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जब पुराने किराएदार की डाक ने नए घरवालों की नाक में दम किया!

एक नई घर में एक दंपति एक ढेर सारे पत्रों को छांटते हुए।
इस सिनेमाई पल में, एक दंपति एक साथ रहने की खुशियों और चुनौतियों का सामना करते हुए, अपने नए घर के अतीत को खोजते हैं।

क्या आपने कभी अपने नए घर में शिफ्ट होने के बाद पुराने किराएदार या मालिक की चिट्ठियाँ पाई हैं? लगता है डाकिया जी दिल से चाहते हैं कि पुराने रिश्ते कभी खत्म न हों! आज की कहानी ऐसे ही एक मजेदार अनुभव की है, जिसमें ‘आपका पत्र आया है’ का मतलब सिर्फ आपके लिए नहीं, बल्कि हर उस इंसान के लिए है जिसने कभी आपके पते पर सांस ली हो!

नए घर, पुरानी चिट्ठियाँ – हर महीने नया सरप्राइज

जब Reddit यूज़र और उनकी गर्लफ्रेंड ने नया किराए का घर लिया, तो दोनों ने पूरी ईमानदारी से हर जगह अपना नया पता अपडेट करवा दिया। लेकिन पुराने किराएदार साहब शायद जरा बेफिक्र थे—उनका बैंक, सरकारी दस्तावेज़, बीमा कंपनियाँ, सबकी चिट्ठियाँ नई जोड़ी के पते पर लगातार आती रहीं।

शुरुआत में नए किराएदार ने जिम्मेदारी निभाते हुए ‘प्राप्तकर्ता स्थानांतरित’ लिखकर डाक वापिस भेजी। एक महीना बीत गया, चिट्ठियाँ कम होने की जगह बढ़ती गईं। आखिरकार, सब्र का बांध टूटा और “चलो, अब सीधा कूड़ेदान” नीति लागू हो गई। तीन साल तक यही क्रम चलता रहा—हर महीने, दो महीने में एक-दो चिट्ठियाँ, और सीधा कूड़ेदान।

वो खास जन्मदिन का कार्ड – जिज्ञासा जो बिन बुलाए चली आई

अब तक तो नए किराएदार ने कभी किसी चिट्ठी को खोला नहीं था, लेकिन एक दिन डाक में एक रंग-बिरंगा कार्ड आया। जन्मदिन का कार्ड देखकर दिल में हल्की सी हलचल हुई—“क्या है इसमें?” जिज्ञासा हावी हुई और कार्ड खोल लिया। अंदर प्यारे से संदेश के साथ एक चेक रखा था, जिसमें पुराने किराएदार के माता-पिता का पूरा पता और फोन नंबर भी था।

यहाँ से कहानी में ट्विस्ट आता है—नया किराएदार सीधे कार्ड भेजने वाले माता-पिता को कॉल करता है। बड़े अदब से बताया, “आपका बेटा चार साल पहले यहाँ से चला गया, और मैं ये कार्ड और चेक कूड़ेदान में डाल रहा हूँ।“ अब सोचिए, बेटे की लापरवाही पर माता-पिता ने कैसी डांट लगाई होगी! इसके बाद फिर कभी उनके नाम की चिट्ठी नहीं आई।

चिट्ठियों की दुनिया की गजब कहानियाँ

इस अनुभव पर Reddit समुदाय में भी हंसी-ठिठोली और किस्सों की बारिश हो गई। एक यूज़र ने बताया कि वो हर बार अपने माता-पिता के घर जाते हैं तो डाक बॉक्स में पुराने बॉस की चिट्ठी मिलती है। बैंक की सरकारी चिट्ठी टोकरी में डाल दी और अगले दिन ऑफिस पहुँचा तो HR ने तगड़ा पूछताछ कर डाली—“कहाँ से मिली? खोली तो नहीं?” कहना न होगा, ऑफिस वाली दुनिया में भी डाक का चक्कर कम नहीं!

एक और यूज़र ने लिखा—“मैंने अपने कार में पेन रखा है, हर चिट्ठी पर ‘2023 में स्थानांतरित’ लिख देता हूँ। अगर किसी को वाकई ज़रूरत होती तो एड्रेस बदलवा लेता।” किसी ने तो यह तक लिखा कि उनके घर में पिछले मालिक की मौत को बारह साल हो गए, लेकिन उनकी चिट्ठियाँ अब भी आती हैं। किसी ने सुझाया—“डाकिया को बता दो, डाक बंद हो जाएगी।” लेकिन हकीकत ये है कि कई बार तो सरकारी नोटिस, कोर्ट के समन और यहां तक कि फर्जी गिफ्ट भी आते रहते हैं।

एक यूज़र ने तो कमाल कर दिया—हर साल पिछले किराएदार के नाम की जूरी ड्यूटी (अमेरिका के कोर्ट में भागीदारी का बुलावा) आ जाती थी। दस साल तक वापस भेजते-भेजते थक गए, लेकिन फिर भी न रुका। “कोई परवाह ही नहीं करता,” उन्होंने मजाकिया अंदाज में लिखा।

भारत में भी डाक का यही हाल – चिट्ठियों के चक्कर और जुगाड़

अब जरा भारतीय संदर्भ में सोचिए—यहाँ भी किराएदार बदलते ही पड़ोसी, दूधवाला, और पोस्टमैन सबकी लाइन लग जाती है, “भैया, पुराने वाले की चिट्ठी आई है, क्या करें?” कई बार तो पुराने मकान मालिक का बिजली का बिल, स्कूल की फीस का नोटिस, या LIC की पॉलिसी का पत्र आ जाता है। शुरू में हम भी जतन करते हैं, फोन करते हैं, वापस भेजते हैं, लेकिन जब हद हो जाती है तो सीधा ‘रद्दी’ का रास्ता दिखा देते हैं।

मजेदार बात ये है कि कई बार पुराने किराएदार या मालिक की कोई जमानत, कोर्ट का समन, या फिर गुमनाम गिफ्ट भी आ जाता है। एक यूज़र की तरह भारत में भी ‘डाकिया बाबू’ से कह दो, “अब ये नाम मत डालो,” लेकिन फिर भी सरकारी दफ्तर अपने ठप्पे से बाज नहीं आते!

अंत में – आपकी ‘डाक-गाथा’ क्या है?

तो साथियों, क्या आपके साथ भी ऐसा हुआ है? क्या आपने भी किसी पुराने किराएदार की चिट्ठियों से जूझा है, या कोई मजेदार किस्सा है? कमेंट में जरूर बताइए।

और हाँ, अगली बार जब आपके नाम पर कोई चिट्ठी न आए, तो समझिए कि किसी नए किराएदार की नाक में अब वही दम है जो कभी आपका था!

अगर आपको ये किस्से मजेदार लगे, तो शेयर करें, अपने अनुभव बताएं और देखते हैं—किसकी डाक सबसे अजीब थी!


मूल रेडिट पोस्ट: You've got mail...