाले भी हैरान रह गए।
मेहमानों के नखरे: स्वागत से शुरू, शिकायत पर खत्म
इस कहानी की शुरुआत होती है एक होटल में, जहाँ तीन मेहमान आते हैं—तीनों के तीन कमरे। रिसेप्शन पर खड़े होकर उनकी बॉडी लैंग्वेज और चेहरे का भाव देखकर ही कर्मचारी समझ जाते हैं कि "भैया, आज का दिन लंबा जाने वाला है।" भारतीय होटल में भी कई बार ऐसे मेहमान आते हैं जिनके चेहरे पर साफ़ लिखा होता है—"हम बिना शिकायत किए नहीं मानेंगे!"
पहले ही दिन, एक कमरे में टीवी सिग्नल नहीं मिल रहा। तकनीशियन छुट्टी पर है क्योंकि अवकाश का दिन है। रिसेप्शनिस्ट माफ़ी मांगता है, कमरा बदलने या कल तकनीशियन भेजने का विकल्प देता है। साहब कहते हैं, "कल ही सही, लेकिन ऐसी खराब सर्विस मैंने कहीं नहीं देखी!" अरे भैया, त्योहार का दिन है, थोड़ा समझदारी दिखा देते! लेकिन नहीं, शिकायत का मौका कैसे छोड़ें?
बाथरोब से बवाल: "कमरे में बाथरोब नहीं है!"
शाम होते-होते तीनों मेहमान नीचे आते हैं और शिकायतों का नया मुद्दा लेकर हाज़िर होते हैं—"कमरे में बाथरोब क्यों नहीं है?" रिसेप्शनिस्ट बताता है कि अब कमरे में बाथरोब नहीं रखते, लेकिन आप चाहें तो मुझसे ले सकते हैं, वो भी बिलकुल मुफ्त। वजह? साफ-सफाई और हाइजीन! कौन जाने पिछला मेहमान बाथरोब छूकर गया हो, या उसमें कुछ गिरा दिया हो।
यहाँ तो साहब ऐसे मुंह बनाते हैं जैसे रिसेप्शनिस्ट ने कोई गुनाह कर दिया हो। "कितने लोग आएंगे मेरे कमरे में बाथरोब छूने?" पूछते हैं। भाईसाहब, बात आज के मेहमानों की नहीं, पिछलों की चल रही है! और वैसे भी, भारत में तो तौलिया बदलवाने के लिए भी दो बार कहना पड़ता है, बाथरोब तो फिर भी विलासिता है।
शिकायतों का सिलसिला: "मैं हर हफ्ते अच्छे होटलों में रुकता हूँ!"
अब साहब पूछते हैं, "क्या आप फलां ब्रांड के होटल हैं?" रिसेप्शनिस्ट कहता है हां, लेकिन इससे सर्विस की क्वालिटी का क्या लेना-देना? फिर नाम पूछते हैं, शायद ऑनलाइन शिकायत दर्ज करनी है। रिसेप्शनिस्ट भी दिलेर—बिलकुल, नाम लिख लो, जो करना है कर लो।
यहाँ एक कमेंट याद आता है—"कुछ लोग जानबूझकर शिकायतें करते हैं ताकि छूट मिल जाए।" होटल इंडस्ट्री में इसे सब जानते हैं। एक कमेंट में लिखा था, "ऐसे मेहमानों को फ्री में रुकने दिया जाए, फिर भी संतुष्ट नहीं होंगे।" भारत में भी कई लोग होटल में मुफ्त नाश्ता या छूट पाने के लिए बिना वजह नखरे करते हैं।
और साहब का अगला डायलॉग—"मैं हर हफ्ते अच्छे होटलों में रुकता हूँ!" सुनकर तो रिसेप्शनिस्ट का भी मन करता है कि कह दे—"तो फिर यहाँ क्यों आए, महाराज?"
होटल स्टाफ की मजबूरी और ह्यूमर: "आपको नहाने का शौक है, तो तालाब में डुबकी लगा लीजिए!"
होटल इंडस्ट्री में काम करने वाले जानते हैं कि हर मेहमान को खुश रखना नामुमकिन है। एक कमेंट में किसी ने बड़ी मज़ेदार बात लिखी—"अगर किसी को बाथरोब या बिडेट चाहिए, तो गाँव के तालाब में फेंक आओ, मुफ्त में नहा भी लेंगे और शिकायत भी नहीं करेंगे!"
कई होटलकर्मी ये भी कहते हैं कि जब कोई बार-बार शिकायत करे, तो साफ कह देना चाहिए—"आप हमारे होटल के स्टैंडर्ड से खुश नहीं, तो बिना किसी जुर्माने के चेकआउट कर सकते हैं।" सच में, भारत में भी अगर होटल वाले ये नीति अपना लें, तो नखरेबाज मेहमान की बोलती बंद हो जाए।
बाथरोब की हकीकत: क्या सच में हर होटल में मिलता है?
एक और दिलचस्प कमेंट—"आजकल बाथरोब सिर्फ महंगे होटल के प्रीमियम सुइट्स में ही मिलते हैं, वो भी हर बार धोकर नहीं देते।" और सच भी है, आमतौर पर भारत के मिड-रेंज होटलों में बाथरोब मिलना मुश्किल है। लोग सिर्फ फिल्मी सीन देखकर उम्मीदें पाल लेते हैं।
रिसेप्शनिस्ट खुद भी मानता है—"मुझे तो तौलियों से ही डर लगता है, बाथरोब तो मैं छूने से भी कतराऊँ!"
निष्कर्ष: होटल में ठहरें, इंसानियत साथ लाएँ!
कहानी का सार यही है कि होटल स्टाफ़ भी इंसान हैं, मशीन नहीं। वे भी पूरे दिल से कोशिश करते हैं कि हर मेहमान का अनुभव अच्छा हो। लेकिन अगर आप बाथरोब या टीवी सिग्नल जैसी छोटी-छोटी बातों पर बवाल मचाएँगे, तो न खुद खुश रहेंगे न दूसरों को रहने देंगे।
अगली बार जब आप किसी होटल में जाएँ, तो होटल स्टाफ़ को कम से कम इंसान समझें। उनकी मेहनत और सीमाओं की कद्र करें। और हाँ, बाथरोब नहीं मिला, तो एक बार सोचिए—क्या आप सच में उसकी वजह से छुट्टियाँ ख़राब करने वाले हैं?
आपका क्या अनुभव है होटल या गेस्ट हाउस में? कभी किसी अजीब फरमाइश या शिकायत का सामना किया है? नीचे कमेंट में ज़रूर बताइए!
मूल रेडिट पोस्ट: throwing a hissy fit because of bathrobes??