जब माँ के बेवफा बॉयफ्रेंड को मिला नेटफ्लिक्स पर बच्चों वाला सबक!
हमारे घरों में जब कोई अपने साथ धोखा करता है, तो गुस्सा और दुःख के साथ-साथ मन में बदला लेने की भी इच्छा जागती है। लेकिन बदला हर बार तलवार या गाली-गलौज से नहीं लिया जाता—कभी-कभी एक मासूम सी शरारत ही सामने वाले को उसकी औकात दिखा देती है। आज की कहानी ऐसी ही है, जिसमें बेटे ने अपनी माँ के बेईमान बॉयफ्रेंड को नेटफ्लिक्स के ज़रिए ऐसा सबक सिखाया, जिसे सुनकर पूरा परिवार भी हँस पड़ा!
दोस्ती, धोखा और दोगलापन: घर की कहानी
कल्पना कीजिए—तीस-पैंतीस साल की पुरानी दोस्ती, जिसमें आपके माता-पिता और उनके दोस्त भी शामिल हों। सबकुछ अच्छा चल रहा था, लेकिन फिर अचानक माँ को उसके बॉयफ्रेंड ने घर से निकाल दिया। वो भी बिना किसी वजह के। बाद में पता चला कि साहब किसी और महिला के साथ चक्कर चला रहे थे। और क्योंकि घर उनका था, माँ को बेघर होना पड़ा।
हर तरफ हंगामा मच गया, दोस्ती का पूरा ग्रुप दो-तीन हिस्सों में बंट गया। ज़्यादातर लोग माँ के साथ थे, लेकिन कुछ लोग अब भी उस धोखेबाज़ के पक्ष में थे। और मज़े की बात यह कि खुद को पीड़ित बताने में भी पीछे नहीं रहे!
नेटफ्लिक्स पर शरारती बदला: "खुद का ले ले अकाउंट!"
अब सुनिए असली मज़ेदार हिस्सा—बेटे के पास अपने नेटफ्लिक्स अकाउंट का लॉगिन था, जो कभी-कभी माँ के घर की टीवी पर चलता था। शायद बेटे ने लॉगआउट करना भूल गया और अगले साल गर्मियों में उसे पता चला कि कोई उसकी आईडी से अजीब-अजीब चीज़ें देख रहा है।
थोड़ी छानबीन के बाद पता चला कि माँ का एक्स-बॉयफ्रेंड अपने नाम की प्रोफ़ाइल बना चुका है और मज़े से मुफ्त में नेटफ्लिक्स देख रहा है! सोचिए, जिसने आपकी माँ को धोखा दिया, वो अब भी आपके पैसे पर ऐश कर रहा है!
गुस्से के बजाय बेटे को सूझी एक शरारती तरकीब—उसने उसकी प्रोफ़ाइल का नाम बदलकर रख दिया: "खुद का ले ले अकाउंट 🖕🏻" और उस प्रोफ़ाइल को बच्चों के मोड में डाल दिया, जिससे वो सिर्फ कार्टून या बच्चों के प्रोग्राम ही देख सकता था!
पार्टी में हँसी के ठहाके: कैसे पूरा परिवार हो गया एकजुट
जिस दिन ये सब हुआ, उसी दिन एक पारिवारिक बर्थडे पार्टी थी, जिसमें माँ, उसका एक्स-बॉयफ्रेंड और उसकी नई गर्लफ्रेंड भी आए हुए थे। परिवार में सब उसे झेलना नहीं चाहते थे, पर ग्रुप की परंपरा थी तो बुलाना पड़ा।
पार्टी में बेटे ने माँ को फोन कर बताया कि उसने नेटफ्लिक्स पर क्या किया है। माँ पहले गुस्से में थी, फिर ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगी। उसने वहाँ सबको ये किस्सा सुनाया और पार्टी में लोगों की हँसी रुक नहीं रही थी! दादी तो आज भी उस किस्से को याद करती हैं और मुस्कुरा देती हैं।
कम्युनिटी की राय: बदला या थेरेपी?
रेडिट पर लोगों ने इस पूरे किस्से को खूब सराहा। एक यूज़र ने लिखा—"ऐसी छोटी-छोटी बदमाशियाँ असली थेरेपी होती हैं!" एक और ने सुझाव दिया कि बेटा एक्स-बॉयफ्रेंड की प्रोफ़ाइल में सिर्फ ऐसी वेब सीरीज़ और फ़िल्में ऐड करता जिसमें धोखेबाज़ों को सबक मिलता है—जैसे हमारे यहाँ 'कर्म का फल' दिखाने वाले सीरियल्स।
किसी ने मज़ाक में लिखा—"अगर वो बच्चा बनकर व्यवहार करेगा, तो उसे बच्चों वाला कंटेंट ही देखना चाहिए!" किसी और ने कहा—"शरारती बदला सबसे मज़ेदार होता है, बस ध्यान रहे कि सीमा न लांघे।"
और हाँ, बेटे ने बाद में सबको अकाउंट से लॉगआउट करवा दिया, पासवर्ड बदल दिया और एक्स-बॉयफ्रेंड को एक मोबाइल ऐप से पैसे के लिए रिक्वेस्ट भेज दी। एक्स-बॉयफ्रेंड ने पैसे भेज भी दिए, लेकिन फिर भी अपनी गलती मानने को तैयार नहीं था!
रिश्तों में ईमानदारी और परिवार की ताकत
इस किस्से में सीख यही है कि रिश्तों में विश्वास सबसे जरूरी है। धोखेबाज़ लोग चाहे जितना खुद को सही साबित करें, एक न एक दिन सच सबके सामने आ ही जाता है। और परिवार, चाहे असली हो या दोस्तों जैसा, हमेशा साथ खड़ा रहता है।
जैसा कि एक यूज़र ने कहा—"अगर तुम्हारी माँ परिवार के लिए अपनी जगह बनाए रख पाई, और पूरा ग्रुप उस धोखेबाज़ को छोड़कर उसके साथ हो गया, तो यही असली जीत है। नेटफ्लिक्स तो बस बहाना था!"
निष्कर्ष: आपकी राय?
तो दोस्तों, आपको यह कहानी कैसी लगी? क्या आपने भी कभी किसी को इसी तरह शरारती तरीके से सबक सिखाया है? नीचे कमेंट्स में बताइए! और हाँ, याद रखिए—कभी-कभी सबसे बड़ा बदला सिर्फ एक मीठी मुस्कान और थोड़ी सी शरारत से लिया जा सकता है।
मूल रेडिट पोस्ट: My mom’s boyfriend kicked her out of the house.