जब बार में पूछ लिया – “यहाँ गाँजा या कोक मिलता है क्या?”
होटल या बार में काम करने वालों की ज़िंदगी अक्सर रंग-बिरंगी और मज़ेदार किस्सों से भरी रहती है। रोज़ कोई न कोई ऐसा सवाल या फरमाइश सुनने को मिल जाती है, जिसे सुनकर हँसी भी आ जाए और माथा भी ठनक जाए। आज की कहानी एक ऐसे ही रिसेप्शनिस्ट की है, जिसे एक फोन कॉल ने पूरी तरह चौंका दिया।
रात की शिफ्ट और एक अजीब फोन कॉल
सोचिए, आप होटल के रिसेप्शन पर रात की शिफ्ट में बड़ी तसल्ली से बैठे हैं। तभी फोन की घंटी बजती है – आवाज़ आती है: “भाईसाहब, आपके रूफटॉप बार में टीवी है क्या? शनिवार को लोकल कॉलेज का फुटबॉल मैच दिखाएँगे?”
अब तक सब सामान्य था। रिसेप्शनिस्ट ने भी शांति से जवाब दिया, “हाँ, एक टीवी है, लेकिन मैं पक्का नहीं कह सकता कि मैच लगेगा या नहीं।”
आगे फिर वही साहब पूछते हैं, “आरक्षण कैसे करें?”
रिसेप्शनिस्ट ने वेबसाइट का रास्ता दिखा दिया।
लेकिन तभी सवाल में ऐसा मोड़ आया कि रिसेप्शनिस्ट के होश उड़ गए—
“और भाई, आपके बार में गाँजा मिलता है क्या?”
“गाँजा…” – जैसे बिजली गिर गई हो!
कुछ पल के लिए रिसेप्शनिस्ट बिलकुल चुप। दिमाग़ में जैसे घंटियाँ बज उठीं—क्या सच में किसी ने ये पूछा?
“माफ़ कीजिए, क्या आप दोहरा सकते हैं?”
सामने से फिर वही बोल—“हाँ, मैंने पूछा कि बार में गाँजा मिलता है क्या? मारिजुआना?”
अब तो रिसेप्शनिस्ट पूरी तरह कन्फ्यूज़! बड़ी मुश्किल से जवाब निकला—
“न...न...नहीं, साहब।”
साहब भी मानने को तैयार नहीं—“तो फिर कोक? कोका-कोला?”
अब रिसेप्शनिस्ट के मन में सवाल—ये किस तरह के बार में जाता है ये आदमी! साथ ही मन में डर भी, कहीं मज़ाक तो नहीं उड़ाया जा रहा? या सच में दवा की बात हो रही है, या सिर्फ़ कोल्ड ड्रिंक की?
आख़िरकार, जवाब मिला—“नहीं साहब, वो भी नहीं।”
सामने से शांति से—“ठीक है, धन्यवाद!”
फोन कट। रिसेप्शनिस्ट हैंडसेट घूरता रह गया—“ये अभी-अभी क्या हुआ?”
कम्युनिटी में मज़ेदार प्रतिक्रियाएँ – “हमारे यहाँ तो पेप्सी मिलती है!”
इस किस्से को Reddit पर शेयर करते ही कमेंट्स की बाढ़ आ गई। एक यूज़र ने चुटकी ली—
“कम से कम उसने रिसेप्शन पर पूछने की हिम्मत तो नहीं की – वरना तो ‘फ्रंट डेस्क’ भी शक के घेरे में आ जाता!”
एक और ने बड़ा ही देसी अंदाज़ में लिखा—
“न कोक, पेप्सी...क्या चलेगा, साहब?”
यहाँ तक कि किसी ने मज़ाक में कहा—“हमारे यहाँ बार में सिर्फ़ पेप्सी मिलती है, साहब!”
किसी और ने पुराने जमाने के मशहूर विज्ञापन का तड़का लगाया—“चीज़बर्गर, चीज़बर्गर, चीज़बर्गर!” (ठीक वैसे ही जैसे हमारे यहाँ “समोसा, समोसा, समोसा!” का राग लगता है।)
एक टिप्पणीकार ने बड़ा ही व्यावहारिक सवाल उठाया—“क्या आपके राज्य में मारिजुआना (गाँजा) लीगल है?”
