जब सर्वर 'अटका' रह गया: हेल्थकेयर आईटी में एक देसी जुगाड़ू हादसा
कभी-कभी तकनीक की दुनिया में ऐसी घटनाएँ हो जाती हैं, जिन्हें सुनकर हँसी भी आती है और सिर भी पकड़ना पड़ता है। खासकर जब बात हेल्थकेयर आईटी की हो, जहाँ हर पल डेटा की सुरक्षा और मरीजों की जानकारी बरकरार रखना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। आज की कहानी कुछ ऐसी ही है – एक क्लिनिक में सर्वर की मरम्मत के दौरान घटी एक देसी-जुगाड़ू और हास्यप्रद घटना, जिसे पढ़कर आपको अपना ऑफिस याद आ जाएगा!
सर्वर की मरम्मत या जुगाड़ का कमाल?
कहानी शुरू होती है एक सामान्य-सी सर्वर अलर्ट से। जैसे हर आईटी डिपार्टमेंट में रोज़ होता है, डेल ओपनमैनेज में एक सीएमओएस बैटरी फेल होने की सूचना आई। अब सोचिए, छोटे-छोटे कस्बों के क्लिनिक, जिनमें दो-दो HyperV सर्वर लगे हैं – एक नया और तेज़, दूसरा पुराना और लगभग कबाड़, लेकिन जरूरी। और onsite आईटी स्टाफ? जी नहीं, वो तो एक घंटे दूर बैठा है! ऊपर से इंटरनेट स्पीड इतनी कम कि आजकल गाँवों में भी लोग शिकायत कर दें – बस 10-20 Mbps।
ऐसी हालत में, कई बार हार्डवेयर भी 10-12 साल पुराने और सॉफ्टवेयर भी पुराने ज़माने के – मतलब 2008R2, 2012R2 वगैरह। अब आप खुद समझ जाइए, गड़बड़ होने की कितनी संभावना है।
जब "आउटरएक्टिव" वाले सर्वर तक पहुँच ही नहीं पाए
चूँकि सर्वर इतने दूर-दूर थे, इसलिए हाथ से मरम्मत के लिए एक बाहरी वेंडर – "Outeractive" – को हायर किया गया था। सिस्टम था: अलर्ट आया, काम बोर्ड पर दर्ज, वर्चुअल मशीनों को फेलओवर, क्लिनिक मैनेजर को जानकारी, फिर Outeractive को बुलाओ।
सब सही चल रहा था, Outeractive के टेक्नीशियन मौके पर पहुँचे। दस मिनट बाद फोन आया – "हम सर्वर तक पहुँच ही नहीं पा रहे!"
क्या मतलब? मैनेजर से चाभी चाहिए क्या?
"नहीं-नहीं, हम फिजिकल पहुँच ही नहीं पा रहे, सर्वर अटका हुआ है।"
फिर उन्होंने फोटो भेजी। फोटो देखकर ऑफिस में सब हँसी से लोटपोट! हुआ ये था कि, नया सर्वर पुराने सर्वर के ठीक ऊपर ऐसे रखा गया था जैसे कोई बड़ा भाई छोटे भाई के ऊपर बैठ गया हो। नीचे UPS, बीच में पुराना सर्वर, ऊपर नया सर्वर – तीनों ऐसे फँसे कि न ऊपर वाला हिल सकता, न नीचे वाला निकल सकता।
'जुगाड़' का जोखिम और आईटीवालों की फुर्ती
अब दिक्कत ये थी कि ऊपर वाले सर्वर पर क्लिनिक का लाइव डेटा चल रहा था – यानि थोड़ी भी गड़बड़, और पूरा अस्पताल ठप! और बैकअप? तो बस नीचे वाले सर्वर में, और एक पुराना बैकअप रात भर पहले का ऑफसाइट।
समझिए, जैसे किसी शादी में हलवाई के पास सिर्फ एक ही भगोना है – उसमें हलवा भी बनाना है और पूरी भी तलनी है, और भगोना कहीं फँस गया है! अब डरे हुए Outeractive वाले बोले, "इतना बड़ा रिस्क हम नहीं लेंगे!" तो खुद आईटी मैनेजर और उनके साथी को रात के आठ बजे, ऑफिस के बाद, क्लिनिक पहुँचना पड़ा – ठीक वैसे जैसे कोई दोस्त की स्कूटर खराब हो जाए और आप खुद पहुँचकर पंचर लगाओ।
क्लिनिक का सूनापन, पुरानी दीवारें और जुगाड़
क्लिनिक पहुँचे – चारों ओर सन्नाटा, सेनेटाइज़र की गंध, और हवा चलने पर अपने-आप खुलता बंद होता दरवाज़ा। अंदर सर्वर रूम में पहुँचे तो बाकी बिल्डिंग तो नई चमचमाती, पर सर्वर रूम में वही पुराना वॉलपेपर और फर्श – मानो किसी फिल्म का सीन हो!
