जब मॉनिटर बिना बिजली के चलाने का सपना देखने लगे मैनेजर
कभी-कभी ऑफिस की दुनिया में ऐसे-ऐसे किस्से सुनने को मिलते हैं कि हँसी रोकना मुश्किल हो जाए। टेक्नोलॉजी से जुड़े कामों में तो छोटी सी गलती पूरी टीम का सिरदर्द बन जाती है। एक ऐसी ही कहानी है, जिसमें एक मैनेजर ने सबको यकीन दिला दिया कि 24 इंच का मॉनिटर बिना बिजली के, खुद-ब-खुद चल सकता है! सोचिए, अगर ऐसे मॉनिटर सच में आ जाएं तो बिजली विभाग के कर्मचारी और बिल वाले तो बेरोज़गार ही हो जाएं!
ऑफिस का जुगाड़, या जादू-टोना?
कहानी कुछ यूं है कि वर्क फ्रॉम होम (WFH) के लिए ऑफिस ने कर्मचारियों को मॉनिटर बांटे। लेकिन, मैनेजर साहब ने सबको समझा दिया कि इन मॉनिटरों को दीवार की बिजली से कनेक्ट करने की कोई जरूरत नहीं है – ये तो “सेल्फ पावर्ड” हैं! किसी ने पूछा भी नहीं कि भाई, बिजली का तार क्यों दिया है? शायद डेकोरेशन के लिए रखा होगा!
ऑफिस का आईटी विभाग बेचारा हैरान – एक के बाद एक कॉल आने लगे कि “मॉनिटर चालू नहीं हो रहा”, “सर, मैनेजर ने कहा था बिजली की जरूरत नहीं है”, “बस लैपटॉप से जोड़ दो, अपने आप ऑन हो जाएगा”। ऐसा लग रहा था जैसे पूरा ऑफिस सपनों की दुनिया में जी रहा हो – बिना बिजली के, सब कुछ चलता है!
मैनेजर की तुकबंदी और आईटी की असली परीक्षा
अब आईटी वालों की हालत तो जैसे आम आदमी की बिजली कटने पर हो जाती है – बेचारे समझाते रह गए कि भाई, मॉनिटर में USB-C नहीं है, डिस्प्ले पोर्ट से इतनी बिजली नहीं आती कि मॉनिटर चल जाए। लेकिन, मैनेजर साहब की बातों में दम तो देखिए – उन्होंने सबको यकीन दिला दिया!
एक मजेदार कमेंट करने वाले ने लिखा – “ऐसे मैनेजर को खुद सेटअप करने दो, जब मॉनिटर ऑन नहीं होगा तब असली मजा आएगा। पॉपकॉर्न ले आओ, तमाशा देखने का वक्त है!” ऑफिस की रौनक ही अलग होती अगर हर कोई ऐसी सलाह मान ले तो।
एक और पाठक ने बढ़िया कटाक्ष किया – “अगर मॉनिटर बिना बिजली के चल सकता है, तो क्या पता, कल को Elon Musk बिना चार्जिंग के कारें भी चला दें!” यकीन मानिए, अगर ऐसा हो गया तो भारत की सड़कें तो टेस्ला से भर जाएंगी!
वायरलेस के चक्कर में उलझन
आजकल “वायरलेस” का मतलब लोग ये समझने लगे हैं कि कोई तार-वार नहीं लगेगा। एक कमेंट में बताया गया कि वायरलेस मॉनिटर या टीवी भी बिजली से ही चलते हैं, सिर्फ डेटा के लिए तार नहीं चाहिए। लेकिन, जब ग्राहक को समझाओ कि “बिजली के बिना कुछ नहीं चलता”, तो वो हैरान रह जाते हैं, “अरे, वायरलेस है, फिर भी प्लग लगाना पड़ेगा?”
हमारे देश में तो जुगाड़ू लोग अक्सर पूछते हैं – “भाई, कोई ऐसा तरीका है कि बिजली का बिल ही न आए?” लेकिन अफसोस, विज्ञान ने इतनी तरक्की अभी नहीं की है कि मॉनिटर हवा या मोहब्बत से चल पड़े!
टेक्नोलॉजी और हकीकत की टकराहट
इस किस्से की सबसे बड़ी सीख यही है – टेक्नोलॉजी को समझना जरूरी है। मैनेजर साहब ने तो सिर्फ बातों-बातों में कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ा दीं। एक अनुभवी पाठक ने लिखा – “अगर कोई मैनेजर ऐसी अफवाह फैलाए, तो हर नासमझी वाली शिकायत उसी के पास भेज दो। या फिर आईटी डिपार्टमेंट हर बार 150 डॉलर बिल करें, फिर देखो कैसे समझ आता है!”
इसी बहस में किसी ने पुरानी यादें भी ताजा कर दीं – “पहले के कंप्यूटर में मॉनिटर के लिए पावर पास-थ्रू पोर्ट होते थे, लेकिन तब भी बिजली का प्लग अलग से लगता था। बिना बिजली के तो जादूगर भी कंप्यूटर नहीं चला सकता!”
आखिर में…
तो साथियों, टेक्नोलॉजी के इस दौर में भी “जुगाड़” और “मिट्टी का तेल डालो, चला लो” वाली सोच से बाहर आना जरूरी है। अगली बार जब ऑफिस में कोई बोले कि “अरे, ये तो बिना तार के चल जाएगा!”, तो एक बार मैन्युअल जरूर पढ़ लेना – शायद उसमें लिखा हो, “स्टेप 5: बिजली का प्लग लगाएं!”
आपका क्या अनुभव है? कभी ऐसा कोई जुगाड़ या गलतफहमी ऑफिस में देखी हो? कमेंट में बताइए, और हां, अगर आपके पास “हवा से चलने वाला मॉनिटर” है, तो कृपया उसका पता भी शेयर करें!
मूल रेडिट पोस्ट: Power cords optional