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जब बॉस ने 'BRB' पर पाबंदी लगाई, ऑफिस वालों ने मचाया बवाल!

कॉल सेंटर कर्मचारी का कार्टून-3डी चित्र, जो मजाकिया तरीके से सहकर्मियों को बाथरूम ब्रेक की सूचना दे रहा है।
इस मजेदार कार्टून-3डी छवि में, हमारा कॉल सेंटर हीरो संवाद के लिए एक साहसी तरीका अपनाता है, reminding us that हंसी काम के सबसे अजीब लम्हों को भी हल्का कर सकती है।

ऑफिस लाइफ की सबसे बड़ी खूबी है उसकी अनकही भाषा—हर जगह अलग, लेकिन मज़ेदार! अब सोचिए, आपकी टीम का व्हाट्सएप या Teams ग्रुप चल रहा है, कॉल्स की लाइन लगी है, और अचानक आपको टॉयलेट जाना पड़ जाए। आमतौर पर लोग ‘BRB’ (Be Right Back) लिखकर निकल लेते हैं—किसी को न शर्म, न झंझट। लेकिन अगर बॉस कह दे, “इतना छोटा न लिखो, वजह भी बताओ!”, तो क्या होगा?

आज हम आपको एक ऐसी कहानी सुनाने जा रहे हैं, जो Reddit के r/MaliciousCompliance पर वायरल हो गई। इसमें एक नये-नवेले सुपरवाइज़र ने अपने कर्मचारियों को ऐसा हुक्म सुना दिया कि टीम ने भी उसे उसकी ही भाषा में जवाब दे डाला।

नये सुपरवाइज़र की अनोखी फरमाइश

कहानी एक कॉल सेंटर जैसी कंपनी से शुरू होती है। वहाँ पर सालों से सबका यही रिवाज था—अगर किसी को ब्रेक चाहिए, तो टीम चैट पर ‘BRB’ टाइप कर दो, सब समझ जाते थे। न कोई बवाल, न सवाल। लेकिन जैसे ही नई सुपरवाइज़र आईं—जो प्रमोशन तो बॉस से दोस्ती के कारण पाईं थीं, काबिलियत से नहीं—उन्होंने आते ही रौब झाड़ना शुरू कर दिया।

उन्होंने सबको एक-एक करके बुलाया और फरमान सुनाया, “अब से ‘BRB’ नहीं चलेगा। जब भी आप उठकर जा रहे हों, साफ-साफ बताइए कि क्यों जा रहे हैं। ट्रांसपेरेंसी ज़रूरी है। मैं जानना चाहती हूँ कौन क्या कर रहा है।”

एक कर्मचारी ने जब यह कहा कि “मैडम, हर बार सबके सामने बाथरूम जाने का कारण बताना थोड़ा अटपटा लगेगा”, तो उन्होंने कंधे उचका दिए—“रूल तो रूल है।”

कर्मचारियों का जवाब—हंसी में उड़ाया आदेश

अब क्या था, टीम वालों ने सोचा, “जैसी करनी, वैसी भरनी!” अगली बार जब किसी को टॉयलेट जाना पड़ा, तो उसने शराफ़त से ‘BRB’ की जगह ग्रुप में लिखा—

“BRB. बाथरूम में जा रहा हूँ, पॉटी करनी है।”

बस, फिर क्या था! सुपरवाइज़र का दिमाग घूम गया और मैसेज किया, “ये क्या बेहूदगी है, यह प्रोफेशनल नहीं है!”

