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जब स्पीकरफोन पर मच गया रेस्टोरेंट में बवाल: एक छोटी सी बदला कहानी

ग्रामीण यूटा के एक शांत डैनीज़ में दो सहकर्मी लंच का आनंद लेते हुए।
अप्रत्याशित भोजन अनुभवों का魅力 खोजें! यह जीवंत छवि यूटा के दिल में एक खाली डैनीज़ में दो सहकर्मियों को भोजन साझा करते हुए दिखाती है, जो सड़क यात्रा की शांति और अनोखेपन को सही ढंग से चित्रित करती है।

हम सबने कभी न कभी किसी बस, ट्रेन या रेस्टोरेंट में बैठे-बैठे ऐसे लोगों को देखा है जो मोबाइल स्पीकरफोन पर धाँय-धाँय बातें कर रहे होते हैं, जैसे पूरा माहौल उन्हीं के परिवार का ड्राइंग रूम हो। ऐसे में मन करता है कि कोई उन्हें उन्हीं की भाषा में जवाब दे! आज की कहानी कुछ ऐसी ही है, जिसमें दो आम ऑफिस के सहकर्मी ने एक अजनबी की स्पीकरफोन वाली बदतमीजी पर ऐसा जवाब दिया कि हर कोई हँसते-हँसते लोटपोट हो गया।

सूना रेस्टोरेंट, शोरगुल का तड़का!

कहानी की शुरुआत होती है अमेरिका के एक दूर-दराज़ के इलाके में, जहाँ हमारे दो मुख्य किरदार—ऑफिस के सहकर्मी—लंच करने के लिए एक सुनसान रेस्टोरेंट (कुछ-कुछ हमारे हाईवे ढाबे जैसा माहौल सोचिए) में घुसते हैं। वेट्रेस बड़े प्यार से कहती है, "जहाँ मन हो, बैठ जाइए।" दोनों एक कोने वाली खिड़की के पास आराम से बैठ जाते हैं और ऑर्डर सोच रहे होते हैं कि तभी एक अजनबी अंदर घुसता है।

अब यहाँ से शुरू होती है असली फिल्म! वह आदमी बिल्कुल बगल वाली टेबल पर बैठते ही जोर-जोर से स्पीकरफोन पर अपनी बीवी से झगड़ना शुरू कर देता है—"साउथवेस्ट एयरलाइंस के टिकट, मम्मी को व्हीलचेयर चाहिए या नहीं, पार्किंग का खर्चा..." और फिर बीवी के भाई साहब भी कॉल पर आ जाते हैं। पूरी फैमिली मीटिंग, वो भी लाइव डिनर शो की तरह! हमारे दोनों हीरो गुस्से से घूर रहे, पर सामने वाले को कोई फर्क नहीं पड़ता—बल्कि वह और भी तेज चिल्लाने लगता है।

जब जवाब देने की बारी आई: देसी जुगाड़ का बदला

अब हमारे देश में भी अक्सर ऐसा होता है—कोई ऑटो या ट्रेन में फोन पर जोर-जोर से बोल रहा हो तो बाकी लोग आँखों-आँखों में ही इशारे करने लगते हैं। लेकिन यहाँ तो सहनशक्ति की भी हद हो गई थी! तो दोनों साथियों ने सोचा, "जैसा करोगे, वैसा भरोगे!" एक उठकर उस अजनबी के दूसरी ओर जा बैठा, और फिर शुरू हुआ 'स्पीकरफोन वॉर'।

पहला साथी: "मुझे टाइम से क्या लेना-देना, मैं तो फ्रेंच टोस्ट खाऊँगा!"

दूसरा साथी: "उम्मीद है, मिल्कशेक के साथ वो स्टील वाला एक्स्ट्रा कप भी मिलेगा!"

वेट्रेस भी समझ गई कि ये बदले का खेल चल रहा है। वो भी इस ड्रामे में हिस्सा लेने लगी—"अपने दोस्त से पूछो, अंडे कैसे चाहिए?"

जवाब आया—"SCRAMBLED!"

