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जब फैक्ट्री में मिला 'केविन' जैसा सहकर्मी: अतरंगी हरकतों की कहानी

एक कार्टून चित्रण जिसमें एक फैक्ट्री श्रमिक पाउडर बेबी फॉर्मूला प्लांट में काम कर रहा है, सूडानी संस्कृति से प्रेरित।
मिलिए केविन से, दक्षिण सूडान का एक अनोखा पात्र, जो पाउडर बेबी फॉर्मूला उत्पादन की हलचल भरी दुनिया में घूम रहा है। यह मजेदार कार्टून-3डी छवि फैक्ट्री की जिंदगी और उसकी जीवंतता को दर्शाती है। मेरे अनुभवों में केविन के साथ काम करने और हमने जो सबक सीखे हैं, उनमें डूब जाइए!

कहते हैं, दफ्तर में हर तरह के लोग मिलते हैं—कुछ मेहनती, कुछ चालाक, और कुछ बस... केविन जैसे! अगर आपने कभी सोचा है कि आपकी टीम में सबसे 'भुलक्कड़' या 'मूर्ख' कौन है, तो आज की ये कहानी आपके चेहरे पर मुस्कान ले आएगी। ये किस्सा है एक दूध पाउडर फैक्ट्री का, जहां एक 'केविन' ने अपनी हरकतों से सबका सिर पकड़वा दिया।

फैक्ट्री की दुनिया और 'बनी सूट' की कहानी

फैक्ट्री वो जगह है, जहाँ सफाई का सारा खेल चलता है, खासकर जब बात बच्चों के दूध पाउडर की हो। हमारे यहाँ एक 'मेटाबॉलिक क्लीन' नाम की सफाई होती है—यानि हर कोना चकाचक। इसके लिए हम सबको 'बनी सूट' पहनना पड़ता है, जो सफेद रंग का पेपर वाला जंपसूट होता है। पहन लो तो लगो जैसे कोई बड़ा सा खरगोश!

अब, हमारे 'केविन' भाई बिना बनी सूट पहने ही सफाई में लगे थे। दो महीने की नौकरी के बाद भी, ये नियम भूल जाना, सोचिए! जब मैंने टोका, "केविन, बना सूट कहाँ है?" तो आँखें मटकाते बोले, "अरे, भूल गया।" जैसे बस चाय पानी भूल गए हों! जब समझाया कि हाई ज़ोन में सूट जरूरी है, तो तैश में आकर बोले, "मैंने देखा ही नहीं!" फिर पंद्रह मिनट तक न जाने कहाँ गायब हो गए। जैसे बचपन में माँ डांटे तो मुंह फुलाकर कोने में बैठ जाते थे, वही हाल।

'आरटीयू' और दिमाग की छुट्टी

फैक्ट्री में कभी-कभी टॉयलेट जाना भी मिशन बन जाता है। एक बार मैं बाहर गया, लौटते वक्त डोर पर घंटी बजाई। सामने से केविन साहब 30-35 फीट दूर से हाथ हिलाकर पूछते हैं, "क्या चाहिए?" मैं इशारे करता रहा—आओ यहाँ! पर जनाब वहीं से पूछते रहे। खैर, जब आए तो मैंने पूछा, "बाहर से कुछ चाहिए?" बोले, "आरटीयू" (सफाई के लिए इस्तेमाल होने वाला केमिकल)। मैंने बोतलें मांगी, तो बोले, "अरे, बोतलें भी चाहिए?" उस समय दिल किया, जैसे बॉलीवुड में होता है—'दिमाग की बत्ती गुल'!

कन्वेयर बेल्ट और 'कटिंग द केन्स' का ड्रामा

फैक्ट्री में एक लंबी कन्वेयर बेल्ट है, जिस पर दूध पाउडर के डिब्बे चलते रहते हैं। जब ऑर्डर खत्म हो जाता है, तो 'कटिंग द केन्स' यानि डिब्बों की सप्लाई बंद कर देते हैं। एक दिन केविन ने देखा कि बेल्ट आधी खाली है, तो इशारा करने लगे, "और डिब्बे डालो!" मैंने समझाया, "अब ऑर्डर खत्म, और डिब्बे नहीं डालेंगे।" पर वो बार-बार वही इशारा करते रहे। आखिरकार, मैंने एक और सहकर्मी से कहा, "भइया, इसको समझाओ कि कटिंग द केन्स का मतलब क्या है!" नौ महीने की नौकरी के बाद भी ऐसी नादानी!

कम्युनिटी की राय: क्या हर दफ्तर में होता है एक 'केविन'?

रेडिट पर इस किस्से को पढ़कर बहुतों ने सिर थाम लिया। एक यूज़र ने लिखा—"ऐसे लोग जिनमें सामान्य समझ और साफ निर्देशों का पालन करने की क्षमता नहीं होती, उन्हें मेडिकल ग्रेड चीजों के आसपास फटकने भी नहीं देना चाहिए।" सच बात है, दुधमुंहे बच्चों के लिए बनी चीज में एक छोटी गलती भी भारी पड़ सकती है।

एक और टिप्पणी में कहा गया, "कुछ लोगों का दिमाग जैसे 'एयरप्लेन मोड' पर सेट है—वाई-फाई ऑन करना भूल गए।" इस पर हँसी भी आई और सच भी लगा। खुद कहानीकार की माँ का डायलॉग भी खूब चला—"जब ऊपरवाले ने बेवकूफी बांटी थी, तो ये दो बार लाइन में लग गया था!"

किसी ने पूछा कि ऐसे बंदे को निकाला क्यों नहीं गया? जवाब आया—"सुपरवाइज़र के सामने ये बड़ा 'चापलूस' बन जाता है, और बस उन्हीं के सामने काम करता है। असली रंग तो टीम ही जानती है!"

हिंदी पाठकों के लिए सीख और मुस्कान

हमारे यहाँ भी ऑफिस में ऐसे लोग मिल जाते हैं—जो बॉस के आगे 'राम' और बाकी वक्त 'श्याम'! सही बात है, काम की जगह पर समझदारी और जिम्मेदारी सबसे जरूरी है, खासकर जब बात बच्चों की सेहत से जुड़ी हो। लेकिन, कभी-कभी ऐसे 'केविन' हमें ये भी सिखा जाते हैं कि हर टीम में एक 'मूर्ख' होना भी जरूरी है, ताकि बाकी लोग खुद को समझदार महसूस कर सकें!

निष्कर्ष: आपके ऑफिस का 'केविन' कौन है?

तो दोस्तों, क्या आपके ऑफिस में भी कोई 'केविन' है? वो जो हर नियम तोड़ता है, हर बार बहाने बनाता है, पर फिर भी अपनी जगह बना ही लेता है? अगर हाँ, तो नीचे कमेंट में अपनी कहानी जरूर लिखें। आखिर, 'केविन' सिर्फ एक नाम नहीं, एक कैरेक्टर है—जो हर दफ्तर में मिल जाता है!

आइए, जिंदगी में काम के साथ-साथ ऐसी कहानियों में भी मुस्कान ढूंढ़ें।


मूल रेडिट पोस्ट: Sudanese Work Kevin