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जब होटल के कमरे में आई आत्मा: एक पूर्व रिसेप्शनिस्ट की डरावनी रात

भूतिया होटल का प्रवेश द्वार, जहां एक पूर्व FDA अधिकारी एक डरावनी कहानी साझा करते हैं।
इस फोटोरियलिस्टिक भूतिया होटल में कदम रखें, जहां परछाइयां बनी रहती हैं और रहस्य इंतजार करते हैं। हमारे पूर्व FDA अधिकारी के साथ जुड़ें जब वे इस रहस्यमय स्थान में अपने अप्रत्याशित अलौकिक अनुभव को साझा करते हैं।

होटल में नौकरी करने वालों की ज़िंदगी हमेशा रंगीन किस्सों से भरी रहती है—कभी किसी की शादी की खुशियाँ, कभी किसी मेहमान की प्यारी फरमाइश, और कभी-कभी तो ऐसी घटनाएँ जिनका जवाब खुद विज्ञान भी नहीं दे पाता। आज मैं आपको एक ऐसी ही कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जो Reddit के r/TalesFromTheFrontDesk पर खूब चर्चित रही।

यह घटना एक ऐसे शख्स की है, जिसने अपनी ज़िंदगी में न जाने कितने होटल्स और रिसॉर्ट्स में काम किया, कितने मेहमानों की अजीबो-गरीब डिमांड्स देखीं, पर जब खुद घुमक्कड़ी के शौक में अकेले Blue Ridge पर्वतों की ओर निकला, तो उसकी किस्मत उसे एक ऐसे ‘माँ-पापा’ टाइप पुराने होटल तक ले आई, जिसका राज़ उसकी रात की नींद उड़ा देगा।

होटल की पहली झलक: साठ के दशक की यादें और देसी जुगाड़

जैसे हमारे यहाँ पुराने बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन के पास पुराने गेस्टहाउस मिल जाते हैं, वैसा ही नज़ारा वहाँ था। बाहर से साफ-सुथरा, पार्किंग में रोशनी, रिसेप्शन पर एक भला आदमी—पॉल—जो कुछ-कुछ हमारे शर्मा जी जैसे लगे। उन्होंने बताया कि होटल उनके दादाजी ने 1960 के दशक में बनाया था और आज भी उसी दौर की साज-सज्जा है।

कमरा मिला नंबर 7—बिल्कुल वैसे, जैसे गाँव के ठहराव वाले गेस्टहाउस में, किचन समेत, पुराना फर्नीचर, रंग-बिरंगे पर्दे, साफ बिस्तर और खाने-पीने का पूरा इंतज़ाम। खाने के शौकीन भाई साहब ने पास के रेस्टोरेंट से चिकन फ्राइड स्टेक, घर के बने मैश्ड आलू, फ्राइड ओक्रा, फील्ड मटर, और ब्लूबेरी कोबलर तक मंगवा ली! कई टिप्पणीकारों ने इस फ़ूड डिस्क्रिप्शन पर मज़े भी लिए—एक ने लिखा, “इतना डिटेल तो टॉलीन (Tolkien) भी नहीं लिखता!”

जब रात हुई गहरी: अजीब घटनाएँ और डर का मज़ा

अब असली कहानी शुरू होती है। खाना खाने के बाद जब भाई साहब ब्रश करने बाथरूम गए, तो उनका टॉयलेटरीज़ बैग अचानक बिस्तर के पास फर्श पर पड़ा मिला—हालाँकि वो याद से सब कुछ बाथरूम में ही रखकर गए थे। मन में खटका तो हुआ, पर सोचा—थकान होगी।

रात को नींद में ही दरवाज़े पर किसी ने दस्तक दी। बाहर झाँका तो एक पतली, सुनहरे बालों वाली लड़की खड़ी थी, जिसने फोन माँगा। जवाब मिला—जाओ, रिसेप्शन से बात करो। रिसेप्शनिस्ट पॉल से बात की तो उसने भी यही कहा—बाहर तो कोई दिखा ही नहीं। CCTV में बाद में पता चला—उस वक्त कमरे के बाहर कोई इंसान नहीं था, बस एक हल्का सा उजला गोला (orb) दिखा।

