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जब पड़ोसी बना सिरदर्द: एक छोटी सी बदला और पड़ोसन की थैंकगिविंग का बंटाधार

पड़ोसी के साथ थैंक्सगिविंग की गड़बड़ी पर विचार करता एक व्यक्ति, हास्य और यादों को जगाता एनिमे चित्रण।
इस जीवंत एनिमे दृश्य में, हमारा नायक अपने पड़ोसी टी के साथ थैंक्सगिविंग की हल्की-फुल्की अराजकता पर विचार कर रहा है। हंसी और सीखे गए पाठों की इस यात्रा में शामिल हों, जैसे उस ऐतिहासिक दिन की यादें जीवित होती हैं!

कहते हैं कि अच्छे पड़ोसी भगवान का वरदान होते हैं, लेकिन कभी-कभी ये वरदान उल्टा भी पड़ जाता है। सोचिए, अगर आपके घर की दीवार के उस पार कोई ऐसा रहता हो, जिसकी हरकतें आपकी नींद, चैन और दिमाग, तीनों पर भारी पड़ जाएँ—तो क्या करेंगे आप? आज की कहानी अमेरिका के एक अपार्टमेंट की है, लेकिन इसकी झलक हिंदुस्तानी मोहल्लों में भी देखने को मिल जाती है।

यह कहानी है एक ऐसे पड़ोसी की, जिसने अपने झगड़ालू, टोकाटाकी और अजीब हरकतों से लेखक और उसके पार्टनर की जिंदगी नर्क बना दी। लेकिन कहते हैं न, "जैसे को तैसा", आखिरकार लेखक ने भी अपनी ‘छोटी सी बदला’ से उस पड़ोसन की थैंकगिविंग का सारा मज़ा बिगाड़ दिया।

अब ज़रा विस्तार से जानिए, क्या हुआ था उस अपार्टमेंट में, जिसकी चर्चा Reddit पर हज़ारों लोगों ने की और भारत के हर मोहल्ले में relatable लगेगी।

पड़ोसी का आतंक: दीवार के इस पार से उस पार

लेखक ने 2017 में एक अपार्टमेंट में रहना शुरू किया। शुरू-शुरू में उनकी पड़ोसन 'टी' (60 साल की महिला) काफी ठीक-ठाक लगीं। लेकिन पति से अलग होते ही जैसे उन पर ‘कर्कश पड़ोसी’ का भूत सवार हो गया। टी के व्यवहार में इतनी कड़वाहट आ गई कि हर छोटी बात पर दरवाज़ा पटकना, बेमतलब दीवारों पर चीखना, और तो और, ब्लूटूथ स्पीकर पर जोर-जोर से कंट्री म्यूजिक बजाना उनका रोज़ का काम बन गया।

यहाँ तक कि जब लेखक बाथरूम जाता, तो टी फौरन अपना स्पीकर लेकर बाथरूम में आ जाती—यानी जो भी कमरा लेखक इस्तेमाल करता, टी वहाँ शोर मचाने आ जातीं! "अरे वाह, फिर से बाथरूम में आ गए!"—ऐसी आवाज़ें दीवार पार से सुनाई देती थीं। ऐसा लगने लगा जैसे टी के पास जासूसी का कोई डिग्री है!

नमक-मिर्च वाली पड़ोसी की हरकतें

टी का आतंक सिर्फ शोर-शराबे तक सीमित नहीं था। गर्मियों में वो अपार्टमेंट के बाहर बैठकर लगातार सिगरेट पीतीं, जिससे धुंआ लेखक के कमरे में घुस जाता। हालत ये हो गई कि बिना एयर कंडीशनर के, खिड़की बंद रखनी पड़ती। रही-सही कसर पूरी की टी की बेटी और उसकी भांजी ने, जो किसी भी वक्त आकर ऊँची आवाज़ में बातें करने लगतीं।

एक बार लेखक ने अपनी नाइट शिफ्ट की जानकारी भी दी, तो टी ने अगले ही दिन से सुबह 8:30 बजे ज़ोर-ज़ोर से म्यूजिक बजाना शुरू कर दिया। मानो कह रही हों, "तुम्हें सोना है? लो, अब बजाओ सीटी!"