ओरिजिनल पोस्टर ने साफ़ किया—“यहाँ तो उल्टा, हमारे राज्य में ऐसे-ऐसे ‘एंटी-वाइस’ क़ानून हैं कि बार में सिगरेट तक नहीं बिकती, ड्रग्स की तो बात ही छोड़िए!”
दूसरे यूज़र ने अपने अनुभव साझा किए—“हमारे यहाँ भी मारिजुआना लीगल है, लेकिन हर जगह नहीं बिकती। लाइसेंस चाहिए, और स्मोकिंग भी सिर्फ़ तय सीमा में ही।”
किसी ने तो मज़ाक में यह भी लिख दिया—“तो क्या बारटेंडर चुपके से कोक बेचते हैं?”
ओपी ने जवाब दिया—“अगर ऐसा है, तो वे बहुत चालाकी से करते हैं! हमारे यहाँ सीसीटीवी और सख्त निगरानी रहती है।”
देसी बार संस्कृति और पश्चिमी अजीबोगरीब सवाल
अब भारत में कोई बार में जाकर खुलेआम “गाँजा” या “कोक” मांगे, तो आधी दुनिया तो वहीं ठहाके लगा दे। हमारे यहाँ तो कई जगह अभी भी शराब के नाम से ही लोग चौंक जाते हैं, और यहाँ साहब सीधा गाँजा मांग रहे हैं!
असल में, अमेरिका जैसे देशों में कुछ राज्यों में मारिजुआना लीगल है, तो बाहर से आने वाले लोग सोच सकते हैं कि बार में भी मिल जाएगा। लेकिन हर जगह क़ानून अलग—और बारवाले अपनी लाइसेंस की ऐसी-तैसी क्यों करवाएँ!
हमारे देश में तो अगर कोई देसी बार में “गाँजा” या “कोक” माँग ले, तो या तो बारवाले उसे बाहर ही निकाल दें, या फिर पुलिस को बुला लें!
और कोक की बात करें, तो यहाँ भी कई बार सिर्फ पेप्सी ही मिलती है। एक पाठक ने कमेंट ही किया,“आपको किस ब्रांड की चाहिए थी, साहब?”
तो एक और ने जोक मारा,“मैंने दोनों—पेप्सी और कोक—नाक से सूँघने की कोशिश की थी, दोनों बार बर्फ का टुकड़ा नाक में अटक गया!”
क्या सीख मिली – और हँसी भी!
इस पूरी घटना से यही समझ आता है कि होटल या बार में काम करना जितना आसान दिखता है, उतना है नहीं। रोज़ कोई न कोई नई पहेली, नया सवाल, और कभी-कभार ऐसी बातें जो हँसी के साथ-साथ सोचने पर भी मजबूर कर दें।
किसी ने तो यहाँ तक कह दिया,“अगर फिर से ऐसा फोन आए, तो नाम नोट करके ‘डू नॉट रिटर्न’ (DNR) लिस्ट में डाल देना चाहिए!”
अंत में, यह कहानी एक शानदार मिसाल है कि ग्राहक और रिसेप्शनिस्ट की दुनिया कितनी अलग हो सकती है—कभी-कभी एक फोन कॉल सारी दिनचर्या बदल सकता है।
निष्कर्ष – आपके साथ भी हुआ कुछ ऐसा?
तो दोस्तों, अगली बार जब आप बार या होटल जाएँ, तो सोच-समझकर सवाल पूछें—कहीं रिसेप्शनिस्ट आपको भी मज़ाक का किरदार न बना दे!
अगर आपके साथ भी कभी कोई ऐसा अजीब सवाल या मजेदार घटना हुई हो, तो नीचे कमेंट में ज़रूर साझा करें। क्या आप किसी ऐसे ग्राहक से मिले हैं, जिसने आपको चौंका दिया हो?
आइए, अपनी कहानियाँ बाँटें और मिलकर हँसें – क्योंकि “बार” की असली रौनक तो किस्सों में है!
मूल रेडिट पोस्ट: The Sudden Left Turn