पूरा रेस्टोरेंट दो मिनट तक दो स्पीकरफोन पर गूंजता रहा, जैसे शाहरुख़-सलमान की लड़ाई हो रही हो। आखिरकार, वो अजनबी गुस्से में बड़बड़ाता हुआ चला गया। और हमारे दोनों हीरो, वेट्रेस के साथ हँसते-हँसते लोटपोट हो गए।

कम्युनिटी की राय: सबक सिखाने का संतोष

रेडिट पर इस कहानी को पढ़ने के बाद लोगों ने जमकर मज़ेदार कमेंट्स किए। एक यूज़र ने लिखा, "भाई, नाश्ते के साथ बदला भी सर्व किया—वाह!" वहीं किसी ने कहा, "अब ये तरीका मैं भी अपनाऊँगा—फ्यूचर के लिए नोट कर लिया है।" कईयों को यह कहानी इतनी पसंद आई कि बोले, "अब यह मेरी फेवरेट पेटी रिवेंज स्टोरी बन गई है!"

एक कमेंट ने तो कमाल का तंज कसा—"ऐसे लोगों के लिए मेरे फोन में 'नेवर गॉना गिव यू अप' गाना तैयार रहता है, बस प्ले करो और देखो कैसे भागते हैं!" किसी ने सलाह दी, "अगर कोई ऑफिस में बार-बार स्पीकरफोन पर बात करता है, तो उसकी कॉल के दौरान नंबर दोहराओ—फौरन सुधर जाएगा!"

एक और पाठक ने लिखा, "ऐसे लोगों को वही दवा खिलानी चाहिए जो वो दूसरों को पिलाते हैं, पर अफ़सोस, उन्हें स्वाद पहचान में ही नहीं आता।" किसी ने तो यहाँ तक कह दिया—"ये तो बिल्कुल हमारे देसी शादी-ब्याह के फंक्शन की तरह हो गया, जहाँ माइक सबके लिए होता है!"

क्या हमें भी सीखना चाहिए ऐसी 'पेटी' ट्रिक्स?

अब सवाल ये उठता है कि क्या ऐसे लोगों को जवाब देना सही है? हमारे यहाँ तो अक्सर लोग चुप रहना ही पसंद करते हैं, सोचते हैं—"क्या पंगा लेना!" लेकिन कई बार जिस तरीके से इन दोनों ने रचनात्मक बदला लिया, उसमें कोई झगड़ा नहीं, बस 'मौका पे चौका' वाला सीन था। वेट्रेस ने भी साथ निभाया, तो माहौल और भी रंगीन हो गया।

कई पाठकों ने माना कि ये कहानी दिल को तसल्ली देती है—जब कोई सामने वाला अपनी गलती खुद देख ले (चाहे गुस्से में ही सही)। किसी ने कहा, "असली मज़ा तो तब है जब ऐसे लोग खुद अपनी हरकतों से शर्मिंदा हो जाएँ।" वैसे, कुछ लोगों ने ये भी जोड़ा कि ऐसे लोग शायद कभी सुधरें नहीं, पर जवाब देना भी जरूरी है!

निष्कर्ष: आपकी क्या राय है?

तो दोस्तों, आप क्या करते अगर ऐसी सिचुएशन आपके साथ होती? क्या आप भी कभी किसी स्पीकरफोन वाले को उनकी ही भाषा में जवाब दे चुके हैं? या फिर कोई और मजेदार किस्सा है आपके पास? नीचे कमेंट में जरूर शेयर करें। और हाँ, अगली बार जब कोई रेस्टोरेंट या बस में स्पीकरफोन पर फुल वॉल्यूम पर बातें करे, तो ये कहानी याद रखिएगा—कभी-कभी 'पेटी रिवेंज' ही सबसे स्वादिष्ट डिश होती है!

आपकी राय का इंतजार रहेगा—कमेंट करें, शेयर करें और ऐसे ही मजेदार किस्सों के लिए जुड़े रहें!


मूल रेडिट पोस्ट: Speakerphone madness