'छोटी सी बदला'—थैंकगिविंग का स्वाद बिगाड़ दिया

अब आती है असली बदला लेने वाली बात! नवंबर 2023 की एक सुबह, थक-हारकर लेखक सामान खरीदने गया तो वही टी वहाँ थैंकगिविंग का भारी-भरकम सामान खरीद रही थी। लाइन में टी का डेबिट कार्ड गिर गया और लेखक ने मौके का फायदा उठाते हुए उसे चुपचाप शेल्फ के नीचे सरका दिया। टी को जब कार्ड नहीं मिला, तो उसकी पूरी खरीदारी रद्द हो गई, थैंकगिविंग का सामान रह गया और घर जाकर उसने खूब हल्ला मचाया—"सब बरबाद हो गया, बेटी! अब क्या होगा!"

इस बदले के बाद Reddit पर जबरदस्त प्रतिक्रिया आई। एक यूज़र ने लिखा, "टी तो हद से ज्यादा थी! उसके पति ने घर क्यों छोड़ा, अब समझ आया!" एक और कमेंट था, "ऐसी पड़ोसी तो दुश्मन के यहाँ भी न हो!"

बिल्ली की कहानी: इंसानियत की एक झलक

कहानी में एक ट्विस्ट तब आया जब टी ने अपनी बिल्ली को दूसरी मंज़िल से बाहर फेंक दिया, सिर्फ इसलिए कि उसने काट लिया था! लेखक ने बिल्ली को दया से खाना-पानी दिया, लेकिन टी ने दरवाज़ा बंद करने का इंतज़ाम कर दिया। आखिरकार, पड़ोस की एक दंपती ने उस बिल्ली को अपना लिया और अब वो खिड़की में आराम से बैठती है। इस घटना में इंसानियत की एक हल्की सी चमक भी दिखी, जो दिल को सुकून देती है।

दीवारें कितनी मोटी, पड़ोसी कितनी झगड़ालू?

कहानी का सबसे मज़ेदार मोड़ तब आया जब टी के जाने के बाद लेखक ने अपने दोस्त के साथ मिलकर दीवार की असलियत जांची—चिल्ला-चिल्लाकर भी आवाज़ मुश्किल से आती थी! यानी टी खुद ही जानबूझकर शोर मचाती थी, और शायद अपनी अकेलापन का गुस्सा दूसरों पर निकालती थी। एक Reddit यूज़र ने मज़ाक में लिखा, "शायद टी को जलन थी कि लेखक का साथी है, और उसका कोई नहीं!"

हमारे भारतीय मोहल्लों में भी ‘टी’ कम नहीं!

यह कहानी भले अमेरिका की हो, लेकिन ऐसे किरदार हमारे यहाँ भी खूब मिलते हैं—जो दूसरों की खुशियाँ देखकर कुढ़ते हैं, तिल का ताड़ बनाते हैं और छोटी-छोटी बातों पर आसमान सिर पर उठा लेते हैं। गाँव-शहर, फ्लैट-मोहल्ला, हर जगह एक ऐसी 'टी' जरूर मिल जाएगी।

अंत में...

इस पूरी कहानी से यही सिख मिलता है—पड़ोसी चाहे जैसे भी हों, धैर्य रखना जरूरी है, लेकिन अगर पानी सिर से ऊपर चला जाए, तो हल्की सी बदला भी कभी-कभी बहुत सुकून दे जाता है। तो अगली बार आपका कोई पड़ोसी बहुत परेशान करे, तो इस कहानी को याद जरूर करिएगा!

क्या आपके साथ भी कभी किसी पड़ोसी ने ऐसी हरकत की है? कमेंट में जरूर बताइए! और हाँ, अगर कहानी पसंद आई हो तो शेयर करना न भूलें।


मूल रेडिट पोस्ट: I mildly ruined my now ex-neighbor's Thanksgiving.