जब बेटे की नटखट हरकतों पर मां ने लगाया 'गीले तौलिए' का बदला
हर घर में बच्चों का नहाना अपने आप में एक जंग जैसा होता है। खासकर जब दोनों बच्चों को एक साथ स्नान करवाना हो और ऊपर से समय की भी किल्लत हो! अगर आपके घर में भी छोटे बच्चे हैं, तो समझ लीजिए, हर स्नान का समय एक छोटा मोटा "महाभारत" ही है। आज हम एक ऐसी मां की कहानी लेकर आए हैं, जिसने अपने बेटे की शरारतों पर बहुत ही मज़ेदार और प्यारा सा बदला लिया—वो भी बिना डांटे या गुस्सा किए!
मां-बेटे की "नहाने वाली जंग": रोज़ की वही कहानी!
सोचिए, एक 4.5 साल का बेटा और उसकी 2 साल की बहन। मां दोनों को जल्दी-जल्दी नहला रही है ताकि दो कामकाजी माता-पिता की जिंदगी पटरी पर चलती रहे—खाना, खेल, काम, सबकुछ टाइम पर हो जाए। लेकिन साहब, बेटा है कि बाथटब में पानी उछालने का पूरा ठेका ले बैठा है! ऊपर से अपनी छोटी बहन को भी नहीं छोड़ता, उसे भी गीला कर देता है।
हमारे घरों में भी अक्सर ऐसा होता है—एक बच्चा जैसे ही नहाने के लिए टब में बैठता है, उसके अंदर का "नन्हा हनुमान" जाग जाता है। पानी उछाल-उछाल कर सबको भिगो देता है, चाहे मां हो या बहन! और फिर, मां की सारी कोशिशें धरी की धरी रह जाती हैं।
मां की "छोटी सी" बदला नीति: गीला तौलिया, बड़ा मजा!
अब आइए असली बदले की बात पर। Reddit पर एक मां (u/spaghettipancetta) ने अपनी प्यारी सी "choti si badla" नीति साझा की, जिसने सबको हंसने पर मजबूर कर दिया। जब बेटा हद से ज़्यादा पानी उछालता, तो मां उसे आखिरी में खुलकर उछल-कूद करने देतीं। लेकिन बदले में, जब खुद पूरी तरह से गीली हो जातीं, तो अपने बेटे के तौलिए से खुद को पोंछ लेतीं।
अब बच्चा जैसे ही बाथटब से निकलकर अपने तौलिए से खुद को सुखाने आता, उसे मिलता—एक गीला, ठंडा तौलिया! मां के मुताबिक, "ये मेरी छोटी सी जीत है, माँ विन (mom win)!"
ज़रा सोचिए, हमारे यहां भी बच्चे अपने कपड़ों, खिलौनों, यहां तक कि तौलियों को लेकर कितने "स्वामित्व भाव" रखते हैं। कुछ पाठकों ने तो मज़े लेते हुए लिखा—"बिल्कुल सही, बच्चों को उनके ही कर्मों का फल देना चाहिए।"
पाठकों की प्रतिक्रिया: "बच्चों को सबक सिखाने का देसी तरीका!"
Reddit पर इस कहानी ने जमकर वाहवाही बटोरी। एक पाठक ने लिखा, "बिल्कुल सही किया! बच्चे अपनी चीज़ों को लेकर बहुत पज़ेसिव होते हैं, और जब देखेंगे कि उनका तौलिया गीला हो गया, तो खुद ही समझ जाएंगे कि पानी उछालने का क्या नतीजा है।"
एक अन्य ने मजाकिया अंदाज में कहा, "अरे, मुझे तो मां के चेहरे पर वो शरारती मुस्कान साफ दिख रही है!"
कुछ ने अपने अनुभव भी साझा किए—"हमारे यहां तो बेटा-बेटी दोनों बाथरूम में ऐसे कांड करते थे कि आखिर में छत से भी पानी टपकने लगता था!"
एक बुज़ुर्ग पाठक ने लिखा, "बहुत बढ़िया! बच्चों को उनकी ही हरकतों का परिणाम समझाना जरूरी है। ये मज़ेदार तरीका है, कोई नुकसान भी नहीं।"
क्या आपके घर में भी है "स्प्लैश टैक्स" का नियम?
एक पाठक ने इसे नाम दिया—"स्प्लैश टैक्स" यानी जितना पानी उछालोगे, तौलिया उतना गीला मिलेगा! सोचिए, अगर हमारे भारतीय घरों में भी ऐसे छोटे-छोटे नियम बना दिए जाएं तो नहाने का समय कितना मज़ेदार हो जाएगा।
वैसे हम भारतीय मांएं तो बच्चों की हर शरारत का कोई न कोई देसी इलाज खोज ही लेती हैं—कभी झाड़ू पकड़ाना, कभी काम में लगा देना, तो कभी ऐसे प्यारे-प्यारे बदले लेना!
कुछ पाठक तो यहां तक बोले—"बिल्कुल सही, बच्चों को उनके कर्मों का फल यहीं देना चाहिए।" और कुछ ने हंसी-मजाक में कहा, "मां तो मां होती है, उसके पास हर समस्या का हल है!"
नहाने की जंग, मां की जीत!
तो अगली बार जब आपका छोटा सा शैतान बाथरूम को तालाब बना दे, तो गुस्सा करने के बजाय ये गीला तौलिया वाला तरीका आज़माइए। हो सकता है, आपके बच्चे को भी समझ आ जाए कि हर शरारत का कोई न कोई मजेदार परिणाम ज़रूर मिलता है।
और याद रखिए, बच्चों के साथ ये छोटी-छोटी जंगें ही तो जिंदगी के सबसे यादगार पल बन जाती हैं। आखिर, मां की छोटी-सी जीत भी बहुत मायने रखती है!
आपके घर में ऐसी कौन-सी "मां विन" (या पापा विन) कहानियाँ हैं? नीचे कमेंट करके ज़रूर बताएं, और अगर आपको ये किस्सा पसंद आया हो तो अपने दोस्तों और फैमिली के साथ शेयर करें।
माता-पिता की इस अनोखी जंग में आप किस तरफ हैं—बच्चों के या मां के?
शुभकामनाएँ, और अगली बार नहाने की जंग जीतकर "गीले तौलिए" का बदला लेना न भूलें!
मूल रेडिट पोस्ट: Please only read this with a sense of humor