जब बॉस बना केविन का उस्ताद: दफ्तर के हास्यास्पद कारनामे और सीख
कहते हैं, हर दफ्तर में एक 'केविन' जरूर होता है—ऐसा व्यक्ति जो अपने अजब-गजब कारनामों से सबका मनोरंजन करता है। लेकिन सोचिए, अगर खुद बॉस ही केविन निकले तो क्या होगा? आज की कहानी Reddit से ली गई है, जिसमें एक केविन तो है ही, लेकिन उसके बॉस की हरकतें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे!
यह वही दफ्तर है जहां 'चावल पर चिल्लाने वाला केविन' काम करता था। पर असली मज़ा तब आया जब उसके बॉस ने अपनी बुद्धि और जोश का ऐसा प्रदर्शन किया कि सबको लगा—"भई, केविन तो बस ट्रेलर था, असली फिल्म तो बॉस है!"
बॉस का विज्ञान: आग बुझाने वाले से सफाई!
सोचिए, आपके ऑफिस में सफाई के लिए compressed air खत्म हो गई है। आम इंसान क्या करेगा? नई compressed air मंगवाएगा या झाड़ू-पोछा कर लेगा। लेकिन हमारे बॉस साहब ने CO2 आग बुझाने वाले को compressed air समझ लिया और ग्राहक के उपकरण की सफाई में जुट गए! नतीजा—पूरी मशीन सफेद पाउडर से ढक गई। अच्छी बात ये रही कि बॉस ने खुद ही सफाई कर ली, वरना कर्मचारी तो सोच रहे थे—"भैया, ये तो हमारी नौकरी भी सफा कर देगा!"
'इंसान सीखता है गलतियों से'...पर कितनी बार?
बॉस ने एक बार ग्राहक का खराब सामान ठीक करने के चक्कर में अपने ही सामान का पुर्जा बिगाड़ दिया। फिर आराम से दूसरे कर्मचारी से बोला—"तुम्हारे वाले में ट्राय कर लें?" जब कर्मचारी ने मना किया तो बॉस बिफर पड़े, "क्या मुझे बेवकूफ समझते हो?" अब बताइए, एक ही गलती दो बार कर चुके, तीसरी बार भी ट्राय करना चाहते हैं—और ऊपर से खुद को जीनियस भी मानते हैं!
यहां एक Reddit टिप्पणीकार ने सही लिखा—"कभी-कभी तो लगता है, ऐसे लोग फ्री में हंसी का डोज़ देने आए हैं।" (बिल्कुल वैसे ही जैसे मोहल्ले के शर्मा जी, जो हर बार छत पर पतंग उड़ाते-उड़ाते खुद ही उलझ जाते हैं!)
मर्दानगी के तमाशे और दर्द भरी हकीकत
हमारे बॉस साहब बड़े ही 'मर्द' टाइप थे। एक दिन उन्होंने अपने स्टाफ से कहा—"मुझे बच्चों के प्लास्टिक वाले बैट से मारो, मैं कुछ नहीं कहूंगा।" कर्मचारी ने हल्के-फुल्के केंडो मूव्स ट्राय कर दिए, और बॉस साहब दर्द से कराह उठे—"हड्डी ही तोड़ दी!"
इसी तरह, एक महिला कर्मचारी से बोले—"तुम मुझे घुटने मार सकती हो, आखिर तुम 'सिर्फ लड़की' हो!" नतीजा, साहब आधे घंटे टॉयलेट में उल्टी रोकते रहे। भैया, मर्दानगी दिखानी थी—दर्द तो उठाना ही पड़ेगा!
जुगाड़ू दिमाग और सस्ता माल
बॉस ने ई-बे पर सस्ते-से दिखने वाले 12 कटाना (समुराई तलवार) मंगवा डाले, जबकि उसी पैसे में एक असली तलवार मिल जाती। जब सारा माल निकला तो निकला—चाइनीज़ मेटल और बांस की छड़ियाँ! फिर पूरी हफ्ता दुखड़ा रोते रहे। अरे भाई, 'सस्ता रोये बार-बार' का मुहावरा तो आपने सुना ही होगा!
डिग्री-वाली पढ़ाई से एलर्जी
ऑफिस में जब भी किसी ने डिग्री या सर्टिफिकेट की बात की, बॉस ठहाका मारते—"अरे ये सब किताबों की बातें हैं, असली ज्ञान तो अनुभव से आता है!" नतीजा, अनुभवी और पढ़े-लिखे लोग एक-एक कर के कंपनी छोड़ गए। आखिरकार बॉस को दिवालिया घोषित करना पड़ा—'सब्जी मंडी के ठेले वाले' भी इससे बेहतर मैनेजमेंट कर लें!
यहां एक Reddit यूज़र ने लिखा—"बॉस के पास शायद कोई मानसिक समस्या थी, क्योंकि उनका गुस्सा और चीखना कर्मचारियों को PTSD जैसा स्ट्रेस दे गया।" यह वाकई सोचने वाली बात है कि दफ्तर का माहौल कैसा हो सकता है जब लीडरशिप ही अनियंत्रित हो।
पाठक टिप्पणी: ऐसे लोग हर मोहल्ले, हर ऑफिस में मिलते हैं
एक और पाठक ने अपने अनुभव साझा किए—"हमारे यहां भी एक था, जो हमेशा जूते उतारकर काम करता था। जब सस्पेंड किया गया तो बॉस पर हाथ उठाने की कोशिश की!" ऐसे लोग इंडिया में भी कम नहीं, जिन्हें देखकर हर कोई कहता है—'भाई, तेरे बस की नहीं, जा चाय पी ले!'
निष्कर्ष: केविन-गिरी हर जगह, पर सबक भी जरूरी
दोस्तों, चाहे वह केविन हो या उसका बॉस, ऐसे लोग हर ऑफिस, हर गली-मोहल्ले में मिल जाएंगे। शुरू-शुरू में उनका ड्रामा देखना मजेदार लगता है, लेकिन जब बात काम या करियर की आती है तो सतर्क रहना जरूरी है। वरना, हंसी-मजाक के चक्कर में कहीं हमारा भविष्य ही खतरे में न पड़ जाए!
क्या आपके ऑफिस में भी कोई 'केविन' या 'बॉस केविन' है? नीचे कमेंट में जरूर बताएं—हम सबको आपकी मजेदार कहानियों का इंतजार रहेगा!
मूल रेडिट पोस्ट: Kevin Who Screams at Rice's Boss Who Showed Some, But Not Complete Disbelief in the Tangible Effects of Screaming at Rice