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जब 'रैट-रनर' ड्राइवर को मिली अपनी ही चालाकी की सजा!

ट्रैफिक लाइट पर इंतज़ार कर रहे एक परेशान ड्राइवर का एनिमे चित्रण, 'रैट-रनर्स' की समस्या को उजागर करते हुए।
इस जीवंत एनिमे दृश्य में, एक ड्राइवर ट्रैफिक लाइट पर इंतज़ार करने की निराशा का अनुभव कर रहा है, जबकि पास में एक 'रैट-रनर' तेज़ी से गुज़र रहा है, जो कुछ लोगों के ट्रैफिक से बचने के चालाक तरीके को दर्शाता है। आइए, मैं आपको इस अधीर ड्राइवर के साथ अपने अनुभव और उसके बाद के चौंकाने वाले क्षणों से अवगत कराता हूँ!

शहर की सड़कों पर ट्रैफिक का झंझट, बड़े-बड़े ट्रक और जल्दीबाज़ी में हॉर्न बजाते ड्राइवर—ये सब तो हमारे यहाँ भी आम नज़ारा है। लेकिन क्या आप जानते हैं "रैट-रनर" कौन होते हैं? ये वो चालक हैं जो ट्रैफिक सिग्नल के इंतज़ार से बचने के लिए पेट्रोल पंप, दुकान या गली-कूचों से ज़िग-ज़ैग करते हुए निकल जाते हैं। ज़्यादातर जगहों पर ये गैरकानूनी भी होता है, लेकिन इनको पकड़ना मुश्किल है।

आज हम आपको एक ऐसी ही मज़ेदार घटना सुनाने जा रहे हैं, जिसमें एक जल्दबाज़ "रैट-रनर" अपनी ही चालाकी में फंस गया। कहानी में तड़का है, हास्य है और सबक भी!

"रैट-रनर" की जल्दीबाज़ी और हॉर्न-गाथा

कहानी की शुरुआत एक आम दिन की तरह होती है। एक व्यक्ति अपनी गाड़ी लेकर ट्रैफिक सिग्नल पर रुका है, आगे तीन-चार गाड़ियाँ और। दाएँ मुड़ने का सिग्नल है, लेकिन पहली गाड़ी सीधी जाने वाली है, इसलिए सबको रुकना पड़ रहा है। तभी अचानक पीछे से काले ट्रक वाला ज़ोर-ज़ोर से हॉर्न बजाने लगता है। लगता है जैसे किसी ने उसकी चाय ठंडी कर दी हो!

हमारे नायक को जल्दीबाज़ ट्रक वाले की मंशा समझ आ गई—वो चाहता था कि ज़रा-सा आगे हट जाएं ताकि वह पेट्रोल पंप से होते हुए ट्रैफिक सिग्नल को चकमा दे सके। लेकिन आगे गाड़ियाँ हैं, कहाँ जाएं? ट्रक वाला हाथ नचाता, मुंह बनाता, ऐसे बर्ताव कर रहा था जैसे पूरी सड़क उसका खानदानी है। बाकी गाड़ियों ने भी समझदारी दिखाई और थोड़ा-सा आगे खिसक गईं, जिससे ट्रक वाला पेट्रोल पंप में घुस गया।

अब मज़ा तो तब आया जब ट्रक वाला बिना कोई "सॉरी" का इशारा किए, फिर से बुरा सा मुंह बनाके निकल गया—जैसे सारी गलती सामने वाले की हो।

किस्मत का खेल: हारा "रैट-रनर", जीता सब्र

जैसे ही ट्रक वाला पेट्रोल पंप में गया, उसी समय ट्रैफिक लाइट हरी हो गई। आगे कोई पैदल यात्री नहीं था, तो हमारे नायक ने मुस्कराते हुए दायाँ मोड़ ले लिया। पेट्रोल पंप के बाहर खड़े ट्रक ड्राइवर से आंखों में आंखें मिलाकर एक तिरछी मुस्कान दी—अब वो वहीं खड़ा रह गया! ट्रक वाला जब निकला, तब तक देर हो चुकी थी। हालांकि उसने गुस्से में तेजी से गाड़ी भगाई, लेकिन उस पहली जीत का मज़ा तो हमारे नायक को ही मिला।

