जब बम स्क्वाड के अकड़ू अफसर को मिली क्रेन से उठाई गई कार वाली सीख!

एक कार्टून 3D चित्रण जिसमें क्रेन ऑपरेटर बम निरोधक दस्ते से प्रतिशोध की योजना बना रहा है।
इस जीवंत कार्टून-3D दृश्य में, हमारा क्रेन ऑपरेटर बम निरोधक दस्ते के खिलाफ अपने शरारती प्रतिशोध की योजना बना रहा है, जो एक दूरस्थ स्थान पर भवन उन्नयन के दौरान मजेदार कहानी की तैयारी कर रहा है।

ऑफिस में ऐसे लोग तो आपने भी देखे होंगे जो खुद को सबसे बड़ा बॉस समझते हैं, हर बात में टांग अड़ाना और अपने रुतबे का दिखावा करना जिनकी फितरत होती है। लेकिन कभी-कभी किस्मत भी ऐसे घमंडी लोगों को ऐसा सबक सिखा देती है कि वे ताउम्र याद रखते हैं! आज की कहानी भी कुछ ऐसी ही है—एक सरकारी बम स्क्वाड के अहंकारी सुपरवाइज़र और एक क्रेन ऑपरेटर की छोटी-सी लेकिन मज़ेदार भिड़ंत की।

जरा सोचिए, किसी सरकारी इमारत में मरम्मत का काम चल रहा हो, और वहां बम स्क्वाड का दफ्तर हो—मतलब सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम, फाइलों का अंबार और अफसरों का रौब। ऐसे माहौल में छोटी-सी शरारत भी गजब का ट्विस्ट ला सकती है!

तो बात कुछ सालों पुरानी है। सरकारी इमारत है, बम स्क्वाड का ऑफिस है। क्रेन ऑपरेटर अपने साथियों के साथ आया, काम शुरू करने ही वाला था कि बम स्क्वाड का सुपरवाइज़र आ धमका। भैया, जैसे ही सेटअप शुरू हुआ, साहब ने हंगामा मचा दिया—“तुम लोग यहां क्रेन लगाकर हमारा रास्ता क्यों रोक रहे हो! हम बम स्क्वाड हैं, कोई इमरजेंसी आ गई तो?” क्रेन ऑपरेटर ने इशारे से दिखाया कि दूसरी तरफ तो पूरा रास्ता खुला है, लेकिन साहब तो जैसे बारूद की तरह भड़क गए। तुरंत अपने बॉस, ठेकेदार, सबको फोन घुमाया, माहौल ऐसा बना दिया जैसे कोई भारी अपराध हो गया हो।

अब सोचिए, वहां अचानक 20 अफसर टाई-कोट पहनकर बात निपटाने आ गए। क्रेन ऑपरेटर के बॉस ने कहा—“तुम लोग लंबा लंच कर आओ, जब मामला सुलझेगा तब बुलाऊंगा।” घंटा भर बाद कॉल आई—“अब आ जाओ, काम शुरू करो।”

अब आया असली ट्विस्ट! बम स्क्वाड के उसी सुपरवाइज़र का बॉस आया और बोला—“तुम्हारी क्रेन उस कार को उठा सकती है?” ऑपरेटर बोला—“हां, लेकिन क्यों?” बॉस बोला—“देखो, वो कार उसी सुपरवाइज़र की है, उसे 5 फीट हवा में उठाकर छोड़ दो और फिर से लंच पर निकल जाओ, मेरी तरफ से।” पहले तो ऑपरेटर हिचकिचाया, लेकिन तभी उसके बॉस का फोन आ गया—“सुनो, कांट्रैक्ट में लिखा है कि यहां के अफसर जो भी कहें, करना पड़ेगा!”

अब हुआ वही जो हर फिल्मी सीन में होता है—साहब की गाड़ी हवा में झूल रही थी, और पूरा दफ्तर पेट पकड़कर हंस रहा था। क्रेन ऑपरेटर और उसकी टीम लंच पर निकल गई, काम रोक दिया गया। बिचारा सुपरवाइज़र तब तक परेशान घूमता रहा, जब तक उसने अपने बॉस से माफी नहीं मांगी। कार उसे उसी दिन उसकी छुट्टी के एक घंटे बाद वापस मिली। हैरानी की बात ये कि उसके बाद वो अफसर इतना विनम्र हो गया कि सब दंग रह गए—मिलना-जुलना, नमस्ते-आदाब, सब कुछ बदल गया!

इस घटना ने ऑफिस की राजनीति का पूरा रंग-ढंग ही बदल दिया। Reddit पर भी इस किस्से ने लोगों को खूब हंसाया। एक कमेंट करने वाले ने लिखा—"बम स्क्वाड के लोगों को इतना जल्दी गुस्सा नहीं आना चाहिए, आखिर फ्यूज छोटा हुआ तो बम फट सकता है!" (यह मज़ाक तो हमारे यहां 'तेल देखो, तेल की धार देखो' वाले अंदाज में खूब चलता)। एक और ने कहा—"इतना बड़ा फैसला तभी होता है जब सबको उस सुपरवाइज़र से पहले से दिक्कत रही हो।" सही बात है, अपने यहां भी ऑफिस में कोई 'चाय के प्याले' में तूफान मचाए, तो सबकी चुपचाप भड़ास निकल ही जाती है।

कुछ लोग तो हैरान थे कि सरकारी दफ्तर में इतनी बड़ी अनौपचारिक सज़ा कैसे मिल गई! एक ने पूछा—"इतनी सख्त सुरक्षा में किसी की कार हवा में कैसे लटका दी?" जवाब में खुद ऑपरेटर ने कहा—"भैया, उस दिन तो सबकुछ उल्टा-पुल्टा था। ऊपर से अफसर लोग भी सुपरवाइज़र से तंग आ गए थे, तो सबने मिलकर ये प्लान बना डाला!"

इस कहानी से एक सीख तो मिलती है—ऑफिस हो या घर, कभी भी अपने पद का गलत फायदा मत उठाइए। और अगर आप बम स्क्वाड में हैं, तो फ्यूज थोड़ा लंबा रखिए, नहीं तो आपकी अपनी गाड़ी भी हवा में झूल सकती है! वैसे, हमारे यहां भी ऐसे किस्से खूब होते हैं—कभी किसी बाबू का टिफिन गायब कर देना, तो कभी 'साहब' की कुर्सी पर चुपचाप मिर्च पाउडर छिड़क देना!

अंत में यही कहूंगा—कभी-कभी छोटी-छोटी शरारतें ऑफिस का माहौल हल्का कर देती हैं और घमंडी लोगों को ज़रूरी सबक भी। और भाई, Reddit की जनता ने भी इस कहानी को हाथों-हाथ लिया—किसी ने कहा, "क्या कमाल की 'उप-लिफ्टिंग' बदला था!" तो किसी ने लिखा, "ऐसा बदला तो हर घमंडी बॉस को मिलना चाहिए!"

दोस्तों, आपके ऑफिस में भी ऐसे कोई किस्से हुए हैं? या कभी किसी घमंडी सहकर्मी को सबक सिखाने का मन किया हो? कमेंट में जरूर बताइए, क्योंकि ऐसी कहानियां सिर्फ पढ़ने में ही नहीं, सुनने में भी मज़ा देती हैं!


मूल रेडिट पोस्ट: Revenge on a bomb squad