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जब दोस्ती में बिस्किट पर जंग छिड़ जाए: एक मीठा बदला

बचपन की दोस्ती में कभी-कभी छोटी-छोटी शरारतें भी बड़े किस्से बन जाती हैं। ऐसे ही एक मीठे बदले की कहानी Reddit पर वायरल हो रही है, जिसमें एक मामूली सी चॉकलेट चिप कुकी ने दो पक्के दोस्तों के बीच जंग छेड़ दी। यह किस्सा न सिर्फ हंसी-ठिठोली से भरा है, बल्कि बताता है कि दोस्ती में कभी-कभी ‘मौका पे चौका’ लगाना भी जरूरी है!

बचपन की दोस्ती और ईगल स्काउट्स का जश्न

यह कहानी बीस साल पुरानी है, जब दो अच्छे दोस्त—दोनों 17 साल के—ने एक साथ ईगल स्काउट अवार्ड हासिल किया था। जैसा कि हमारे यहां भी स्कूल या मोहल्ले में टॉप करने के बाद सामूहिक दावत (पोटलक) का चलन है, वैसे ही वहां भी स्काउट्स और उनके परिवारों ने मिलकर शानदार दावत रखी। उस दावत में एक खास चीज़ थी—एक स्काउट की मां के हाथ की बनीं, बेहद स्वादिष्ट चॉकलेट चिप कुकीज़। कह सकते हैं, जैसे हमारे यहां हलवाई की मिठाई या घर की बनी गुड़ वाली रोटियां हो, वैसी ही खासियत उन कुकीज़ में थी!

दोस्ती, शरारत और कुकी की जंग

दावत के दौरान, एक दोस्त की नजर आखिरी बची चॉकलेट चिप कुकी पर पड़ी। उसने पूछा, "ये खाएगा?" जवाब मिला, "हां, खाऊंगा!" लेकिन असली खेल तो यहीं शुरू हुआ। उस दोस्त ने अपनी उंगली चाटकर कुकी के ऊपर लगा दी और फिर पूछा, "अब भी खाएगा?" ये तो वही बात हुई, जैसे बचपन में कोई दोस्त आपकी प्लेट से सबसे बड़ी मिठाई पर हाथ मार दे।

मालिकाना हक जताने की ये चाल हमारे यहां भी खूब चलती है—कभी कोई समोसे पर उंगली रख देता है, तो कभी गुलाब जामुन पर नाम लिख देता है! मगर असली मज़ा तो तब आया, जब जवाब में दूसरे दोस्त ने भी बदला लेने की ठानी। उसने कुकी के नीचे जीभ लगाकर वही कुकी अपने दोस्त की प्लेट में रख दी—"अब ले, खा ले!"

कम्युनिटी की हंसी-मजाक और भारतीय नजरिया

इस किस्से पर Reddit कम्युनिटी के ढेरों कमेंट्स आए। किसी ने हंसी में पूछा, "आखिर कितनी बार चाटा गया ये बिस्किट?" तो एक और ने मज़ाकिया अंदाज में कहा, "तीन बार!" (जैसे हमारे यहां कोई पूछे—'एक गुलाब जामुन को कितने लोग काट सकते हैं?')।

एक यूज़र ने पुरानी Reader's Digest की एक कहानी याद दिलाई, जिसमें एक चाचा खाना शुरू होने से पहले सबसे बड़े केक पीस में अंगूठा घुसा कर बोलते, "ये मेरा!" बाकी सबने भी मज़े में अपनी ऊंगलियां डालकर कह दिया, "ये भी इनका!"—और उस दिन के बाद चाचा की आदत छूट गई। देखिए, बदले का स्वाद हर देश में मीठा ही लगता है!

कुछ कमेंट्स में इस पोस्ट के टाइटल ‘Lick my cookie’ को लेकर भी चर्चा हुई। एक महिला ने बताया कि कुछ जगहों पर बच्चों को शरीर के अंगों के लिए खाने के नाम सिखाए जाते हैं—जैसे कुकी, टाको या पर्स। इससे कभी-कभी मासूम बातें भी गलतफहमी का कारण बन जाती हैं। ऐसे में, सही शब्दों का इस्तेमाल बच्चों को सिखाने की ज़रूरत हर संस्कृति में है।

शरारतें, मस्ती और दोस्ती का असली स्वाद

इस पूरी कहानी में सबसे बड़ी बात यही है कि दोस्ती में शरारतें और छोटे-मोटे बदले रिश्तों को मजबूत ही बनाते हैं। हमारे यहां भी, चाहे वो स्कूल कैंटीन में समोसे की लड़ाई हो या घर में राखी पर मिठाई की छीना-झपटी—ऐसी मस्तियां रिश्तों में मिठास घोल देती हैं। Reddit पर भी किसी ने मज़े में लिखा—"तू कुकी मॉन्स्टर है!" और एक और ने कहा, "स्काउट हमेशा खुशमिजाज होता है!"

अंत में, यह किस्सा हमें याद दिलाता है कि दोस्ती में कभी-कभी ‘तू-तू, मैं-मैं’ और मीठा बदला जरूरी है। आखिर, इन किस्सों से ही तो यादें बनती हैं, जो सालों बाद भी चेहरे पर मुस्कान ले आती हैं।

आपकी राय?

क्या आपके साथ भी कभी किसी खाने की चीज़ को लेकर दोस्ती में जंग छिड़ी है? या आपने कभी ‘मालिकाना हक’ जताने के लिए कोई शरारत की है? नीचे कमेंट में जरूर बताएं—शायद आपकी कहानी भी अगली बार हम सबको गुदगुदा जाए!


मूल रेडिट पोस्ट: Lick my cookie? To can play that game!