कर्मचारी ने भी तुरंत जवाब दिया, “आपने ही तो कहा था, वजह बतानी है। मैं तो आपके आदेश का पालन कर रहा हूँ।”

फिर तो बाकी टीम वालों ने भी कमाल कर दिया—
- “BRB, वॉशरूम में नल की तरह पेशाब करने जा रहा हूँ।”
- “BRB, नाक में अटका बड़ा सा कील निकालने जा रहा हूँ।”
- “BRB, बच्चा उल्टी कर गया, उसे साफ करना है।”
- “BRB, पेट खराब है, रिस्क लिया था, हार गया।”
- “BRB, महिला स्वच्छता के लिए जा रही हूँ।”

कोई कह रहा था—“BRB... अब और नहीं रोक सकता, फोटो बाद में भेजूँगा!”
एक कमेंट में किसी ने तो यह तक जोड़ दिया—“BRB, ओवेरिज़ और यूटेरस के युद्ध की खबर लेने जा रही हूँ।”

ऑफिस में ऐसी पारदर्शिता देख बॉस की हालत पतली हो गई। एक हफ्ते के अंदर सुपरवाइज़र ने घुटने टेक दिए—“अब से बस ‘BRB’ भी चलेगा, इतनी जानकारी ज़रूरी नहीं।”

ऑफिस की ‘माइक्रोमैनेजमेंट’ और भारतीय संदर्भ

यह किस्सा जितना मज़ेदार है, उतना ही गहरा भी। हमारे देश में भी कई दफ़्तरों में बॉस लोग छोटी-छोटी बातों पर नज़र रखते हैं—कहीं कोई चाय ज्यादा तो नहीं पी रहा, कोई टॉयलेट में ज्यादा टाइम तो नहीं लगा रहा! कई बार तो कर्मचारी को ऐसा लगता है मानो बॉस को सब कुछ लाइव रिपोर्ट करना पड़े।

एक कमेंट में किसी ने लिखा—“मेरे टीम लीडर ने जब मेरी टॉयलेट ब्रेक्स गिनना शुरू किया, तो मैंने भी हर बार ऐलान करना शुरू कर दिया—‘अब शौच करने जा रहा हूँ, और मेरा IBS (पेट की बीमारी) बढ़ गया है, जल्दी लौटूँगा।’ दो लोग तो पूछ भी बैठे—‘भैया, ये सब क्यों बता रहे हो?’ मैंने बोला, जब कोई टाइमिंग करने लगा तो सबको सुनना पड़ेगा!”

एक और कमेंट में मज़ेदार किस्सा था—
“मेरे बॉस ने पूछा, ‘कहाँ जा रहे हो?’ मैंने बोला, ‘टैम्पॉन बदलने, ठीक है?’ उसके बाद फिर कभी नहीं पूछा!”

हास्य-व्यंग्य की ताकत—ऑफिस में बदलाव

इस पूरी घटना में एक बात साफ़ है—कभी-कभी सिस्टम की बेवकूफी का जवाब उसी की भाषा में, हास्य और व्यंग्य से देना ही सबसे असरदार होता है। टीम ने एकजुट होकर बॉस को एहसास दिला दिया कि इंसान मशीन नहीं है, और हर बात की रिपोर्टिंग मज़ाक बन सकती है।

भारतीय दफ्तरों में भी अक्सर ऐसा होता है—कभी कोई सीनियर कहता है, “हर बार आना-जाना नोट करो”, तो जूनियर भी कभी-कभी ‘विद्यापति’ स्टाइल में जवाब दे देते हैं—“साहब, अब पान खाने भी बता दूँ?” या “चाय पीने की वजह ‘फाइल में’ डाल दूँ?”

यह घटना हमें सिखाती है कि कर्मचारियों की निजता (privacy) और आपसी समझ पर भरोसा रखना चाहिए, वरना कभी-कभी मज़ाक का पात्र बनना पड़ जाता है।

निष्कर्ष—क्या आपके ऑफिस में भी ऐसा होता है?

आखिर में सवाल आपसे—क्या आपके ऑफिस में भी ऐसे अजीब नियम बनते हैं? क्या कभी आपने या आपके साथियों ने मज़ेदार तरीके से किसी बेकार आदेश का जवाब दिया है? अपने किस्से हमें कमेंट में जरूर लिखें! शायद अगला मजेदार ब्लॉग आपकी कहानी पर हो!

दफ्तर की दुनिया में कभी-कभी ‘बी आर बी’ ही काफी है, बाकी बातें दिल ही दिल में रहने दो!


मूल रेडिट पोस्ट: Supervisor said ‘don’t just type BRB.’ So I told the whole team I had to poop.