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जब बालों की लंबाई बनी आफत: ऑफिस में विग्स की धमाकेदार बगावत!

90 के दशक के गोदाम में कड़े बालों की लंबाई के ड्रेस कोड के कारण विग पहने पुरुषों का कार्टून-3D चित्रण।
इस रंगीन कार्टून-3D दृश्य में हम 90 के दशक के अनोखे युग की ओर लौटते हैं, जब कड़े ड्रेस कोड ने गोदाम के कामकाजी लोगों में विग फैशन को जन्म दिया।

सोचिए, आप अपने ऑफिस में रोज़-रोज़ वही पुरानी ड्रेस कोड की बातें सुन-सुनकर पक गए हैं, लेकिन अचानक एक दिन बॉस ऐसी शर्त लगा दें कि "जी, आपके बाल शर्ट के कॉलर से नीचे नहीं जाने चाहिए!" अब भला बताइए, बाल हैं तो बढ़ेंगे ही, और पगड़ी या टोपी की तरह बांधकर थोड़े ही जाएंगे! लेकिन जब जुगाड़ू कर्मचारी ठान ले, तो नियमों की भी ऐसी-तैसी हो जाती है।

बालों की लंबाई पर आफत: जब ड्रेस कोड ने किया परेशान

यह कहानी है 90 के दशक की, जब ऑफिसों में धुएं के बादल तो आम बात थी, लेकिन बालों की लंबाई पर ऐसी सख्ती शायद ही किसी ने देखी हो। एक मेंबरशिप वेयरहाउस में काम करने वाले कुछ युवाओं के बाल लंबे-लंबे थे। उनमें से एक ने तो हाई स्कूल से ही बाल बढ़ा रखे थे, इतने लंबे कि पीठ से नीचे तक चले जाते थे! लेकिन अचानक मैनेजर का फरमान आया – "बाल शर्ट के कॉलर से नीचे नहीं होने चाहिए!"

अब सोचिए, जिनके लिए बाल उनकी पहचान हो, उनके सामने यह कैसी मुश्किल! काटें तो अपना स्टाइल गया, न काटें तो नौकरी खतरे में। ऐसे में भारतीय जुगाड़ का जादू देखिए – एक कर्मचारी ने अगले ही दिन ऑफिस में छोटे बालों वाली स्टाइल में एंट्री मारी। सबने समझा, बेचारा हार गया और बाल कटवा दिए। मगर सच्चाई कुछ और थी!

विग्स की मस्ती: जब जुगाड़ ने नियमों की ली खबर

चंद दिनों बाद वह कर्मचारी मुस्कराते हुए अपने दोस्तों को असली बात बताता है – "भाई, बाल तो कटवाए नहीं, ये तो विग है!" यानी नकली बालों की टोपी पहनकर ऑफिस आ गए! अब क्या था, बाकी जुगाड़ू साथी भी पीछे क्यों रहते? एक-एक कर सबने अजीब-अजीब विग्स खरीद लिए। किसी ने लाल रंग, किसी ने काले, किसी ने तो अपने रंग से बिल्कुल उल्टा रंग चुन लिया – मतलब शोले के गब्बर सिंह भी शर्मा जाएं!

यहां तक कि एक अफ्रीकन-अमेरिकन साथी ने लाल रंग का विग पहन लिया। अब ऑफिस में ग्राहक भी हैरान – "भाई साहब, आज तो बड़े अलग लग रहे हैं!" और कर्मचारी भी बिना झिझक बोलते – "क्या करें, मैनेजर साहब ने फरमान जारी किया है, अब बाल लंबे नहीं रख सकते!"

कम्युनिटी की राय: जुगाड़ और मजाक का तड़का

रेडिट पर इस कहानी ने ऐसा धमाल मचाया कि हर कोई अपनी राय देता चला गया। एक यूज़र ने तो सलाह दी – "कॉलर नीचे करवा लो, शर्ट लंबी बनवा लो!" किसी ने मजाक में कहा, "अगर शर्ट ही न पहनो तो कॉलर छुएगा ही नहीं!" एक और ने तो मोनाज स्टाइल में बाल खड़े करने का आइडिया दिया – "पूरा बाल सिर के ऊपर सीधा कर लो, कॉलर को छुएगा ही नहीं!"

इसी बीच एक यूज़र ने भारतीय तरीके की बात भी जोड़ी – "बालों की चोटी बनाकर शर्ट के अंदर डाल लो, कोई देखेगा ही नहीं!" और किसी ने हमारे देशी शादी के हेयरस्टाइल की याद दिला दी – "भई, लड़कियों जैसे बालों का ऊँचा जूड़ा बना लो, बस कॉलर से दूर-दूर!"

एक और मजेदार कमेंट था – "अगर विग्स की दुकान खोल ली जाए तो कॉलर गार्टर भी बनाओ, जो जांघ पर बांधे जा सकें और उस पर छोटा कॉलर लगा हो!" अब भला ऐसे जुगाड़ू दिमाग के सामने कौन सा बॉस टिक पाएगा?

नियम की हार, जुगाड़ की जीत

इन विग्स की मस्ती और ग्राहकों की हंसी के बीच आखिरकार ऑफिस मैनेजमेंट की हार हुई। चार महीने भी नहीं बीते थे कि नया आदेश आ गया – "अब बालों की लंबाई की कोई पाबंदी नहीं, बस साफ-सुथरे और काम में दिक्कत न हो।" यानी, आखिरकार बालों की आज़ादी वापस मिल गई।

यह कहानी सिर्फ ऑफिस के ड्रेस कोड की नहीं, बल्कि उस जुगाड़ की है, जो हम भारतीयों के खून में बसी है। चाहे स्कूल हो, कॉलेज हो या ऑफिस – जब भी कोई ऊल-जलूल नियम सामने आता है, तो हम उसमें से रास्ता निकाल ही लेते हैं। जैसे हमारे मोहल्ले के बच्चे गली क्रिकेट में घर की खिड़की को बाउंड्री मान लेते हैं, वैसे ही ये कर्मचारी विग्स पहनकर ऑफिस के नियमों को हंसी में उड़ा देते हैं।

निष्कर्ष: आपकी जुगाड़ू कहानी क्या है?

तो दोस्तों, ऐसी मजेदार कहानियाँ ऑफिस की बोरिंग ज़िंदगी में रंग भर देती हैं। आपके ऑफिस में कभी ऐसा अजीबो-गरीब ड्रेस कोड या नियम आया है, जिसका आपने या आपके साथियों ने भी मजेदार तोड़ निकाला हो? नीचे कमेंट में जरूर बताइए। और हाँ, अगली बार जब बॉस कुछ नया फरमान सुनाए, तो याद रखिए – जुगाड़ और ह्यूमर से बड़ा कोई हथियार नहीं!


मूल रेडिट पोस्ट: No hair that touches the shirt collar? Okay. We’ll wear wigs!