दोनों ने मिलकर पहले सर्वर को थोड़ा ऊपर उठाया, फिर नई शेल्फ लगाई, फिर सर्वर को शेल्फ पर तिरछा रखना पड़ा क्योंकि रैक छोटा था। नीचे से UPS भी निकाला और नया लगा दिया। केबलिंग ठीक की ताकि अगली बार ऐसा हादसा न हो। सब सेटअप करके Outeractive को फिर बुलाया कि अब CMOS बैटरी बदल दो, क्योंकि कंपनी की पॉलिसी यही थी – इधर का जुगाड़, उधर की कागजी कार्रवाई!
कम्युनिटी की राय: "यार, CMOS बैटरी तो खुद ही बदल देते!"
रेडिट पर इस कहानी के नीचे भी खूब मज़ाक चला। एक यूज़र ने पूछा, "इतना सब करने के बाद CMOS बैटरी खुद ही क्यों नहीं बदल दी?" इसपर लेखक ने बताया – साहब, कंपनी की ठेका-पॉलिसी थी, काम वेंडर ही करेगा।
एक और मजेदार कमेंट आया – "सीएमओएस बैटरी की जगह अब काई (मॉस) लगवा लो, न सस्ती पड़ेगी न खराब होगी!" किसी और ने लिखा, "अगर ये इंडिया में होता तो वहाँ का चपरासी खुद ही जुगाड़ से सब निकाल देता, वो भी बिना बिजली काटे!"
यह सब कैसे हुआ? – जुगाड़ू आईटी इंजीनियर की दास्तां
अब असली वजह क्या थी कि सर्वर ऐसे अटके? कंपनी में बस दो लोग थे जो ये सिस्टम लगाते, उनमें से एक तो वर्क फ्रॉम होम करता था – मतलब सब जिम्मेदारी एक बंदे के ऊपर! उस बंदे ने भी सोचा, "भैया, और हार्डवेयर है नहीं, जितना बना लो उतना बढ़िया!" और सर्वर को ऐसे ही तिकड़म से रख दिया।
आखिरकार, ये क्लिनिक बंद हो गया और सर्वर दूसरे क्लिनिक में काम आए – यानी आईटी वालों की मेहनत कहीं न कहीं रंग लाई!
निष्कर्ष: सीख – आईटी में जुगाड़ चलेगा, पर जोखिम का ध्यान जरूर रखें!
दोस्तों, इस कहानी से यही सीख मिलती है कि चाहे ऑफिस छोटा हो या बड़ा, आईटी में जुगाड़ तो चलता रहेगा, पर डेटा की सुरक्षा के साथ कभी समझौता नहीं करना चाहिए। और हाँ, सर्वर रैक में चीज़ें जमाने का काम आईटी वाले को ही करने दीजिए – वरना ऐसा "अटका" हादसा कभी भी आपके साथ हो सकता है!
क्या आपके ऑफिस में भी कभी ऐसा कोई जुगाड़ू हादसा हुआ है? या कोई मजेदार आईटी घटना जिसे आज भी याद कर मुस्कुरा उठते हैं? नीचे कमेंट में जरूर बताइए!
मूल रेडिट पोस्ट: The Server Was “Obstructed”