जब यूज़र ने अपने ज़रूरी फाइलें रीसायकल बिन में रखीं – और कंप्यूटर वाला बना विलेन!
कई बार हमारे ऑफिस या घरों में ऐसा कुछ हो जाता है कि हँसी भी आती है और माथा भी ठनक जाता है। कंप्यूटर की दुनिया भी कुछ ऐसी ही है, जहाँ एक छोटी सी गलती, बड़ा झमेला खड़ा कर सकती है। आज हम आपके लिए लाए हैं एक ऐसी मज़ेदार कहानी, जो टेक सपोर्ट की दुनिया से है, लेकिन इसमें छुपा है एक बड़ा सबक – और ढेर सारी हँसी!
रीसायकल बिन: कूड़े का डिब्बा या तिजोरी?
हमारे यहाँ अक्सर लोग कहते हैं, “कूड़े में मत डालो, कुछ काम का सामान निकल आए!” अब सोचिए, अगर कोई अपनी जन्मपत्री, पैसे या ज़रूरी कागज़ात सच में कूड़े के डिब्बे में रख दे, तो क्या होगा? Reddit पर शेयर हुई एक घटना ने यही सवाल खड़ा कर दिया।
एक टेक सपोर्ट इंजीनियर को कॉल आई – “भैया, मेरा लैपटॉप बहुत स्लो हो गया है, कुछ कर दो।” भाईसाहब ने सबसे पहले देखा कि हार्ड डिस्क पूरी भरी पड़ी है। नियम के मुताबिक, उन्होंने फालतू फाइलें, टेम्प फोल्डर और रीसायकल बिन साफ कर दिया। बस, कंप्यूटर फटाफट चलने लगा।
पर कहानी यहीं खत्म नहीं हुई! कुछ ही मिनट बाद वही यूज़र बुरी तरह नाराज़ होकर फिर कॉल करता है, “मेरी सारी फाइल्स कहां गईं? आपने डिलीट कर दीं!” बेचारा टेक सपोर्ट वाला समझाता रहा, “भाई, मैं फाइल्स नहीं हटाता, कूड़ा ही साफ करता हूं।” लेकिन जैसे ही असलियत सामने आई, सबकी हँसी छूट गई – जनाब ने अपनी सारी जरूरी फाइलें रीसायकल बिन में संभाल के रखी थीं!
क्या सच में लोग ऐसा करते हैं?
आपको लगेगा, “अरे, ऐसा कौन करता है?” लेकिन Reddit कम्यूनिटी के कमेंट्स पढ़िए, तो पता चलता है कि ये गलती अकेले हमारे उस यूज़र की नहीं! एक यूज़र ने मज़ाक में लिखा, “कूड़ा साफ कर दिया? वहीं तो मैं अपनी दौलत और जन्म प्रमाणपत्र रखता हूं!” किसी की माँ ने 700 डॉलर का क्रिस्टल गलती से कूड़े के पास रख दिया, सफाई वाले उठा ले गए। एक साहब का डाली पेंटिंग, तो किसी का विंटर जैकेट गलती से सफाई में चला गया!
और तो और, एक कमेंट में बताया गया कि एक बड़ी कंपनी के सीईओ, जिनके पास PhD भी थी, वो भी अपने ज़रूरी ईमेल्स ट्रैश फोल्डर में रखते थे। जब IT वालों ने ट्रैश क्लीन कर दिया, तो साहब हंगामा करने लगे! एक और किस्सा – एक डेवलपर महाशय अपने कीमती हार्डवेयर को ऑफिस के वेस्ट बास्केट (कूड़ेदान) में रखते थे, सफाई वाले नए आए और सब फेंक दिया।
‘डिलीटेड’ का मतलब ही समझना ज़रूरी है
कई बार टेक्नोलॉजी से दूरी या जानकारी की कमी, लोगों को ऐसी अजीब हरकतें करने पर मजबूर कर देती है। एक कमेंट में लिखा था, “अगर आपको ही नहीं पता कि ‘डिलीटेड’ का मतलब क्या है, तो फिर गलती किसकी?” कई लोग सोचते हैं कि रीसायकल बिन या डिलीटेड आइटम्स फोल्डर में चीज़ें सुरक्षित हैं, या फिर स्टोरेज को प्रभावित नहीं करतीं। एक टेक सपोर्ट वाले ने कहा – “मेरी एक क्लाइंट तो बाकायदा डिलीटेड आइटम्स में फोल्डर बनाकर जरूरी मेल्स रखती थी, और दूसरों को भी यही सिखा रही थी!”
असल में, रीसायकल बिन कंप्यूटर का असली कूड़ादान है। जैसे घर में हम कूड़े में ज़रूरी चीज़ें नहीं रखते, वैसे कंप्यूटर में भी रीसायकल बिन सिर्फ फालतू चीज़ों के लिए है। लेकिन आसान पहुँच (डेस्कटॉप पर शॉर्टकट) और ‘फोल्डर’ जैसा दिखने के कारण कई लोग इसे अस्थायी तिजोरी समझ बैठते हैं।
हँसी-ठिठोली और सीख – टेक सपोर्ट का अनुभव
कई कमेंट्स में टेक सपोर्ट वालों ने सलाह दी कि अब जब भी वे किसी का कंप्यूटर साफ करने जाएं, सबसे पहले पूछते हैं – “भाई, कहीं रीसायकल बिन में कुछ ज़रूरी तो नहीं?” किसी ने तो यहाँ तक कह दिया, “ऐसे लोगों से खाना कभी मत खाओ, जो अपने ज़रूरी सामान कूड़े में रखते हैं!”
हमें भी ऑफिस या घर में अक्सर ऐसा कोई मिल जाता है, जो अपने ‘डिलीटेड’ मेल्स में ही सबकुछ संभालकर बैठा रहता है, या फिर डेस्कटॉप को गोदाम बना रखा है। एक साहब की पत्नी ने 10 साल पुरानी मेल्स डिलीट नहीं की थीं, क्योंकि “शायद कभी ज़रूरत पड़े।” आखिरकार, जब कंप्यूटर चलना बंद हुआ, तो उन्हें समझ आया कि पुरानी चीज़ें छोड़नी भी ज़रूरी है।
निष्कर्ष: कूड़े का डिब्बा, तिजोरी नहीं!
तो साथियो, टेक्नोलॉजी चाहे हमारे जीवन का कितना भी बड़ा हिस्सा बन जाए, कुछ बेसिक बातें याद रखना बहुत ज़रूरी है। रीसायकल बिन या डिलीटेड आइटम्स फोल्डर कोई तिजोरी नहीं, बल्कि कूड़े का डिब्बा है। ज़रूरी फाइलें हमेशा My Documents, Google Drive या किसी सुरक्षित जगह पर रखें।
अगर आप भी कभी टेक सपोर्ट वाले से मदद लें, तो पहले खुद चेक कर लें कि कहीं आपकी ‘खजाना’ रीसायकल बिन में तो नहीं छुपा! और हाँ, अगर आपके आस-पास भी कोई ऐसा है, तो उन्हें भी ये कहानी सुनाइए – हँसी भी आएगी और सीख भी मिलेगी।
क्या आपके साथ या आपके ऑफिस में कभी ऐसी कोई घटना हुई है? कमेंट में जरूर बताइए, ताकि हम सब मिलकर और किस्सों पर हँस सकें – और कुछ सीख भी सकें!
मूल रेडिट पोस्ट: User got mad!