डर के रंग: जब बिस्तर पर महसूस हुई अजनबी मौजूदगी

रात के तीसरे पहर, भाई साहब की नींद तब उड़ी जब अचानक लगा कि कोई बिस्तर में उनके पास बैठ गया है। ठंडक महसूस हुई, चादर हिली और किसी ने धीरे से कहा—“तुम गर्म हो, अच्छा लगता है।” डर के मारे उन्होंने तकिये के नीचे रखा पिस्तौल निकाला और बिस्तर में दो गोलियाँ दाग दीं!

रिसेप्शनिस्ट पॉल भी अपनी बंदूक लेकर दौड़ा और उन्हें ऑफिस ले गया। वहाँ CCTV में फिर वही चमकता गोला दिखा—जो सीधे कमरे के भीतर चला गया। कमरे के पर्दों के पीछे दो हल्की चमक—यानी गोलियों की रोशनी भी दिखी। Reddit पर एक टिप्पणीकार ने मज़ाक बनाया—“भाई, भूत को गोली मारना तो वही बात हो गई—चूहे को भगाने के लिए मकान गिरा दिया!”

होटल वाला भी हैरान, मेहमान तो और भी ज्यादा!

पॉल ने पूरी घटना बड़े धैर्य से सुनी, व्हिस्की पिलाई और कहा—“भाई, ऐसा कुछ तो मैंने कभी नहीं देखा! आज तक किसी ने कमरे की शिकायत नहीं की।” लेखक ने हँसते हुए कहा—“मैट्रेस का बिल मेरे कार्ड से काट लेना!” और नए कमरे का ऑफर भी ठुकरा दिया। Reddit पर कई लोगों ने लिखा—“पॉल तो बड़ा कूल निकला, लगता है पहले भी कुछ देख चुका है!”

एक ने मज़ाकिया अंदाज में पूछा—“ये Bates Motel तो नहीं था?” भाई साहब बोले—“नहीं, वो बस फिल्मी नाम था!”

भूत, होटल और हिंदुस्तानी पाठक: क्या आपको भी कभी ऐसा लगा?

इस कहानी ने Reddit पर खूब वाहवाही बटोरी—किसी ने Stephen King के नॉवेल्स से तुलना की, किसी ने लिखा, “इतना बढ़िया लिखा है कि मैं तो भूल गया था कौन सा सबरेडिट पढ़ रहा हूँ!” एक ने तो ये तक कह दिया—“भूत से ज्यादा डर तो दो पैग व्हिस्की पीकर गाड़ी चलाने में लगता है!”

हमारे यहाँ भी ऐसे किस्से खूब सुनने को मिलते हैं—कभी कुएँ की आत्मा, कभी पुराने हवेली में रहस्यमयी छाया! लेकिन होटल में भूत का बिस्तर शेयर करना, वो भी बिना पूछे—ये तो कुछ ज्यादा ही हो गया।

निष्कर्ष: डर है, मगर मज़ा भी है!

कहानी से सबक? भूत से ज्यादा खतरनाक हैं—अधूरी नींद, रात का अकेलापन और वो डर, जो दिमाग में घर कर जाए। लेखक ने तो आखिर में यही कहा—“अब जंगल में तंबू में सोना मंजूर, भूतिया होटल में नहीं!”

क्या आपके साथ भी कभी ऐसा अजीब अनुभव हुआ है? क्या आप भूत-प्रेत में विश्वास करते हैं या आपके लिए ये सब बस कहानियाँ हैं? कमेन्ट में ज़रूर बताइए और अगर पसंद आए तो शेयर करना न भूलें!


मूल रेडिट पोस्ट: Former FDA checks into haunted hotel