जब मालिक ने सर्वर की बिजली खींच दी: एक ऑफिस की तकनीकी तबाही
क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी कंपनी के मालिक अगर अचानक सर्वर की बिजली खींच लें तो क्या हो सकता है? जी हाँ, ऐसी ही एक सच्ची घटना ने 2011 में एक पूरे ऑफिस की नींद उड़ा दी। कहानी है मार्क नाम के एक मालिक की, जो खुद को आईटी का महारथी समझते थे, लेकिन उनकी एक गलती ने सबको परेशानी में डाल दिया।
कहानी पढ़ते वक्त आपको अपने ऑफिस का वह दोस्त जरूर याद आएगा, जो कंप्यूटर में कोई भी दिक्कत आने पर तुरंत "रिस्टार्ट" का मंत्र जपना शुरू कर देता है। पर जब मालिक ही खुद सर्वर को "रिस्टार्ट" करने का ठेका ले ले, तो समझिए मुसीबत पक्की!
जब सर्वर बना ‘तोता’, और मार्क बने ‘तोताराम’
सुबहे तीन बजे का वक्त था। मार्क अपने ऑफिस में अकेले थे, और अचानक उनकी Outlook ईमेल बंद हो गई। अब भला इतनी सुबह किसे कॉल करते? सोचा – "चलो, खुद ही सर्वर को रिस्टार्ट कर लेते हैं, इसमें कौन-सी बड़ी बात है?" बस, फिर क्या था – सीधे सर्वर के प्लग खींच लिए, कुछ सेकंड इंतजार किया, और फिर लगा दिए वापस।
यह काम तो वैसे ही था जैसे टीवी का रिमोट बंद हो जाए तो बैटरी निकालकर फिर से लगा दो! लेकिन सर्वर भाई साहब कोई टीवी नहीं होता। ख़ासकर Exchange Server, जिस पर पूरी कंपनी की ईमेल चल रही हो।
तकनीकी अफ़रातफ़री: जब प्लग खींचते ही उड़ गई सबकी नींद
सुबह 6 बजे टेक्निकल सपोर्ट इंजीनियर को होटल में मार्क का कॉल आता है – "ईमेल नहीं खुल रही!" पूछने पर मार्क ने बेफिक्री से बताया, "मैंने सर्वर के प्लग निकालकर दोबारा लगा दिए।"
अब सोचिए, इंजीनियर ने तो सोचा था कॉन्फ्रेंस में ज्ञान बढ़ाएंगे, लेकिन पूरा दिन पुराने बैकअप से Exchange डाटा बहाल करने में चला गया। कुछ ईमेल्स हमेशा के लिए खो गईं, और ऑफिस के बाकी लोग भी परेशान। आखिरकार, इंजीनियर ने साफ़ कह दिया – "अब से सर्वर को हाथ मत लगाना!"
यहाँ एक कमेंट में किसी ने कहा, "जो मूर्ख जानते हैं कि वे मूर्ख हैं, वे कम खतरनाक हैं। पर जो खुद को ज्ञानी समझते हैं, उनसे बचो!" सच ही तो है – ऐसे ‘जागरूक मूर्ख’ ऑफिस में सबसे बड़ा खतरा होते हैं।
ऑफिस कल्चर और ‘रिस्टार्ट’ का जुगाड़
हमारे यहाँ भी कई बार देखा है – चाहे पीसी हैंग हो जाए, प्रिंटर न चले, या इंटरनेट स्लो हो, सबसे पहले सुझाव आता है, "एक बार बंद करके चालू कर दो!" लेकिन सर्वर, वो भी Exchange Server, उसको ऐसे बंद करना वैसे ही है जैसे चलती ट्रेन से कूद जाना।
रेडिट पर एक और आईटी प्रोफेशनल ने लिखा, "हमारे स्कूल में एक टेक्नोलॉजी कोऑर्डिनेटर का हर मसले का हल था – सर्वर को रिस्टार्ट कर दो।" एक दिन गलती से वर्चुअल सर्वर को ही बंद कर बैठे, और पूरे जिले की ईमेल और फाइलें उड़ गईं। सुपरिंटेंडेंट ने उसी वक्त चाबी छीन ली और साफ़ कहा, "अब सर्वर को हाथ लगाया तो नौकरी गई!"
एक और मजेदार कमेंट था – "ऐसे लोगों के पास जितना ज्यादा पैसा, वे खुद को उतना ही बड़ा एक्सपर्ट मानने लगते हैं।" भारतीय दफ्तरों में भी कई बार देखा है – बॉस अगर कंप्यूटर चालू करना जानता है, तो वो खुद को ‘आईटी गॉड’ समझने लगता है!
तकनीकी दुनिया के ‘रिपकोर्ड’ और दिमागी ताले
एक और पाठक ने बताया, "हमारे ऑफिस में एक बॉस थे, जिन्हें AS/400 सर्वर का बिजली बिल बड़ा खलता था। हफ्ते के अंत में खुद ही प्लग निकाल देते थे। नतीजा – IBM के तीन इंजीनियरों को हफ्ता भर मशीन ठीक करने में लग गया। तबसे उनका नाम ही ‘रिपकोर्ड’ पड़ गया!"
यहाँ एक कहावत बिलकुल फिट बैठती है – "जिसका काम उसी को साजे, और करे तो डंडा बाजे।" तकनीकी दुनिया में जल्दबाजी और ओवरकॉन्फिडेंस का परिणाम अक्सर महँगा पड़ता है।
सीख: तकनीक को समझें, जुगाड़ से बचें!
इस कहानी से हमें कई सीख मिलती है – सबसे बड़ा सबक यही कि सर्वर, खासकर कंपनी के कीमती डेटा वाले, कोई घर का मिक्सर नहीं होते! बिना तकनीकी जानकारी के उसमें हाथ डालना आफत को न्यौता देना है।
रेडिट कम्युनिटी के एक सदस्य ने लिखा, "ऐसे मामलों में सबसे अच्छा उपाय है – सर्वर रूम की चाबी सिर्फ आईटी टीम के पास हो!" वैसे, अगर मालिक ही ऐसा करने लग जाए, तो शायद उसके हाथ से चाय का कप भी छीन लेना चाहिए!
अंत में, सबको याद दिलाना चाहूँगा – टेक्नोलॉजी में ‘जुगाड़’ हर बार काम नहीं करता। अगली बार ऑफिस में कोई बोले, "रिस्टार्ट कर दो", तो पहले पूछ लें – किस चीज़ को करना है! वरना कहीं आप भी ‘मार्क’ की तरह चर्चित न हो जाएँ।
निष्कर्ष: आपके ऑफिस का ‘मार्क’ कौन है?
क्या आपके ऑफिस में भी कोई ऐसा है, जो बिना सोचे-समझे तकनीकी जुगाड़ अपनाता है? या कभी आपके साथ भी ऐसा कोई हादसा हुआ है? अपने अनुभव नीचे कमेंट में जरूर साझा करें। कौन जाने, अगली बार आपकी कहानी भी किसी ब्लॉग में छा जाए!
धन्यवाद, और याद रखिए – सर्वर को ‘रिस्टार्ट’ करने से पहले, दो बार सोचिए... और अगर मालिक हों, तो दस बार!
मूल रेडिट पोस्ट: Mark pulled the plug on the Exchange server during updates