जब पड़ोसी ने किराएदार को नीचा दिखाया, पर बदला हुआ 'चिट्ठी' से!
हमारे मोहल्ले में अक्सर ये कहा जाता है—"पड़ोसियों से बना के रखो, वक्त पड़ने पर वहीं काम आते हैं!" लेकिन अगर पड़ोसी ही ताना देने लगे, तो? आज की कहानी कुछ ऐसी ही है, जिसमें एक साधारण सी चिट्ठी ने बीस साल पुराना हिसाब बराबर कर दिया।
एक Reddit यूज़र ने अपने दिल का हाल बयान किया, जिसे पढ़कर हर किसी को अपने पड़ोसी याद आ जाएंगे। चलिए जानते हैं, कैसे 'मीठा बदला' कभी-कभी सबसे स्वादिष्ट साबित हो सकता है!
किराएदार होने की सज़ा: मोहल्ले में स्वागत तो हुआ, पर...
बीस साल पहले की बात है। हमारे मुख्य किरदार ने अपना घर बेचकर एक अच्छे मोहल्ले में किराए पर घर लिया, ताकि व्यापार शुरू कर सकें। मोहल्ले के ज्यादातर लोग मिलनसार थे, लेकिन एक पड़ोसी महिला ने जैसे ठान ली थी कि किराएदारों को अपनाना ही नहीं।
अगर आपके बच्चों के साथ कोई जानबूझकर भेदभाव करे, तो दिल तो दुखेगा ही। यही हुआ—उनकी पड़ोसन ने बच्चों को हर गतिविधि से बाहर रखा, अपने बच्चों को बाहर खेलने से मना कर दिया, और बाकी बच्चों को अपने घर बुलाकर उनके बच्चों को अकेला छोड़ दिया। मोहल्ले में सब उसे 'आदर्श बहू' समझते थे, लेकिन असलियत कुछ और थी।
बदला ठंडा ही अच्छा: चिट्ठी से आई मुस्कान
समय बीतता गया। किराएदार ने मेहनत करके उसी मोहल्ले में कुछ दूरी पर अपना खुद का बड़ा घर खरीद लिया। बच्चों ने भी खूब तरक्की की। लेकिन पुराने जख्म दिल में रह गए। बीस साल बाद, जब वे अब एक दूर राज्य में रहते थे, अचानक उन्हें शैतानी सूझी—क्यों न उस पड़ोसन को उसकी करनी का जवाब दिया जाए?
बस, उन्होंने एक प्यारा सा ग्रीटिंग कार्ड लिया, उसमें लिखा—"तुम अब भी वैसी ही घटिया इंसान हो!"—और बिना नाम-पते के भेज दिया। सोचिए, वो पड़ोसन कार्ड खोलकर हैरान-परेशान होगी कि ये किसने भेजा! Reddit पर लिखने वाले ने भी मज़ाक में कहा—शायद अगली बार अलग-अलग जगहों से पोस्टकार्ड भेजूं, ताकि उसे और उलझन हो।
Reddit के कमेंट्स की महफ़िल: बदले की नई-नई तरकीबें
अब आते हैं Reddit के मज़ेदार कमेंट्स पर, जहाँ लोगों ने अपनी-अपनी राय और चटपटी सलाह दीं। एक यूज़र ने तो कहा—"कभी सुना है ग्लिटर बम भेजने का? या घोड़े की खुशियाँ सिल्वर प्लेट में?" (यहाँ 'घोड़े की खुशी' मतलब गोबर!)। भारत में तो ऐसी शरारतें दोस्ती के नाम पर हो जाती हैं, लेकिन यहाँ बदले के लिए!
एक और ने सलाह दी—"ऐसी कैंडी भेजो, जिसमें लिखा हो 'एक बोरी गंदी चीजें खाओ!'" एक ने तो हद ही कर दी—"अगर पड़ोसन शादीशुदा है, तो गुमनाम चिट्ठी भेजो कि मैं तुम्हारे पति से प्रेग्नेंट हूँ!" अब बताइए, ये तो सीधा 'सास-बहू' वाले लेवल का ड्रामा हो गया।
कुछ ने यही कहा कि बदले की मिठास भी कभी-कभी दिल को तसल्ली देती है, पर इतनी सालों बाद भी किसी को सिर पर बिठाना ठीक नहीं। एक ने तो ताना मारा—"तुमने उसे अपने दिमाग में इतनी जगह दे दी, जितनी कोई किराएदार भी नहीं लेता!"
भारतीय परिवेश में: पड़ोसी और हमारे रिश्ते
हमारे समाज में पड़ोसी का खास महत्व है। शादी-ब्याह से लेकर त्योहार तक, पड़ोसी अगर साथ न हो तो मज़ा अधूरा ही रहता है। लेकिन जब पड़ोसन ही 'सास' बन जाए, तो क्या करें? Reddit की इस कहानी में भले ही बदला चिट्ठी से लिया गया, लेकिन असल में ये बहुतों के दिल का दर्द है।
यहाँ एक सीख भी छुपी है—कभी-कभी जिंदगी में आगे बढ़ने का सबसे अच्छा तरीका है, उन लोगों को हँसी-हँसी में जवाब देना, जिन्होंने हमें कभी कमज़ोर समझा। और हाँ, कभी-कभी एक सीक्रेट चिट्ठी से भी दिल को बड़ी राहत मिल जाती है!
निष्कर्ष: आपकी भी कोई 'पेटी रिवेंज' है?
बचपन में हम सबने कभी-न-कभी किसी से बदला लिया होगा—चुपके से स्लेट पर गिनती बदल दी, या होली पर पानी वाला गुब्बारा फेंक दिया। लेकिन Reddit की ये कहानी साबित करती है कि बदला लेने की कोई उम्र नहीं होती—बस अंदाज़ नया होना चाहिए।
क्या आपके साथ भी कभी किसी पड़ोसी, रिश्तेदार या दोस्त ने ऐसी हरकत की है? और आपने क्या जवाब दिया? अपनी कहानी कमेंट में ज़रूर बताइए—क्योंकि भारतीय मोहल्लों की असली रौनक तो इन्हीं किस्सों से है!
मूल रेडिट पोस्ट: A note best served cold