एक पाठक ने बड़े मज़ेदार तरीके से कहा, "ये ट्रक वाले हर बार 'विनर' बनने की कोशिश करते हैं, लेकिन खुद ही फँस जाते हैं!" (बिल्कुल वैसे ही जैसे हमारे यहाँ रोड पर जल्दीबाज़ी करने वाले कई लोग खुद को चालाक समझते हैं, पर ट्रैफिक उन्हें वहीं का वहीं छोड़ देता है।)

"रैट-रनिंग" की भारतीय झलकियाँ और पाठकों की राय

अगर आप सोच रहे हैं कि ये सब सिर्फ विदेशी सड़कों पर होता है, तो ज़रा दिल्ली, मुंबई या बेंगलुरु की ट्रैफिक में देख लीजिए। यहाँ भी ढेरों "रैट-रनर" मिल जाते हैं—कभी हाउसिंग सोसाइटी के गेट से शॉर्टकट, कभी मंदिर के बाहर से चक्कर लगाना। लेकिन ज्यादातर बार ये लोग अपने गुस्से, हॉर्न और जल्दीबाज़ी में खुद ही परेशानी में पड़ जाते हैं।

एक पाठक ने अपने अनुभव में बताया कि कैसे उनके इलाके में लोग साइड रोड्स को रेसिंग ट्रैक समझ लेते हैं, लेकिन जब-जब ट्रैफिक लाइट ग्रीन होती है, वे सब वहीं के वहीं रह जाते हैं और सीधा चलने वाला शांति से आगे निकल जाता है।

दूसरे ने लिखा, "ऐसे लोगों को देख के तो मन करता है कि और धीरे चलूँ, ताकि उनकी जल्दीबाज़ी की हवा निकल जाए!" वैसे हमारे यहाँ भी जब कोई जल्दी-जल्दी ओवरटेक करता है और बाद में वही अगले सिग्नल पर आपके बराबर खड़ा मिल जाता है, तो दिल में एक मीठी-सी जीत का एहसास होता है!

हास्य और सीख: "जल्दी का काम शैतान का!"

कई पाठकों ने इस कहानी के बहाने बड़े मज़ेदार कमेंट किए। एक ने लिखा, "ट्रक जितना बड़ा, मर्दानगी उतनी छोटी?" इस पर सब हँस पड़े। दूसरी ने कहा, "इनको तो खुद पुलिस से मिलवा देना चाहिए, ताकि समझ आ जाए कि कानून का मज़ाक बनाना महँगा पड़ सकता है।"

एक और पाठक ने बड़ी प्यारी बात कही—"पहली जीत ही सबसे खास होती है, बाद में चाहे वो आगे निकल भी जाए, लेकिन उस मुस्कान और जीत का मज़ा अलग ही है।"

कहानी का सार यही है कि ट्रैफिक में धैर्य रखना सबसे बड़ी चालाकी है। और कभी-कभी, छोटी-सी मुस्कान और सब्र से ही बड़ी जल्दीबाज़ी वालों को सही जगह दिखा दी जाती है।

निष्कर्ष: आपकी "रैट-रनर" कहानी क्या है?

तो साथियों, अगली बार जब कोई जल्दीबाज़ ट्रक वाला या स्कूटर वाला आपको हॉर्न बजा-बजाकर परेशान करे, तो घबराइए मत। शांति से गाड़ी चलाइए, शायद किस्मत आपके साथ मज़ाक कर जाए और वो शॉर्टकट लेने वाला खुद ही फँस जाए!

क्या आपके साथ भी ऐसा कुछ हुआ है? अपनी मज़ेदार या झल्लाहट भरी ट्रैफिक कहानियाँ नीचे कमेंट में ज़रूर साझा करें!

"जल्दी का काम शैतान का"—इसका मज़ा तो वही समझ सकता है जिसने कभी ट्रैफिक में सब्र रखा हो।

चलते-चलते—याद रखिए, सड़क सबकी है, धैर्य सबसे बड़ी जीत!


मूल रेडिट पोस्ट: I beat out an impatient 'rat-runner'