जब गुस्सैल रैकूनों से हुई तगड़ी भिड़ंत: गरम मसाले वाला बदला!
क्या आपके घर के आस-पास भी कभी ऐसी शरारती प्रजाति घूमती है, जो हर रात कूड़ेदान में धावा बोल देती है? अगर हाँ, तो आप अकेले नहीं हैं! इंटरनेट पर वायरल हुई Reddit की एक कहानी ने सबको हँसा-हँसा कर लोटपोट कर दिया, जहाँ एक सज्जन और कुछ बेहद चालाक रैकूनों (अमेरिका के जंगली जानवर, हमारे यहाँ के बंदरों जैसे ही बदमाश!) के बीच छिड़ी जंग ने सबका ध्यान खींचा।
रैकून बनाम इंसान: कूड़ेदान की जंग
कहानी के नायक “u/Enderius-” हैं, जिनका कूड़ेदान हर रात रैकूनों की टोली का अखाड़ा बना रहता था। उन्होंने हर जतन आजमा लिया— कंटेनर बदले, वजन रखा, यहां तक कि पूरा इलाका बंद कर दिया। लेकिन रैकून तो जैसे ‘हम नहीं सुधरेंगे’ के पक्के थे! एक को पकड़कर जंगल में छोड़ भी आए, लेकिन वह भी रणबांकुरा लौटकर फिर हाजिर। अब भाई साहब का सब्र जवाब दे गया।
इसी बीच जन्मदिन पर उन्हें मिल गया एक ऐसा हॉट सॉस (मिर्ची का तीखा घोल), जिसकी तीखाई 1-3 मिलियन स्कोविल (यानि 750+ हरी मिर्च जैसी आग)। उन्होंने सोचा— अब तो रैकून भी पानी मांगेंगे! कुत्ते के खाने पर भर-भर के हॉट सॉस डाल दिया और इंतजार करने लगे कि रैकून अगली बार कूड़ेदान देखकर ही उल्टे पाँव भागेंगे।
Reddit की महफ़िल: मसालेदार कमेंट्स और देसी तड़का
अब बात Reddit की करे बिना तो कहानी अधूरी है। वहाँ जिस तरह से लोग मज़े ले रहे थे, वो पढ़कर लगेगा मानो मोहल्ले की चौपाल पर चर्चा हो रही हो!
एक यूज़र ने चुटकी ली— “हमें तो तीखा पसंद है!” (यानी रैकूनों की तरफ़ से जवाब)। दूसरे ने तंज कसा, “अब तो आपके पास मसालेदार रैकून की समस्या होगी!” मतलब, कहीं ये जानवर अब और भी बदमाश ना हो जाएँ! एक मज़ेदार कमेंट था— “अब देखना, ये रैकून फ्रिज खोलकर दूध ढूंढेंगे।” सोचिए, अगर हमारे यहाँ बंदर इतने चालाक हो जाएँ कि खुद ही दूध निकाल लें!
किसी ने सलाह दी— “अमोनिया डालो कूड़ेदान में, रैकूनों की नाक खराब हो जाएगी।” वैसे, हमारे यहाँ लोग गोबर से भी बहुत से जानवरों को भगाते हैं, तो अमोनिया की बात कुछ जानी-पहचानी सी लगी। एक सज्जन ने कहा— “अगर तुमने हॉट सॉस डाला, तो अब पेट खराब रैकूनों की फौज तैयार हो जाएगी, भगवान बचाए!”
एक और मज़ेदार सलाह थी— “रैकूनों के लिए अलग से खाना कहीं दूर रख दो, हो सकता है पेट भर के वहाँ खाएं और तुम्हारे कूड़ेदान को छोड़ दें।” ये तो बिलकुल वैसा है जैसे कोई बंदर घर के बाहर केले रख दे, ताकि वो रसोई में घुसने की कोशिश न करें!
जानिए रैकूनों का देसी ‘जुगाड़’: चतुराई में सबकी नानी
अगर आपको लगता है कि सिर्फ़ हमारे देश के जानवर चालाक होते हैं, तो जनाब, रैकून भी किसी से कम नहीं! एक कमेंट में बताया गया कि रैकूनों को पकड़कर 100 मील दूर छोड़ना पड़ता है, नहीं तो ये घर ढूंढ ही लेते हैं। इनकी अंगुलियाँ इतनी तेज़, कि ट्रैप भी खोल सकते हैं।
एक यूज़र ने बचपन की यादें साझा कीं— “हमारे घर के पास भी छोटे-छोटे जलाशय थे, लेकिन रैकून ने न सिर्फ़ मछलियाँ मार दीं, बल्कि पंप भी तोड़ डाले!” क्या हमारे यहाँ बंदरों या गिलहरियों की टोली कभी बिजली की तारें काट गई है? वही हाल!
कुछ लोगों ने ह्युमेन तरीकों की भी सलाह दी— “रैकूनों का इलाका था, घर तो हमने बनाया है। बेवजह उन्हें इतना परेशान मत करो, बस कूड़ेदान को सावधानी से बंद रखो।” एक सुझाव आया— “बिल्ली के दरवाजे में चिप वाला लॉक लगाओ, ताकि सिर्फ़ अपनी पालतू बिल्ली ही आ-जा सके, रैकून नहीं!”
देसी पाठकों के लिए सीख: जानवरों से जंग या दोस्ती?
इस सारी चर्चा का सार यही है— जानवरों की चतुराई और इंसानों की जुगाड़ दोनों में होड़ है! चाहे बात अमेरिका के रैकूनों की हो या हमारे भारत के बंदरों, गिलहरियों, या कुत्तों की—जब खाने की खुशबू आती है, तो कोई भी दीवार, कोई भी ट्रैप उनके आगे नहीं टिकता।
हॉट सॉस डालना थोड़ा क्रूर जरूर है, लेकिन Reddit की महफ़िल में ये भी साफ़ दिखा कि लोग मज़ाक के साथ-साथ जानवरों के प्रति सहानुभूति भी रखते हैं। कई लोगों ने ह्युमेन तरीकों—जैसे अमोनिया, मिर्च पाउडर, या पानी के सेंसर वाले स्प्रिंकलर आदि—की सलाह दी।
आपकी बारी: क्या आपने भी ऐसा कुछ किया है?
अब आप बताइए—क्या आपके आस-पास भी कभी जानवरों ने ऐसी शरारतें की हैं? आपने उनसे छुटकारा पाने के लिए क्या जुगाड़ अपनाया? या फिर आपने भी कभी गर्म मिर्ची वाला कोई देसी बदला लिया हो? कमेंट में जरूर शेयर कीजिए, आपकी कहानी भी किसी Reddit थ्रेड से कम मज़ेदार नहीं हो सकती!
अंत में, इतना ज़रूर कहेंगे—जानवरों के साथ छेड़छाड़ करने से पहले थोड़ा सोचना ज़रूरी है। आखिरकार, ये धरती सभी की है—चाहे वो रैकून हो या इंसान। लेकिन हाँ, कभी-कभी गरम मसाले वाला बदला भी यादगार बन जाता है!
मूल रेडिट पोस्ट: Raccoon troubles.