जब 'प्यारी' बदला बन गया 'बिल्ली महोत्सव': एक अनोखी बदले की कहानी
कहते हैं—"जैसा करोगे, वैसा भरोगे!" लेकिन कभी-कभी बदला इतना 'मासूम' होता है कि उसका असर छोटी सी चिंगारी से पूरे मोहल्ले में आग ला देता है। आज की कहानी एक ऐसी ही महिला की है, जिसने अपने ज़िन्दगी के सबसे मुश्किल दौर में एक छोटा सा बदला लेने की सोची थी, लेकिन उसकी योजना ने पूरे मोहल्ले को 'बिल्ली महोत्सव' में बदल दिया!
जब रिश्ता टूटा, और दिल भी...
ऑफिस की चाय पर गपशप के दौरान अक्सर पुराने किस्से निकल आते हैं। ऐसी ही एक मुलाकात में एक महिला ने अपनी आठ साल पुरानी कहानी सुनाई। उनका रिश्ता एक ऐसे इंसान से था, जो ना सिर्फ ज़िद्दी था बल्कि गुस्सैल और हिंसक भी। जब बात तलाक तक पहुंची, तो उन्हें वो घर छोड़ना पड़ा, जिसमें उन्होंने अपना बहुत प्यार और पैसा लगाया था—खासकर बगिया में। सोचिए, महंगी–महंगी फूलों की पौधें, घंटों मेहनत, और वो सब एक झटके में छोड़ना पड़ा।
लेकिन महिला ने ठान लिया था कि वो अपने सारे फूल साथ ले जाएँगी, और उनके पूर्व–पति ने भी हामी भर दी। पर कहते हैं न, टूटा दिल कभी–कभी शरारती दिमाग को जन्म देता है!
कैट्निप का जादू—‘छोटा बदला, बड़ी आफत’
फूल निकालने के बाद जब वह बगिया खाली हुई, तो बागवानी सेंटर से बड़े-बड़े गमले लेने गईं। वहाँ नज़र पड़ी—कैट्निप (Catnip) के बीजों पर! अब भारत में लोग तुलसी, पुदीना, धनिया, मेथी जरूर लगाते हैं, लेकिन कैट्निप—यहाँ कम ही सुनने को मिलता है। कैट्निप दरअसल पुदीना परिवार का ही सदस्य है, और बिल्ली इसे सूंघते ही बावली हो जाती है। महिला ने सोचा—“क्यों न थोड़ा मज़ा लिया जाए? वैसे भी सुना है, ये उगाना बड़ा मुश्किल है। दो-चार पौधे निकल भी आए, तो पड़ोस की बिल्लियाँ परेशान कर देंगी, और उसे थोड़ी झंझट होगी।”
बस, फिर क्या—पूरा खाली बगिया बीजों से भर दिया, और नई ज़िंदगी की ओर निकल गईं।
जब बदला निकला ‘सूपरहिट’—मोहल्ले का बिल्लियों का मेला!
समय बीत गया। महिला अपनी दुनिया में मस्त। लेकिन हाल में जब उन्हें काम के सिलसिले में फिर उसी मोहल्ले में जाना पड़ा, तो रास्ते में 'फॉर सेल' का बोर्ड और घर के बाहर 6 बिल्लियाँ बैठे देखी! नया क्लाइंट बोला—“आपको पता है, इस घर के मालिक की बगिया में ऐसा कैट्निप फैला है कि हर गर्मी में पूरा इलाका बिल्ली के शौचालय जैसा महकता है! बेचारा मालिक पिछले कई सालों से जड़ से हटाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन कैट्निप तो ऐसी फैल गई जैसे खेत में कंस घास!”
यह सुनते ही महिला को अपनी पुरानी शरारत याद आई—और हंसी रोकना मुश्किल हो गया।
कम्युनिटी की मजेदार प्रतिक्रियाएँ—"बिल्ली वाली बदला, शानदार बदला!"
इंटरनेट पर यह किस्सा पोस्ट होते ही कमेंट्स की बाढ़ आ गई। एक यूज़र ने लिखा—“यह बदला तो एकदम 'पर्फेक्ट' है! कैट्निप एक बार जम गई, तो फिर हमेशा के लिए जम गई।” दूसरे ने मजाकिया अंदाज में लिखा—“बिल्कुल पुदीना की तरह है, एक बार बो दो, फिर बाबा रामदेव भी हटा नहीं पाएंगे!” एक और प्रतिक्रिया थी—“अब तो मोहल्ले वाले भी परेशान होंगे, लेकिन जिसने आपको दुख दिया, उसे तो ये सब सहना ही चाहिए।”
कुछ लोगों ने चिंता जताई कि पड़ोसियों की भी शामत आ गई, लेकिन अधिकतर लोगों ने इसे पूरी तरह जायज़ ठहराया—“जो औरत पर हाथ उठाए, उसे बिल्ली की महक मिले, यही उसका हक है।”
एक बागवानी विशेषज्ञ ने कमाल की जानकारी दी—“कैट्निप पुदीना परिवार का हिस्सा है, और जैसे हमारी दादी-नानी कहती थी, पुदीना गमले में रखो, ज़मीन में मत उतारो—वरना बगिया हरी हो जाएगी, लेकिन फूलों की जगह झाड़ियाँ!”
क्या बदला लेना 'सही' था? भारतीय नज़रिए से
भारत में भी कई बार लोग बदला लेने के लिए छोटी-छोटी शरारतें करते हैं—कभी पड़ोसी की छत पर सीमेंट डाल देना, या ऑफिस में चुपचाप चाय में नमक डाल देना! पर यहाँ मामला थोड़ा अलग था—एक महिला ने अपने साथ हुए अन्याय का जवाब दिया, और वो भी बिना किसी हिंसा के।
कई पाठकों ने लिखा—“गलती उस आदमी की थी, जिसने किसी महिला के साथ मारपीट की। अब अगर उसे बिल्ली और कैट्निप की आफत झेलनी पड़ी, तो इसमें क्या गलत है? ये तो 'कर भला तो हो भला, कर बुरा तो...' की सच्ची मिसाल है!”
निष्कर्ष: छोटी बदला, बड़ी हंसी—क्या आपने भी कभी ऐसा किया?
इस पूरी कहानी में सीख यही है कि कभी-कभी मासूम सी शरारत भी ज़िंदगी में बड़ा रंग ला सकती है—कभी हँसी, कभी सजा, कभी घर में बिल्लियाँ!
क्या आपके साथ भी किसी ने ऐसी 'प्यारी बदला' ली है या आपने खुद कभी ऐसा किया है? कमेंट में अपनी कहानी ज़रूर शेयर करें। और हाँ, अगली बार बगिया में पुदीना या कैट्निप बोने से पहले दो बार सोच लें... कहीं आपकी बगिया भी 'बिल्ली महोत्सव' का केंद्र न बन जाए!
मूल रेडिट पोस्ट: Petty revenge was worse than I imagined.