जब बदला लेना बना धुएँदार—अजीबोगरीब ‘पेटी रिवेंज’ की कहानी
कहते हैं, “जहाँ चाह वहाँ राह।” लेकिन कभी-कभी जब राह सीधी नहीं मिलती, तो लोग जुगाड़ और बदले का ऐसा तरीका निकालते हैं कि सुनने वाला भी अपनी हँसी नहीं रोक पाता। आज हम आपको ऐसी ही एक ‘पेटी रिवेंज’ (छोटी, मजेदार बदला) की कहानी सुनाने जा रहे हैं, जो Reddit पर वायरल हो चुकी है। ये किस्सा है एक युवक, उसके दोस्त और एक ‘जुगाड़ू’ चाचा का, जिसमें मामूली सी चोरी के बदले ऐसा ‘धुएँदार’ जवाब दिया गया कि इंटरनेट पर चर्चा छिड़ गई।
किस्सा शुरू होता है एक छोटी सी ‘जिम्मेदारी’ से
तो भैया, बात कुछ यूँ है कि हमारे नायक के पास थोड़ी-सी ‘घास’ (वीड) थी और उसे कुछ समय के लिए अपने दोस्त के घर छोड़ना था। दोस्त ने सलाह दी कि इसे कहीं अच्छे से छुपा दो, वरना मम्मी को पता चल गया तो बवाल मच जाएगा। अब घर में रहते थे एक ‘चाचा’ टाइप अंकल, जिनकी वजह से घर में माहौल थोड़ा अलग ही रहता था—माँ तो वैसे ही ‘सॉफ्ट हार्टेड’ थीं, ऊपर से कभी-कभार चाचा की ‘मेहमाननवाज़ी’ भी हो जाती थी।
अब चाचा को भी सब गड़बड़ कामों की ‘घाघ’ समझिए। उन्होंने सलाह दी कि वीड को उनके सिगरेट के बचे हुए टुकड़ों की डिब्बी में छुपा दो। चाचा वो सिगरेट के जले-बुझे टुकड़े इकट्ठा करते थे और बाद में उनसे ‘बेकार’ सिगरेट बना-बना कर पीते रहते थे।
चोरी और चतुराई: जब चाचा ने दिखाई अपनी असली चालाकी
हमारा हीरो तो चाचा की बातों में आ गया और वीड की छोटी सी पुड़िया डिब्बी के ढक्कन में छुपा दी। लेकिन जब वह और उसका दोस्त वापस लौटे, तो पुड़िया गायब! कमरे में उस दौरान सिर्फ चाचा ही थे। पूछने पर चाचा ने बहाना बनाया, “पता नहीं, शायद सिगरेट के टुकड़ों में ही गिर गई होगी।” और तो और, दोस्त से बोले, “चलो, मेरे लिए सिगरेट बनाओ।”
दोनों ने पूरी डिब्बी छान मारी, लेकिन वीड तो कहीं मिला ही नहीं। अब हीरो ने सोचा, “चाचा ने धोखा तो दिया है, अब इन्हें मज़ा चखाना तो बनता है।”
बदले की ‘धुएँदार’ योजना: पब्लिक के लिए हँसी, चाचा के लिए सबक
अब यहाँ पर आता है असली ‘पेटी रिवेंज’। हीरो ने सोचा, “चाचा को तो अपनी ही ‘जड़ों’ से मिलवाना पड़ेगा।” उसने अपने शरीर की सबसे निजी जगहों—मान लीजिए, जहाँ सूरज की किरणें भी शर्माती हैं—से तीन बाल खींचे: एक ‘स्पेशल एरिया’ से, एक ‘पसीने वाले इलाके’ से और एक ऐसी जगह से जहाँ बाल होना ही अजीब लगता है।
इन बालों को उसने बड़ी ‘सावधानी’ से चाचा की सिगरेट में डाल दिया। फिर चाचा ने वही सिगरेट जलायी, और ऐसे खींच-खींच कर पी जैसे उसमें कोई जादू हो। अचानक चाचा को खाँसी आई, बोले, “कुछ गड़बड़ है इसमें, लेकिन लगता है इससे तो नशा चढ़ गया!” अब हीरो और दोस्त की हँसी छूट गई—अब हर बार मज़ाक में कहते हैं, “मैं इतना पीता हूँ कि मेरे बाल पीकर भी नशा हो जाता है!”
इंटरनेट की प्रतिक्रिया: हँसी, हैरानी और कई पुराने किस्से
Reddit पर लोगों की प्रतिक्रियाएँ भी कम मजेदार नहीं थीं। एक यूज़र ने मज़ाक में लिखा, “भैया, अगली बार चाचा तुम्हें मिर्ची वाला हलवा न खिला दें!” कई लोगों को ये South Park के कुख्यात ‘चिल्ली’ एपिसोड की याद दिला—जहाँ बदला लेने का तरीका और भी ‘अतरंगी’ था। किसी ने कहा, “तुम सब एक-दूसरे के ही लायक हो!” तो किसी ने माना, “इतनी छोटी-छोटी हरकतें ही असली जिंदगी का मज़ा हैं।”
कुछ ने ये भी पूछा कि बाल उखाड़ना ज़्यादा दर्दनाक नहीं था क्या? इस पर लेखक का जवाब, “नाक के बाल उखाड़ने से कम दर्द होता है, यकीन न हो तो ट्राय कर लो!” एक ने तो अपने पुराने होटल के वेटर दोस्त की कहानी भी सुनाई—कैसे उसने गुस्से में ग्राहकों के ड्रिंक में कुछ ‘अतरंगी’ डाल दिया था। यानी, बदला लेने के तरीके भारत में भी कम नहीं!
सबक और सवाल: क्या ऐसा बदला लेना सही है?
देखा जाए तो ये किस्सा जितना मजेदार है, उतना ही सोचने वाला भी। जब कोई आपसे चालाकी करता है, तो जवाब में भी अगर आपका तरीका ‘क्रिएटिव’ हो, तो कहानी बन जाती है। मगर, क्या हर बार ऐसे बदले सही हैं? शायद नहीं। लेकिन भाई, कभी-कभी छोटी-छोटी शरारतें ही जिंदगी में रंग भर देती हैं—बशर्ते वो हद से बाहर न जाएँ।
निष्कर्ष: आपकी राय?
तो दोस्तो, इस कहानी से आपको क्या सिखने को मिला? कभी आपने भी किसी पर ऐसा ‘पेटी’ बदला लिया है, जो आज सोचकर हँसी आ जाए? या आपके पास कोई और मजेदार ‘जुगाड़’ है, जिससे किसी ने आपको सबक सिखाया हो? कमेंट में जरूर बताइए। आखिर, जिंदगी में अगर थोड़ी मस्ती, थोड़ा बदला और बहुत सारी हँसी न हो, तो मजा ही क्या!
मूल रेडिट पोस्ट: Smoke my pubes.