जब पड़ोसी बना मुसीबत, और कूड़ेदान ने ले ली बदला!
पड़ोसी का झगड़ा किसे अच्छा लगता है? लेकिन जब आपके मोहल्ले में एक ऐसा 'सुपर विलेन' पड़ोसी हो, जिसे खुद के घर के सामने कोई पत्ता भी बर्दाश्त नहीं, तब तो बात ही कुछ और हो जाती है। आज की कहानी है एक ऐसे ही खड़ूस पड़ोसी और उसके खिलाफ हुई 'छोटी लेकिन मजेदार' बदले की कार्रवाई की। इसे पढ़कर शायद आपको अपने पड़ोसी की शिकायतें कुछ कम लगने लगें!
मोहल्ले की जंग: गाड़ी, कूड़ेदान और एक जिद्दी पड़ोसी
हर मोहल्ले में एक-आध ऐसा पड़ोसी जरूर होता है जिसे हर चीज़ में परेशानी होती है। हमारे नायक (Reddit यूज़र) का भी सामना ऐसे ही एक 'दुष्ट' पड़ोसी से था, जिसे अपने घर के सामने किसी का वाहन खड़ा होना नागवार गुजरता था। अब भई, पब्लिक सड़क है, लेकिन इन महाशय को लगता है कि पूरी गली उनकी जागीर है।
घटना कुछ यूं हुई कि सामने वाले दोस्त के घर खुदाई का काम होना था। मजदूरों की टीम ने रविवार रात ट्रक और ट्रेलर (जिसमें बड़ी JCB मशीन थी) लाकर खड़ा कर दिया – वो भी 'दुष्ट' पड़ोसी के घर के सामने, लेकिन ड्राइववे से 15 फीट दूर! आम लोग इसे नजरअंदाज कर देते, लेकिन हमारे 'खड़ूस जी' के लिए ये तो सीधा सीधा जुल्म था।
'कूड़ेदान' बना हथियार
काम दो दिन का था, इसलिए ये ट्रेलर दो दिन वहीं रहा। जब मजदूर अपना काम निपटा रहे थे, तभी पड़ोसी साहब अपने कूड़ेदान बड़ी चालाकी से मजदूरों की गाड़ी के आगे सटा कर रख आए। सोचिए, इतनी तंगदिली! मकसद साफ था – या तो मजदूरों को परेशान करो, या फिर कूड़ेदान ही मत उठने दो।
पड़ोसी जी खुद अपनी गाड़ी लेकर निकले और जाते-जाते मजदूरों पर भड़ास भी निकाल गए – “ये बड़ा भद्दा ट्रक कब हटाओगे मेरे घर के सामने से!” मजदूर भी बड़े सयाने निकले – शांति से बोले, “अभी जा रहे हैं, सर।”
असली 'पेटी रिवेंज' का तड़का
अब असली मजा तब आया, जब हमारे नायक ने फटाफट बाहर जाकर मजदूरों से कहा – "भैया, कूड़ेदान जितना पास रख दिया है, कूड़ा उठाने वाली गाड़ी शायद ले ही न जाए। बड़ा बुरा होगा अगर ट्रेलर एक रात और रह गया।” मजदूर मुस्कराए, बात समझ गए, और ट्रेलर वहीं छोड़ दिया।
अब पड़ोसी जी का गुस्सा सातवें आसमान पर था, लेकिन कर भी क्या सकते थे! एक Reddit यूज़र ने सही लिखा – “अब बेचारे के पास करने को कुछ नहीं बचा, यही तो सबसे ज्यादा जलेगा!” (जिसे हम अपने मुहावरे में कहते हैं – खुद की बनाई आग में जलना।)
मोहल्ले वालों की चटपटी प्रतिक्रियाएँ
इस मजेदार किस्से पर Reddit की कम्युनिटी भी खूब हंसी। एक पाठक ने कहा, “जब आप दूसरों की चड्डी मरोड़ने जाओ, तो खुद की मरोड़ी जाती है – यही असली कर्मा है!” किसी ने सलाह दी, “अगर ट्रेलर हटाना इतना जरूरी है, तो हर तीन दिन में एक नया ट्रेलर उसके सामने खड़ा कर दो, देखता हूँ कितना झेलता है।”
एक और कमेंट ने तो मसाला डाल दिया – “भाई, अगली बार कूड़ेदान के साथ-साथ एक बिल्ली छोड़ आओ, जो उसके गीले सीमेंट पर पाँव के निशान छोड़ दे!” ये तो वही बात हो गई – ‘जिस थाली में खाओ, उसी में छेद करो!’
छोटी बदला, बड़ा मजा – और सीख भी!
यह कहानी सिर्फ एक मजेदार ‘पेटी रिवेंज’ (छोटी बदला) नहीं, बल्कि ये भी बताती है कि मोहल्ले में सामूहिकता और समझदारी कितनी जरूरी है। कई बार लोग छोटी-छोटी चीजों को लेकर इतना जिद्दी हो जाते हैं कि खुद ही फँस जाते हैं। जैसा एक और यूज़र ने लिखा – “बेवकूफी के खेल, बेवकूफी की सजा!”
हमारे यहाँ तो कहते हैं – “जैसी करनी, वैसी भरनी।” इस पड़ोसी ने दूसरों को तंग करने की ठानी, तो अब खुद ही झेलना पड़ रहा है। और मोहल्ले में सबकी हँसी का पात्र भी बन गया है।
आपके मोहल्ले में भी है ऐसा कोई?
तो अगली बार जब आपका पड़ोसी छोटी-छोटी बातों पर झगड़ने लगे, जरा इस कहानी को याद करिए। हो सकता है, आपके पास भी कोई ‘मास्टरस्ट्रोक’ हो, जिससे उसे उसकी ही चाल में फँसा सकें – और आप भी मोहल्ले में ‘हीरो’ बन जाएं!
आपके मोहल्ले में ऐसा कोई 'खड़ूस' है? या आपके पास भी कोई प्यारी बदले की कहानी है? कमेंट में जरूर बताइए और मजा बढ़ाइए!
मूल रेडिट पोस्ट: Taking out 'the trash '