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जब 'सीन पर छोड़ना' बना सबसे प्यारा बदला – एक मजेदार दोस्ती की कहानी

कभी-कभी सबसे छोटे-छोटे पल ही सबसे मजेदार यादें बन जाते हैं। क्या आपको भी कभी किसी दोस्त ने "सीन" पर छोड़ दिया है? यानी आपने मैसेज किया, सामने वाले ने पढ़ लिया, लेकिन जवाब नहीं आया! अब सोचिए, वही दोस्त एक दिन आपसे कुछ माँगे... और आप भी वही सीन दोहरा दें! आज की कहानी कुछ ऐसी ही है – हल्की-फुल्की, बिल्कुल अपनी सी।

दोस्ती, टेबल टेनिस और अमेरिका का सफर

हमारे कहानी के नायक, जिन्हें हम "अर्जुन" कह सकते हैं, और उनकी जूनियर "रिया", दोनों भारत के एक कॉलेज में टेबल टेनिस की टीम में थे। दोस्ती में हमेशा सम्मान, न कोई उलझन, न कोई सीमा लांघी। कॉलेज के बाद रिया सीधा अमेरिका मास्टर्स करने चली गईं, अर्जुन कुछ साल इंडिया में काम करके बाद में उसी यूनिवर्सिटी पहुँचे।

यूएस पहुंचते ही कैफेटेरिया में अचानक मुलाकात – "अरे, चलो कभी टेबल टेनिस खेलते हैं!" नंबर एक्सचेंज हुए, माहौल बढ़िया, दिल खुश। अर्जुन ने कुछ दिन बाद मैसेज किया – रिया ने “सीन” पर छोड़ दिया। न रिप्लाई, न हाय-हैलो।

"भूल गई थी" वाला बहाना और दूसरी मुलाकात

समय बीतता गया। जनवरी 2024 में फिर से कैंपस में मुलाकात हुई। अर्जुन ने हल्के-फुल्के अंदाज में पूछा, "मैंने तुम्हें मैसेज किया था, मिला?" रिया ने मुस्कुराकर जवाब दिया, "अरे हां, भूल गई थी। बाद में देखा तो लगा अब जवाब देना अजीब लगेगा।" अर्जुन भी दिल बड़ा करके मुस्कुरा दिए – कोई बात नहीं, दोस्ती में इतना तो चलता है।

कुछ महीनों बाद अर्जुन ने फिर कोशिश की, इस बार रिया ने जवाब दिया, तारीख भी बताई लेकिन ऐन मौके पर मना कर दिया। अर्जुन फिर भी नाराज नहीं हुए, आखिर दोस्ती में कभी-कभी ऐसे ‘कैंसिल’ होते ही रहते हैं।

इंजीनियरों की कॉमेडी नाइट और किस्मत का ‘सीन’

समर 2025, यूनिवर्सिटी में इंजीनियरों की कॉमेडी नाइट थी – वही जिसमें "इंजीनियरिंग के जोक्स" चलते हैं, हॉल ठहाकों से गूंजता है। अर्जुन सबसे आगे, फर्स्ट रो में – कमाल की सीट, सेल्फी विद कॉमेडियन्स, फोटोज़ धमाकेदार! और रिया? कहीं पीछे की सीट पर।

शो के बाद अर्जुन ने इंस्टाग्राम पर धुआंधार फोटोज़ डालीं। तभी रिया का मैसेज आया – "प्लीज, फोटो भेज दो 😂"। अब अर्जुन को वो पुरानी बातें याद आ गईं – जब उन्होंने मैसेज किया था, तब रिप्लाई नहीं मिला था। अर्जुन ने रिया का मैसेज "सीन" पर छोड़ दिया। वाह! कितना प्यारा, सधा हुआ, और हल्का-फुल्का बदला।

ऑनलाइन कम्युनिटी की तड़का – जरा सुनिए सबकी राय!

रेडिट पर इस कहानी को पढ़कर कई लोग हँसी नहीं रोक पाए। एक पाठक ने लिखा, "यह सबसे ज्यादा प्यारा बदला है, दोस्ती में इतना चलता है।" (ठीक वैसे ही जैसे हम अपने यारों को कभी-कभी मजाक में छेड़ देते हैं।)

एक और यूज़र ने मजे लेते हुए कहा – "सोचने वाली बात है, जिसने तुम्हें इग्नोर किया, वही अब फोटो माँग रही है, क्या गजब की हिम्मत है!" (हमारे यहाँ इसे कहते हैं, 'ऊँट के मुँह में जीरा' या 'करे कोई, भरे कोई!')

किसी ने तंज कसा, "तुमने तो इंस्टा स्टोरी पर फोटो डाल दी, वो वहाँ से डाउनलोड कर सकती थी।" अर्जुन ने जवाब दिया, "स्टोरी पर फोटो थी, शायद इसलिए सीधे मुझसे माँग ली।"

एक ने चुटकी ली, "अब तो उसे भी पता चल गया होगा, कि जो बोओगे वही काटोगे!" और सच में, ये बदला इतना मासूम था कि न कोई नाराज हो सकता, न कोई गलत समझ सकता।

छोटी-छोटी बातों में छुपी है असली खुशियाँ

हमारे समाज में अक्सर रिश्तों में 'इगो' या 'अहंकार' आ जाता है, लेकिन कभी-कभी इन छोटी-छोटी बातों में मजा ही कुछ और है। अर्जुन ने गुस्से या बदले की भावना से नहीं, बल्कि हल्के-फुल्के अंदाज में वही किया, जो रिया ने पहले किया था।

कई बार हम भी अपने दोस्तों के साथ ऐसे प्यारे मजाक करते हैं – जैसे "अरे, तेरा मैसेज देखा, लेकिन सोचा अब जवाब दूँ तो अजीब लगेगा!" या फिर "देख ले, अब तू भी रीप्लाई का इंतजार कर!" यही तो दोस्ती की मिठास है।

निष्कर्ष – आपकी बारी!

क्या आपके साथ भी ऐसा हुआ है कि किसी ने आपको "सीन" पर छोड़ दिया हो? या आपने कभी मजाक में किसी को ऐसा प्यारा बदला दिया हो? नीचे कमेंट में जरूर बताइए!

याद रखिए, दोस्ती में हल्के-फुल्के बदले ही तो असली रंग लाते हैं – न कोई कटुता, न कोई गिला-शिकवा, बस हँसी-मजाक और यादें!

तो अगली बार अगर कोई आपको "सीन" पर छोड़ दे, तो परेशान मत होइए – शायद जिंदगी आपको भी मौका देगी, "सीन पर छोड़ने" का प्यारा बदला लेने का!


मूल रेडिट पोस्ट: Oops I forgot to reply too