जब मेहमान ने होटल से मांगी पार्किंग टिकट की भरपाई: एक मज़ेदार किस्सा
होटल में काम करना मतलब हर दिन नए-नए किरदारों से मिलना। कोई अपनी कॉफी में शक्कर कम होने पर नाराज़, तो कोई कमरे की चादर में शिकन देखकर शिकायत करता है। मगर कभी-कभी कुछ मेहमान ऐसे किस्से छोड़ जाते हैं कि पूरी टीम महीनों याद रखती है। आज की कहानी भी ऐसी ही है, जिसमें एक मेहमान ने होटल से अपनी पार्किंग टिकट का पैसा भरने की माँग कर डाली—और वो भी पूरे आत्मविश्वास के साथ!
"मेरा घर तीन महीने में ठीक हो गया, आपकी पूल अब तक क्यों नहीं?"
कुछ हफ्ते पहले, हमारे होटल में एक नियमित मेहमान अपने परिवार के साथ आए। पिछली बार आए थे तो नंबर बदल चुका था, इसलिए हम उन्हें सूचित नहीं कर पाए कि पिछले साल आए तूफान के कारण हमारी स्विमिंग पूल अभी तक बंद है। जब उन्होंने चेक-इन किया, तो मैंने विनम्रता से सारी स्थिति समझाई। लेकिन उनकी पत्नी को तो जैसे गुस्सा आने का बहाना मिल गया! बोलीं, "हमारा घर भी तूफान में खराब हो गया था, सिर्फ तीन महीने में सब ठीक हो गया। होटल की पूल में कौन-सा ताजमहल बनाना है?"
मैंने शांत रहकर समझाया, "मैडम, घर और बिज़नेस की मरम्मत में जमीन-आसमान का फर्क है। ऊपर से इंश्योरेंस कंपनी भी पूल और सी-वाल की मरम्मत का खर्चा नहीं देती। 1.2 मिलियन डॉलर का बिल है!" मगर उनकी शिकायतें पूरे हफ्ते चलती रहीं।
टिकट का झमेला—"होटल को भरना चाहिए मेरा चालान!"
मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। कल उस मेहमान ने फोन किया—अबकी बार उनकी शिकायत नई थी। डाक से उन्हें 50 डॉलर का पार्किंग टिकट मिला था, अवैध पार्किंग के लिए, और अब वे चाहते थे कि होटल उसका भुगतान करे! उनका तर्क था, "आपने ही तो हमें वहाँ पार्क करने को कहा था।"
असल में, हमारी सीधी बीच एंट्री भी तूफान के बाद बंद थी। हम मेहमानों को पास के पार्क या बीच के पब्लिक एंट्री की ओर भेज रहे थे। जनाब गए, मगर वह पार्क जहाँ उन्होंने गाड़ी लगाई, वह साफ-साफ "निर्माणाधीन" था—गेट बंद, साइनबोर्ड, और सिर्फ कंस्ट्रक्शन ट्रक। फिर भी उन्होंने गाड़ी ठोक दी वहीँ। अब जब चालान आया, तो होटल को दोष देना भी ज़रूरी था!
पीछे से उनकी पत्नी की आवाज़ आई—"हम वकील कर लेंगे, देख लेना!"
"वकील बुलाओ"—ये डायलॉग होटल वालों के लिए क्या मायने रखता है?
अब भारतीय समाज में भी आपने देखा होगा—कई बार लोग छोटी-छोटी बातों पर 'कोर्ट में घसीटने' की धमकी दे देते हैं। मगर सोचिए, 50 डॉलर के चालान पर वकील करना, जैसे 5 रुपये के विवाद में सुप्रीम कोर्ट जाना! Reddit के एक यूज़र ने कमाल की बात कही, "लोग वकील का नाम ऐसे लेते हैं, जैसे घर में सब्ज़ी मंडी से खरीद लिया हो।"
होटल इंडस्ट्री में ये आम बात है कि जब कोई मेहमान बार-बार दिक्कत करता है, तो उसे 'DNR'—यानि "Do Not Rent" यानी अगली बार से बैन कर दिया जाता है। हमारे यहाँ भी, अगर कोई बार-बार नौटंकी करे, तो होटल वाले कहते हैं—"भैया, अब अगली बार से बुकिंग नहीं मिलेगी।"
एक और यूज़र ने चुटकी ली—"350 डॉलर प्रति घंटे वाले वकील से 50 डॉलर के चालान के लिए लड़ना, वाह समझदारी है!" और एक मज़ेदार सलाह आई—"जैसे ही कोई कहे 'हम वकील बुलाएंगे', कह दो—'अब सारी बात हमारे लीगल डिपार्टमेंट से ही होगी।' फिर देखना, कैसे हवा निकलती है!"
व्यक्तिगत जिम्मेदारी—किसी और की गलती, खुद की मर्जी!
हमारे यहाँ भी अकसर देखा है, अगर ट्रैफिक पुलिस ने चालान काटा, तो लोग बहाने बनाते हैं—'पुलिस वाले ने गलत जगह खड़ा कराया', 'गाड़ी की लाइट खराब थी, मगर काम पर जा रहे थे' वगैरह। Reddit पर एक सज्जन ने लिखा—"लोग खुद से गलती करें, और फिर चाहते हैं कि कोई और उसका जिम्मेदार बने।"
असल में, होटल ने तो सिर्फ ये बताया था कि आसपास कहाँ-कहाँ पार्किंग उपलब्ध है। आखिरकार, गाड़ी कहाँ लगानी है, ये तो अपनी जिम्मेदारी है। अगर कोई साफ-साफ 'निर्माणाधीन' पार्किंग में गाड़ी लगाता है, तो उसका नतीजा भुगतना भी उसी का हक है।
एक यूज़र ने बिल्कुल सही लिखा—"अगर कोई बार-बार ऐसी हरकतें करता है, तो होटल को चाहिए कि उसे हमेशा के लिए बैन कर दे।"
निष्कर्ष: क्या सीख मिली इस किस्से से?
इस कहानी से यही सीख मिलती है कि दूसरों की गलती निकालना आसान है, मगर अपनी जिम्मेदारी समझना उतना ही ज़रूरी। चाहे होटल हो या कोई भी सेवा क्षेत्र, हर जगह ऐसे मेहमान मिलते हैं, जो छोटी-छोटी बातों पर बड़ा हंगामा खड़ा कर देते हैं।
अब आप ही बताइए, अगर आपके साथ ऐसा कोई मेहमान आए, तो आप क्या करेंगे? नीचे कमेंट में अपनी राय ज़रूर लिखें। और अगर आपके पास भी ऐसे मजेदार होटल या ऑफिस के किस्से हैं, तो हमारे साथ शेयर करें—क्योंकि इस देश में कहानियों की कभी कमी नहीं!
धन्यवाद, पढ़ते रहिए, मुस्कराते रहिए!
मूल रेडिट पोस्ट: I had a guest call me yesterday asking to pay for his ticket