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जब दोस्त की शरारत का जवाब मिला 'केले' वाली मिठास से

कार की पिछली सीट के कोनों में बिखरे चबाए हुए सूरजमुखी के बीज, कॉलेज की रोड ट्रिप की यादें ताजा करते हैं।
कॉलेज जीवन की हलचल का एक सिनेमाई झलक, जहाँ चबाए हुए सूरजमुखी के बीज और अधखाए नाश्ते दोस्ती के अनमोल सफरों और मजेदार रोमांच की कहानियाँ सुनाते हैं।

दोस्ती में शरारतें तो आम बात हैं, लेकिन जब वही शरारत हद पार कर जाए तो क्या किया जाए? कॉलेज के दिनों की मस्ती, सफर और दोस्तों की हरकतें हमेशा यादों में ताज़ा रहती हैं। आज की कहानी भी कुछ ऐसी ही है—जहाँ एक दोस्त ने अपने साथी को उसकी गंदी आदत का अनोखा सबक सिखाया।

कॉलेज की मस्ती और गंदगी का सिरदर्द

हम सबने कॉलेज के दिनों में किसी न किसी दोस्त की बाइक या कार की खूब सवारी की होगी। कई बार तो ऐसा लगता था जैसे किसी की गाड़ी पर हमारा ही हक़ हो! Reddit यूज़र u/Silent-Warning5654 की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। उनका एक दोस्त हर बार कार में बैठकर छिलकों और खाने के बचे-खुचे टुकड़े सीट के पीछे की जेब में छोड़ जाता था। अब आप ही सोचिए—जब सफर के एक हफ्ते बाद गाड़ी से बदबू आने लगे तो किसका सिर न दुखे!

यह हरकत बार-बार होने लगी थी। कभी चबाए हुए सूरजमुखी के बीज, तो कभी अधखाया चिकन सैंडविच—सबकुछ गाड़ी के अंदर छुपा रहता और धीरे-धीरे सड़ने लगता। Reddit पर एक कमेंट करने वाले ने तो हद ही कर दी—"अगर मेरे साथ ऐसा होता, तो मैं उसे दूसरी बार गाड़ी में बैठने ही न देता!" (u/Magdovus)

बदला—मिठास में छुपा 'केला'

अब सवाल ये था कि ऐसे 'गंदगी प्रेमी' दोस्त को कैसे सबक सिखाया जाए? यहाँ काम आया भारतीयों का चहेता 'जुगाड़'! हमारे लेखक को पता था कि उनका दोस्त Runts नाम की कैंडी बहुत पसंद करता है, पर उसमें 'केले' वाली फ्लेवर से उसे सख़्त नफरत है। संयोग से, उसके पास अपने दोस्त के कैंडी वेंडिंग मशीन की चाबी भी थी।

फिर क्या था! उन्होंने मशीन के सारे कैंडी निकालकर केले वाले अलग कर दिए और मशीन में पहले सिर्फ केले वाले भर दिए। जब दोस्त ने अगली बार कैंडी निकाली, तो मुंह बना लिया—बस जैसे किसी को बेसन के लड्डू में नमक मिल जाए! Reddit पर एक यूज़र ने मज़े लेते हुए कहा—"ये बदला तो सच में 'केले' जैसा पागलपन है!" (u/eastbayted)

शरारत के रंग—प्यारा सा 'पेटी रिवेंज'

हमारी संस्कृति में अकसर कहते हैं—"जैसी करनी, वैसी भरनी"। यहाँ भी वही हुआ। दोस्त की छोटी-सी गंदी आदत का जवाब मिला उतनी ही छोटी, मगर मज़ेदार शरारत से। एक कमेंट में किसी ने लिखा, "इतनी छोटी-छोटी हरकतों में ही असली मजा है, शानदार बदला!" (u/krissycole87)

एक और मजेदार बात—कुछ लोगों को केले वाली कैंडी इतनी पसंद थी कि वे चाहते थे, मशीन में छिलकों की जगह वही भर दिया जाता! (u/Ibboredlady) किसी ने तो यहां तक कह दिया—"अब तो दोस्त सच में 'केले' हो गया होगा!" (u/BarneyPoppy)

दोस्ती, मस्ती और बदला—यादगार लम्हे

इस कहानी में दो बातें सीखने लायक हैं। पहली, हरकतें छोटी हों या बड़ी, दोस्ती में सीमा होनी चाहिए। वरना कभी-कभी मजाक ही भारी पड़ सकता है। दूसरी, बदला लेने के लिए जरूरी नहीं कि तलवार खींची जाए—कभी-कभी एक छोटी सी शरारत भी काफी है। जैसे हिंदी फिल्मों में कहते हैं, "मिठास में भी कभी-कभी कड़वाहट छुपी होती है!"

यह घटना 35 साल बाद भी लेखक के लिए हंसी का कारण है। आखिरकार, यही तो हैं कॉलेज के दिन—जहाँ हर गाड़ी, हर कैंडी, और हर दोस्त की यादें ताज़ा रहती हैं।

क्या आपने भी लिया कभी ऐसा 'पेटी रिवेंज'?

अब आपकी बारी है—क्या आपके किसी दोस्त ने कभी ऐसी शरारत की है? या आपने कभी किसी की आदत से परेशान होकर कोई मजेदार बदला लिया हो? नीचे कमेंट में जरूर लिखिए, और अगर कहानी पसंद आई हो तो दोस्तों के साथ भी शेयर कीजिए। आखिर, मस्ती और बदला—दोनों ही दोस्ती में रंग भरते हैं!


मूल रेडिट पोस्ट: Leaving chewed sunflower seeds all over my backseat compartments