जब माता-पिता ने बच्चे को सड़क पर छोड़ा, तो उसे मिली घोड़े की सवारी – एक छोटी सी ‘पेटी रिवेंज’ की कहानी
कभी-कभी जिंदगी ऐसे मोड़ पर ले आती है कि इंसान सोच में पड़ जाता है – “भई, ये हुआ क्या!” पश्चिमी देशों के ‘रेडिट’ नामक मंच पर एक ऐसी ही घटना चर्चा का विषय बनी, जिसने बच्चों की परवरिश, माता-पिता की सोच और समाज की जिम्मेदारी पर कई सवाल खड़े कर दिए। सोचिए, एक बच्चा—परिवार के साथ छुट्टियों पर, अनजान जगह, और अचानक उसे गाड़ी से उतारकर सड़क पर छोड़ दिया जाता है, बस इसलिए कि उसने ऊंचाई से डर की वजह से एक एक्टिविटी में भाग लेने से मना कर दिया। लेकिन किस्मत ने उसके लिए कुछ और ही सोच रखा था...
सड़क पर छोड़े गए बच्चे की अनोखी मदद
इस कहानी की नायिका (OP) एक फार्म में घोड़ों के साथ काम करती हैं और अपने बॉयफ्रेंड के साथ सुबह-सुबह घुड़सवारी पर निकली थीं। पहाड़ी रास्ता, सड़क संकरी, फुटपाथ नहीं—ऐसी जगह पर आमतौर पर कोई भी अपने बच्चों को अकेला छोड़ने की सोच भी नहीं सकता। तभी उन्हें एक वैन दिखती है, जिसकी साइड डोर खुली है, और कुछ दूरी पर एक बच्चा रोता हुआ, मोबाइल हाथ में, सड़क पर चल रहा है।
OP और उनके बॉयफ्रेंड ने तुरंत गाड़ी से उतरकर बच्चे से हालचाल पूछा। बच्चा डरा-सहमा था, लेकिन धीरे-धीरे उसने बताया कि उसके पापा ने उसे गाड़ी से उतार दिया क्योंकि वह एक्टिविटी (जो ऊंचाई से जुड़ी थी) करने से डर गया था और सवाल पूछ बैठा। पिता का गुस्सा ऐसा कि वे उसे सड़क पर छोड़, आगे बढ़ गए।
“सज़ा” की जगह मिल गई घोड़े की सवारी
अब OP से रहा नहीं गया। उन्होंने बच्चे से कहा – “चलो, तुम्हें घोड़े पर बिठाते हैं, हेलमेट पहनाओ और फार्म तक ले चलते हैं।” सोचिए, जिस बच्चे को सज़ा देने के नाम पर माता-पिता ने अपमानित किया, उसे अचानक जीवन की पहली घुड़सवारी का अनुभव मिल गया! चेहरे पर मुस्कान लौट आई, थोड़ी हिम्मत भी मिली। OP ने बच्चे की मां से भी फोन पर बात की, और जब मां आई तो OP ने दो टूक कह दिया – “बच्चे को इस तरह छोड़ना बिलकुल ठीक नहीं है, शुक्र मनाइए कि हम मिले वरना कोई गलत इंसान भी मिल सकता था।”
इंटरनेट की प्रतिक्रिया – “ये तो सीधा बाल उत्पीड़न है!”
रेडिट पर इस कहानी ने बवाल मचा दिया। एक यूज़र ने लिखा, “अगर मैं होता तो तुरंत पुलिस को फोन करता—ये बाल उत्पीड़न है।” दूसरे ने कहा, “मां ने भी बच्चे को अकेला छोड़ने दिया, वो भी दोषी है।” कई लोगों ने अपने बचपन के किस्से साझा किए—किसी को बचपन में ऐसे ही सड़क पर छोड़ दिया गया था, किसी को आज भी उस डर के सपने आते हैं।
कुछ यूज़र्स ने भारत जैसे समाज में यह बात जोड़ी कि “हमारे यहां भी कई बार गुस्से में माता-पिता बच्चों को धमका देते हैं—‘गाड़ी से उतर जा, पैदल चल के दिखा!’ लेकिन असल में छोड़ना? वो भी अनजान जगह में? ये तो सरासर क्रूरता है।”
दिलचस्प बात ये रही कि कुछ ने कहा—अगर पुलिस या बाल कल्याण विभाग को बुलाया जाता, तो मामला और बिगड़ सकता था। बच्चे के लिए और ज्यादा मुसीबत हो सकती थी, क्योंकि ऐसी सज़ाएं कई बार बच्चों के लिए और खतरनाक हो जाती हैं।
क्या यह सज़ा है या पागलपन?
इस कहानी ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया—क्या माता-पिता बच्चों को इस तरह दंड दे सकते हैं? क्या उनका गुस्सा जायज़ है? एक यूज़र ने बड़ी भावुक बात कही—“25 साल बाद भी, मुझे अपने माता-पिता द्वारा सड़क पर छोड़ दिए जाने का डर आज भी सताता है। अगर उस समय कोई मुझे घोड़े की सवारी करा देता, तो शायद मैं जिंदगी भर उस पल को नहीं भूल पाता।”
दूसरी तरफ, कुछ ने कहा—“हमारे देश में भी कई बार माता-पिता बच्चों पर हाथ उठाते हैं, डांटते हैं, लेकिन बच्चे को अकेले सड़क पर छोड़ना... ये तो हद है!” एक टिप्पणी में तो ये तक कहा गया, “मां को चाहिए था कि वो भी बच्चे के साथ उतर जाती, कम से कम उसे अकेला तो महसूस नहीं होता।”
असली ‘रिवेंज’ – बच्चे की मुस्कान
OP ने बड़ी खूबसूरती से लिखा—“मेरा बदला ये रहा कि जिस बच्चे को सज़ा मिलनी थी, उसे घोड़े की सवारी मिली। अब जब भी वो अपनी पहली घुड़सवारी की कहानी सुनाएगा, सब जानेंगे कि उसके माता-पिता कितने बेपरवाह थे। उम्मीद करती हूं, उसकी मां तलाक लेकर बच्चे की कस्टडी ले ले और उसके पापा को चाइल्ड सपोर्ट देना पड़े!”
निष्कर्ष – बच्चों का डर, माता-पिता की जिम्मेदारी और समाज की भूमिका
आज के समय में, जब सड़कें खतरनाक हैं, दुनिया में अच्छे-बुरे हर तरह के लोग हैं, बच्चों को ऐसी सज़ा देना बेवकूफी ही नहीं, अपराध है। गुस्सा आना स्वाभाविक है, लेकिन बच्चों को अकेला छोड़ना? बिलकुल नहीं। माता-पिता अगर परेशान हैं, तो समाधान संवाद में है, न कि सज़ा में।
और हां, समाज का भी फर्ज है कि ऐसे बच्चों की मदद करे, जैसे OP ने की। वरना अगली बार कोई सच्चा हीरो न मिले, तो अंजाम बुरा भी हो सकता है।
क्या आपने कभी किसी बच्चे को ऐसी मुश्किल में देखा है? आप क्या करते? अपने अनुभव या राय नीचे कमेंट में ज़रूर साझा करें, ताकि हम सब मिलकर बच्चों के लिए एक सुरक्षित समाज बना सकें!
मूल रेडिट पोस्ट: Abandon your kid on the road as a punishment? Well now they’re getting a free pony ride