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जब मौसी ने दिया सबसे शोरगुल वाला तोहफा: क्रिसमस पर बदले का मीठा स्वाद

त्योहारों की सजावट से घिरा एक रंग-बिरंगा, शोर मचाने वाला खिलौना।
यह जीवंत चित्र क्रिसमस की खुशी और हलचल को दर्शाता है, जिसमें सबसे शोर मचाने वाला खिलौना है—मेरी भतीजी के लिए एकदम सही उपहार!

बचपन में हम सबने कभी न कभी शरारती तोहफों का स्वाद चखा है—चाहे वो चिल्लाने वाली सीटी हो या ड्रम सेट, जिसने पूरे मोहल्ले का जीना हराम कर दिया हो। लेकिन सोचिए, अगर कोई आपको सालों तक नज़रअंदाज़ करे, आपके त्योहार बिगाड़े—तो आप बदले में क्या करेंगे? Reddit की इस कहानी में एक मौसी ने अपने परिवार से मिली बेरुखी का ऐसा मीठा बदला लिया कि पढ़कर हर किसी के चेहरे पर मुस्कान आ जाएगी।

परिवार की बेरुखी और मौसी का प्यार

इस कहानी की नायिका (u/snoregasmm) का बचपन थोड़ा अलग रहा। परिवार में हमेशा उन्हें नज़रअंदाज़ किया गया—कभी बर्थडे याद नहीं, कभी शादी-ब्याह से बाहर, तो कभी त्योहारों में बुलावा ही नहीं। मन में टीस तो थी, लेकिन मनोचिकित्सक की मदद से उन्होंने दिल को संभाला। परिवार भले ही दूर रहा, पर भतीजी के साथ उनका रिश्ता बेहद गहरा था। ये वही रिश्ता है जिसे हमारे यहाँ अक्सर "मौसी और भांजी का अटूट बंधन" कहा जाता है, जिसमें प्यार के साथ-साथ शरारत भी छुपी रहती है।

शरारती तोहफों की दुनिया: ड्रम सेट से कराओके तक

अब आते हैं असली मास्टरस्ट्रोक पर! भतीजी को Kpop Demon Hunters का शौक था—जैसे हमारे यहाँ छोटे बच्चों को "नागिन डांस" या "चुन्नी चोर" का चस्का लग जाता है। मौसी ने उसे एक 'Sing n Bling' कराओके माइक्रोफोन गिफ्ट किया, जिसमें ब्लूटूथ, स्पीकर और खुद सजाने के लिए रंगीन पत्थर—यानी 'पूरी राम-लीला'। सोचिए, पाँच साल की बच्ची पूरे घर में गाने गा रही है और वो भी ऐसे घर में जहाँ बाहर बर्फबारी हो रही है, सब एक ही छत के नीचे कैद!

यहाँ एक यूज़र ने कमेंट किया—"याद है बचपन में जब किसी ने ड्रम सेट गिफ्ट दिया था? पूरा घर सिर पकड़ के बैठ गया था!" कोई कहता है—"अगली बार टिन की सीटी या हार्मोनियम भेजना, वो बिना बैटरी के भी सबका चैन चुरा सकते हैं!" एक और ने मजाक में जोड़ा, "बिल्कुल सही! बैटरियों का पूरा पैकेट भी भेजो, ताकि गाने का सिलसिला रुके ही नहीं।"

बदले की भावना या प्यार की नई परिभाषा?

यह कहानी बदले से ज़्यादा, उस मीठी शरारत की मिसाल है जो अपनों के लिए की जाती है। हमारे यहाँ भी अक्सर मौसी, चाची या फूफा बच्चों को ऐसे खिलौने देते हैं, जिससे माता-पिता की नींद हराम हो जाए—कभी ड्रम, कभी सीटी, कभी रंगीन झुनझुना। एक यूज़र ने तो यहां तक लिखा, "मेरी बहन ने जब मुझे डांटा, तब मैंने उसके बेटे के लिए ड्रम सेट भिजवा दिया, अब वो मुझे समझती है!"

कई यूज़र्स ने मौसी की इस हरकत को 'प्यारी शरारत' और 'प्योर जीनियस' कहा। "ऐसा बदला तो सोने पे सुहागा है! अब परिवार को भी समझ आएगा कि दूसरों की खुशी में खलल डालना क्या होता है," एक कमेंट में पढ़ने को मिला। एक और ने सलाह दी, "अगली बार ग्लिटर, स्लाइम, और काइनेटिक सैंड भी भेजो, ताकि घर की सफाई भी सिरदर्द बन जाए।"

बच्चों के खिलौने और बड़ों की सिरदर्दी

हमारे भारतीय घरों में भी यह कहानी खूब फिट बैठती है। याद कीजिए, जब किसी ने आपके बच्चे को वो बैटरी वाली बंदूक दी थी, जो 'धाँय-धाँय' करके पड़ोसियों तक की नींद उड़ा देती थी। या फिर वो रंग-बिरंगी सीटी, जो शादी-ब्याह में बच्चों के हाथ लग गई और पंडित जी को भी सिरदर्द हो गया। Reddit की इस कहानी ने इसी अनुभव को एक नए अंदाज में पेश किया है—प्यार, बदला और शरारत, सब एक साथ।

अंत में: शरारती तोहफों की मिठास

इस कहानी से हमें एक अहम बात सीखने को मिलती है—रिश्तों में थोड़ा सा मज़ाक, थोड़ी सी शरारत और ढेर सारा प्यार, यही असली जादू है। परिवार की बेरुखी को दिल पे लेने से बेहतर है, उसे हंसी-ठिठोली में बदल देना। क्या पता, अगली बार आपके घर भी कोई मौसी या चाची शोरगुल वाला खिलौना लेकर आ जाए, तो मुस्कुरा कर उनका स्वागत करें—क्योंकि यही तो है रिश्तों की असली मिठास!

आपका क्या अनुभव रहा है ऐसे शरारती तोहफों के साथ? क्या आपने कभी जानबूझकर किसी को शोरगुल वाला खिलौना दिया है? अपनी मज़ेदार यादें और किस्से नीचे कमेंट में ज़रूर साझा करें!


मूल रेडिट पोस्ट: I got my niece the loudest toy possible for Christmas