जब पड़ोसी ने रात 3 बजे 'Why Me Lord' बजाया – एक देसी बदला!
पड़ोसी! अगर भारतीय मोहल्ले की जान किसी को कहा जाए तो वो पड़ोसी ही होते हैं। कभी उनके बिना दाल-चीनी नहीं मिलती, तो कभी उनकी वजह से रात भर नींद नहीं आती। अब सोचिए, अगर आपके बगल वाले कमरे में कोई रात 3 बजे ज़ोर-ज़ोर से गाना बजा दे, वो भी “Why Me Lord”… तब क्या होगा?
आज की कहानी बिल्कुल ऐसी ही एक घटना पर आधारित है, जो Reddit पर वायरल हो गई। ये किस्सा एक अमेरिकन कॉलेज टाउन का है, लेकिन इसकी तासीर बिल्कुल देसी है। चलिए, जानते हैं कि आखिर हुआ क्या…
रात के सन्नाटे में “Why Me Lord” का शोर!
हमारे कहानी के नायक (चलो उन्हें ‘जी’ कहकर बुलाते हैं) एक साधारण से आदमी थे, जो अपनी पत्नी के साथ आधा डुप्लेक्स घर किराए पर लेकर रहते थे। उनके पड़ोसी – एक वाफल हाउस (Waffle House) के नाइट मैनेजर – रात में काम करते थे, दिन में सोते थे। शुरुआत में सब कुछ शांति से चल रहा था। न कोई तकरार, न कोई परेशानी। “बिलकुल हमारे मुहल्ले जैसा – सब अपने अपने काम में व्यस्त।”
लेकिन एक रात, जब हर कोई गहरी नींद में था, अचानक दीवार के उस पार से क्रिस क्रिस्टोफरसन का “Why Me Lord” गाना तेज़ आवाज़ में बजने लगा। भाई साहब ने स्पीकर दीवार पर टांग रखा था। पहली बार तो ‘जी’ ने सोचा, चलो छोड़ो – कभी-कभी इंसान को माफ कर देना चाहिए। लेकिन दूसरी बार फिर वही गाना, वही आवाज़, वही रात! इस बार ‘जी’ ने हिम्मत दिखाई, दरवाज़ा खटखटाया और शालीनता से अनुरोध किया – “भाई, आवाज़ थोड़ी कम कर दीजिए।” जवाब में पड़ोसी ने माफी मांगी और वादा किया – अब दोबारा नहीं होगा।
मगर कहते हैं, आदत से मजबूर लोग अपनी हरकतें नहीं छोड़ते। तीसरी बार गाना और भी तेज़ बजा! अब तो ‘जी’ का सब्र जवाब दे गया। उन्होंने अपने घर की दीवार पर ठीक उसी जगह मुक्का मारा, जहां दूसरी तरफ स्पीकर था। दीवार इतनी मजबूत नहीं थी (कुछ-कुछ हमारे देश के सस्ते मकानों जैसी), स्पीकर धड़ाम से गिर गया। और फिर उस रात – “सन्नाटा छा गया।”
पेटी रिवेंज – छोटी सी हरकत, बड़ा असर
इस घटना का किस्सा Reddit पर शेयर होते ही लोगों ने जमकर कमेंट्स किए। कुछ ने इसे ‘पेटी रिवेंज’ (यानी छोटी-सी, चुटीली बदले की भावना) का शानदार उदाहरण बताया। एक यूज़र ने चुटकी ली, “भई, ऐसा लगता है जैसे आपकी ऊर्जा (की-एनर्जी) दीवार के पार पहुंच गई और स्पीकर गिरा दिया!” किसी ने पूछा – “इतना जोर से मारने पर दीवार में छेद तो नहीं हुआ?” ‘जी’ ने जवाब दिया – “अगर कभी सस्ते मकान में रहे हो, तो समझ जाओगे – दीवारें होती हैं दूध जैसी मुलायम।”
कुछ लोगों को इस कहानी पर शक भी था – “क्या सच में सिर्फ एक मुक्के से स्पीकर गिर सकता है?” लेकिन एक और यूज़र ने बड़ी ही समझदारी से लिखा – “जब गाना अपने चरम पर था, दीवार की कंपन और एक हल्का धक्का – बस, स्पीकर खुद गिर पड़ा!” यानि कभी-कभी छोटी-सी हरकत से भी बड़ा बदलाव आ सकता है।
काम के वक्त की आदतें – हर देश में एक सी
कई लोगों ने सवाल उठाया – “भाई, वाफल हाउस का नाइट मैनेजर रात 3 बजे संगीत कैसे बजा सकता है, जब उसे खुद काम पर होना चाहिए?” इस पर एक मज़ेदार जवाब आया – “किसी भी शिफ्ट में काम करने वाले लोग अपने टाइम टेबल के इतने आदी हो जाते हैं कि छुट्टी वाले दिन भी वही रूटीन चलता रहता है।” बिल्कुल वैसे ही जैसे हमारे यहां शिफ्ट ड्यूटी वाले लोग रविवार को भी सुबह 6 बजे चाय लेने पहुंच जाते हैं!
पड़ोसी की विदाई – शांति की वापसी
सबसे मजेदार बात – उस घटना के बाद न तो पड़ोसी ने कोई शिकायत की, न मकान मालिक से कुछ कहा। बल्कि अगला हफ्ता आते-आते पड़ोसी ने घर ही छोड़ दिया! Reddit पर लोगों ने व्यंग्य किया – “लगता है, आपके मुक्के से पड़ोसी की आत्मा ही कांप गई!” हालांकि कुछ ने कहा – “शायद ये सिर्फ इत्तफाक था, आपका मुक्का वजह नहीं था।” खैर, ‘जी’ के लिए तो नतीजा वही रहा – “भगवान का शुक्र है, अब रात भर चैन से सो सकते हैं।”
सीख – पड़ोसी हो तो भारतीय वाला!
इस कहानी से एक बात तो साफ है – चाहे अमेरिका हो या भारत, पड़ोसी की हरकतें कभी-कभी सब्र का इम्तिहान ले ही लेती हैं। लेकिन ज़रूरी ये है कि हल चालाकी से निकाला जाए, न कि लड़ाई-झगड़े से। जैसे हमारे यहां कहा जाता है, “अक्लमंदी से काम लो, पड़ोसी को दोस्त बनाओ – लेकिन ज़रूरत पड़े तो हल्की फुल्की शरारत भी चल जाती है!”
अंत में – क्या आपके साथ भी कभी ऐसा कुछ हुआ है? पड़ोसी द्वारा नींद खराब करने पर आपने क्या किया? कमेंट में जरूर बताइए – आपकी कहानी भी किसी को हंसने, सोचने और सीखने का मौका दे सकती है!
मूल रेडिट पोस्ट: Why me lord.....