जब डिलीवरी वाले ने किया अपमान, ग्राहक ने सिखाया अनोखा सबक – बारिश में खड़े होने की सज़ा!
कहते हैं ना, "जैसा करोगे, वैसा भरोगे!" लेकिन जब किसी ने आपके साथ बेवजह बदतमीज़ी कर दी, और आप चाहें भी तो उसका सीधा जवाब न दे सकें, तो क्या करें? इस बार Reddit पर एक ऐसे ही ग्राहक की छोटी-सी बदला लेने वाली कहानी वायरल हो रही है, जिसने अपने अनोखे अंदाज़ में एक डिलीवरी वाले को सबक सिखा दिया – और वो भी बिना कोई हंगामा किए।
आधुनिक ज़माने की बदला-कहानी: डिलीवरी बॉय Vs. ग्राहक
कहानी है उत्तरी यूरोप की, लेकिन ये किस्सा हर उस इंसान को छू जाएगा जिसने कभी खुद को समाज के "मापदंडों" से अलग महसूस किया हो। हमारे मुख्य किरदार (जो जेंडर-नॉन-कनफॉर्मिंग हैं, यानी कभी-कभी अपने जन्म के लिंग के अलावा कपड़े पहनते हैं) को एक डिलीवरी वाले ने सामान देने आया, और जाते-जाते हल्की आवाज़ में LGBT विरोधी गाली दे दी।
अब सोचिए, हमारे देश में भी पड़ोस की आंटी या मोहल्ले के लड़के-लड़कियाँ अक्सर कपड़ों या चाल-ढाल पर तंज कस देते हैं। पर यहाँ, ग्राहक ने न पुलिस बुलाई, न सोशल मीडिया पर हंगामा किया। बदले में, उसने चालाकी से डिलीवरी बॉय को वही "असुविधा" देने की ठानी, जो उसने खुद झेली थी – लेकिन मज़े के साथ!
बदले का खेल: बारिश में भीगता डिलीवरी बॉय
इस कहानी में ट्विस्ट ये है कि डिलीवरी कंपनी हर बार डिलीवरी से पहले ड्राइवर का नाम और इनिशियल दिखा देती है। और ड्राइवरों की तनख्वाह सिर्फ डिलीवरी सफल होने पर ही मिलती है (हालांकि बाद में OP ने एडिट में बताया कि शायद ये पूरी तरह सही नहीं)।
ग्राहक ने क्या किया? जैसे ही वही डिलीवरी बॉय का नाम दिखता – साहब "घर पर नहीं" होते! खासकर जब बारिश हो रही हो, ग्राहक अपनी बालकनी (पाँचवीं मंजिल!) से नीचे झाँकते, कभी-कभी हाथ में मस्ती से margarita (एक विदेशी ड्रिंक) लेकर। बेचार डिलीवरी बॉय को कंपनी के नियमों के अनुसार घंटी दो बार बजानी, दो बार कॉल करनी, और voicemail के लिए इंतज़ार करना पड़ता। ग्राहक ने voicemail के टाइम को जानबूझकर बड़ा कर रखा था, ताकि बेचारा और देर तक भीगे!
कितना मज़ेदार दृश्य होगा, जैसे मोहल्ले में किसी ने कर्जा न चुकाया हो और सूदखोर उसके घर के बाहर छाता लेकर खड़ा हो! Reddit के एक यूज़र ने तो मज़ाक करते हुए कहा, "भाई, अगली बार 45 किलो वाले dumbbell मंगवा लो, देखेंगे कैसे पसीने छूटते हैं उसके!" एक और ने लिखा, "हमारे यहाँ तो डिलीवरी वाला सीधा 'We tried' का स्टिकर चिपका के निकल लेता, चाहे दरवाज़ा बजाया भी न हो!"
पश्चिमी और भारतीय सोच: थोड़ा फर्क, काफी समानता
बहुत से Reddit यूज़र्स ने बताया कि यूरोप और अमेरिका में डिलीवरी के तरीके अलग हैं। अमेरिका में तो डिलीवरी वाले कई बार दरवाज़ा बजाए बिना ही 'डिलीवरी फेल' बता देते हैं। वहीं, यूरोप के कई हिस्सों में नियम कड़े हैं – घंटी, कॉल, और सही-सलामत सामान देना ज़रूरी है।
लेकिन सोचिए, हमारे भारत में भी अगर कोई डिलीवरी वाला बदतमीज़ी करे, तो ज़्यादातर लोग या तो झगड़ पड़ते हैं, या चुपचाप सह लेते हैं। यहाँ OP की "पेटी रिवेंज" (छोटी-सी बदला) वाली सोच कुछ वैसी ही है – न झगड़ा, न गाली, बस थोड़ा-सा मज़ा और सबक भी।
एक और टिप्पणी में किसी ने लिखा, "देखो, अगर किसी के पास कहने को अच्छा शब्द नहीं है, तो चुप रहना ही बेहतर है।" यही विचार हमारे संस्कारों में भी गहराई से है – "वसुधैव कुटुम्बकम्" यानी सबको साथ लेकर चलना।
समाज, कपड़े और पहचान: क्यों ज़रूरी है सम्मान
एक पाठक ने बड़ा अच्छा सवाल उठाया: "लड़कियाँ लड़कों के कपड़े पहन लें तो कोई बवाल नहीं, पर लड़के अगर 'फैशन' से हटकर कुछ पहन लें, तो समाज ताने मारने लगता है!" यही बात आज भी बहुत जगहों पर सच है।
OP ने भी Reddit पर कहा, "अधिकतर लोग परवाह नहीं करते, कुछ लोग हौसला बढ़ाते हैं, तो कुछ नफरत फैलाते हैं।" दरअसल, यही तो असली ज़िंदगी है – हर रंग के लोग, हर सोच के लोग। हमें चाहिए कि हम एक-दूसरे की पहचान का सम्मान करें, और अगर कोई बुरा बर्ताव करे तो उसे समझाने के ऐसे नए-नवेले तरीके अपनाएं, जिससे न किसी का दिल दुखे, न ही बेजा हंगामा हो।
निष्कर्ष: बदले का भी हो सकता है स्टाइल!
तो दोस्तों, ये थी एक छोटी-सी, मगर बेहद दिलचस्प बदला-कहानी। इसमें न मार-पीट, न गाली-गलौज, बस थोड़ी-सी शरारत और ढेर सारा हास्य। आज के समय में जब सोशल मीडिया पर हर बात को लेकर बवाल मच जाता है, कभी-कभी ऐसे 'स्मार्ट' जवाब ज़्यादा असरदार साबित होते हैं।
आपका क्या कहना है? अगर आपके साथ ऐसी कोई घटना हो जाए, तो आप क्या करेंगे – सीधा जवाब देंगे, माफ कर देंगे, या फिर कोई ऐसी ही अनोखी तरकीब अपनाएंगे? कमेंट में जरूर बताएं और अगर कहानी पसंद आई हो, तो अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें। क्योंकि कहते हैं – "हँसी बाँटने से बढ़ती है, और सबक देने के भी अलग-अलग तरीके होते हैं!"
मूल रेडिट पोस्ट: Delivery guy used anti LGBT-slur towards me. Now he gets to enjoy wasting time, money and standing in the rain