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जब पड़ोसी ने मेरी गाड़ी के रास्ते को रोका, तो मैंने उसे उसी की दवा चखाई!

पड़ोसी की ट्रक के कारण रास्ते में फंसे एक निराश चालक की एनीमे-शैली की चित्रण।
यह जीवंत एनीमे चित्रण एक चालक की निराशा को दर्शाता है जो पड़ोसी की ट्रक के कारण तंग जगह से गुजरने की कोशिश कर रहा है। क्या आप इस रोजमर्रा की समस्या से共感 कर सकते हैं?

हमारे मोहल्लों में “पड़ोसी” शब्द ही अपने आप में भावनाओं से भरा होता है। कभी नमक मांगने वाले, कभी त्यौहार पर मिठाई देने वाले, तो कभी ऐसे भी जो छोटी-छोटी बातों में टांग अड़ाते हैं। लेकिन सोचिए, अगर कोई पड़ोसी रोज़ाना आपकी गाड़ी के रास्ते में अपनी भारी-भरकम गाड़ी खड़ी कर दे, तो? गुस्सा आना तो लाजमी है!

यह कहानी है Reddit यूजर u/gwg1387 की, जिन्होंने तीन महीने तक अपने पड़ोसी की बदमाशियों को झेला। रोज़ सुबह अपनी गाड़ी निकालने के लिए उन्हें ऐसे उलझे-उलझे मोड़-मरोड़ करने पड़ते थे, जैसे शादी में जलेबी का रास्ता! दो बार प्यार से समझाया भी, लेकिन पड़ोसी ने जैसे कानों में तेल डाल रखा हो। पहली बार बोले, “ओह! मेरी गलती,” और फिर वही ढाक के तीन पात। दूसरी बार तो सीधे बोले, “अभी भी निकलने की जगह है न!”, और अंदर चले गए। अब बताइए, ऐसे लोगों पर कौन-सा शास्त्र चले?

सबक सिखाने का देसी तरीका: ‘जैसा करोगे, वैसा भरोगे’

हमारे यहां एक कहावत है—“जैसा करोगे, वैसा भरोगे।” u/gwg1387 ने भी कुछ ऐसा ही किया। एक दिन जब पड़ोसी साहब बागवानी में व्यस्त थे और उनकी ट्रक हमेशा की तरह आधी-आधी मेरी ड्राइव-वे को घेर रही थी, तो भाई साहब ने अपनी गाड़ी उनकी ट्रक के पीछे, सड़क पर ऐसे पार्क कर दी कि अब उन्हें भी वही ‘जलेबी वाला मोड़’ लगाना पड़े। ध्यान रहे, कुछ भी गैरकानूनी नहीं किया गया—ना किसी का रास्ता पूरी तरह रोका, ना ही कोई ट्रैफिक नियम तोड़ा।

पड़ोसी साहब के माथे पर बल आना तय था। बीस मिनट बाद ही दरवाज़े पर जोरदार दस्तक! “भाई, ज़रा गाड़ी हटा दो…” अब u/gwg1387 का जवाब तो क्लासिक था—“अभी भी निकलने की जगह है, बस थोड़े मोड़ लगाने पड़ेंगे!” पड़ोसी का चेहरा देखने लायक था। उस दिन के बाद से उन्होंने कभी ड्राइव-वे के पास गाड़ी नहीं लगाई।

Reddit की महफ़िल: सबकी अपनी-अपनी जलेबी

इस पोस्ट पर Reddit कम्युनिटी ने भी जमकर ताली बजाई। एक यूज़र ने लिखा, “अच्छा किया! जब तक खुद पर ना बीते, लोगों को तकलीफ का एहसास नहीं होता।” यह बात बिल्कुल वैसी है जैसे हमारे यहां बच्चे पड़ोसी के आम के पेड़ पर चढ़ जाते हैं, लेकिन जब उनके घर के पेड़ पर कोई चढ़े, तो बखेड़ा खड़ा हो जाता है।

एक और कमेंट में किसी भाई ने बताया कि उनके यहां भी ऐसा ही होता रहता है—पड़ोसी बार-बार ड्राइववे घेर लेते थे, नोट चिपकाए, पुलिस को बुलाया, आखिरकार बोर्ड लगाना पड़ा कि ‘यहां गाड़ी न लगाएं’। तभी एक मज़ेदार सुझाव आया, “अब अगर फिर से ऐसा करे, तो The Byrd’s का गाना ‘Turn, Turn, Turn’ बजाना शुरू कर देना।”

एक दूसरे यूज़र की सलाह थी—“ऐसे लोगों में या तो समझदारी की कमी है, या फिर इम्पैथी (सहानुभूति) नहीं है। जब तक खुद को परेशानी न हो, किसी की तकलीफ समझ नहीं आती।” यह बात हमारे समाज में भी खूब देखने को मिलती है—चाय के केतली में जब तक खुद की उंगली न लगे, गर्मी का अहसास नहीं होता!

पड़ोसियों के रिश्ते—कभी मीठे, कभी तीखे

हम भारतीयों के लिए पड़ोसी सिर्फ घर के बगल में रहने वाला नहीं, बल्कि त्योहारों पर साथ बैठने, शादी-ब्याह में मदद करने वाला, या फिर कभी-कभी सिर दर्द भी होता है। लेकिन ऐसे किस्सों से एक बात जरूर सीखने लायक है—सीधी बात कभी-कभी सीधी समझ में नहीं आती, तब जलेबी की तरह गोल-गोल जवाब देना पड़ता है।

Reddit पर किसी ने यह भी कहा, “जरूरी नहीं हर किसी में इम्पैथी हो, लेकिन थोड़ा-सा तमीज होना चाहिए कि दूसरों के रास्ते में अड़चन न डालें।” और हां, ऐसे पड़ोसियों के लिए कानून भी है—ज्यादातर शहरों में ड्राइववे ब्लॉक करना गैरकानूनी है। एक यूज़र ने तो यह भी लिखा, “पुलिस को बुलाओ, टिकट कटवाओ, मज़ा आ जाएगा!”

तो क्या करें ऐसे पड़ोसियों का?

ऐसे किस्से सिर्फ विदेश में नहीं, हमारे यहां भी खूब होते हैं। अगर आपके पड़ोसी भी ऐसे हैं, तो पहली कोशिश प्यार से समझाने की करें। नहीं माने, तो थोड़ा-सा ‘प्यारा बदला’ (petty revenge) लेने में भी बुराई नहीं—बशर्ते आप नियम-कायदों के दायरे में रहें। आखिरकार, जैसे गांव में कहते हैं—“बिल्ली को दूध से नहीं, कभी-कभी पानी से भी डराना पड़ता है।”

अंत में—आपकी भी कोई पड़ोसी वाली कहानी है?

पड़ोसियों की ये मीठी-तीखी कहानियां हर मोहल्ले की शान हैं। अगर आपके पास भी ऐसा कोई किस्सा है, तो नीचे कमेंट में जरूर साझा करें। आखिरकार, सबक देने के लिए कभी-कभी थोड़ा ‘घुमावदार’ रास्ता चुनना ही पड़ता है!

आपका क्या मानना है—ऐसे मामलों में सीधा समझाना सही है या ‘जैसा करोगे, वैसा भरोगे’ वाला तरीका? अपनी राय जरूर लिखें!


मूल रेडिट पोस्ट: Neighbor kept blocking my driveway so I gave him a taste of his own medicine