जब गलत पार्किंग वाले को मिला तगड़ा सबक – छोटी सी बदला कहानी
कभी-कभी ज़िंदगी में हमें ऐसे लोग मिल ही जाते हैं, जो अपनी हरकतों से बाकी सबका जीना हराम कर देते हैं। चाहे ऑफिस हो या मोहल्ला, एक न एक ‘खलनायक’ हर जगह मौजूद रहता है। अब ज़रा सोचिए – आप अपने फ्लैट के सामने गाड़ी पार्क करने जाते हैं, और कोई जनाब हमेशा अपनी गाड़ी को ऐसी जगह अड़ा देते हैं कि बाकी सबका आना-जाना दूभर हो जाता है। क्या आप ऐसे लोगों को कभी सबक सिखाना चाहते हैं? आज की कहानी कुछ ऐसी ही है, जिसमें एक आम इंसान ने ‘पेटी रिवेंज’ के ज़रिए पार्किंग के रॉबिनहुड को मज़ेदार सबक सिखा दिया।
पार्किंग का महारथी और उसकी मनमानी
हर मोहल्ले में एक दो लोग ऐसे होते हैं, जो खुद को नियम-कानून से ऊपर समझते हैं। Reddit यूज़र u/sliding_doors_ की कहानी Malta की है, लेकिन यकीन मानिए, ऐसी हालत भारत के हर शहर में रोज़ देखने को मिलती है। लड़का–लड़की, बूढ़ा–बच्चा, सब पार्किंग में एक दूसरे के दुश्मन बन जाते हैं!
इनके फ्लैट के सामने एक लाइन वाली पब्लिक पार्किंग थी, और सबसे आखिरी जगह थोड़ी तंग थी। वहां सही से गाड़ी निकालने के लिए पीछे से खुला रास्ता होना ज़रूरी था। लेकिन हमेशा एक सज्जन अपनी गाड़ी पीछे खड़ी कर देते, जिससे आखिरी पार्किंग में फँसी गाड़ी को निकालना किसी मिशन से कम नहीं लगता। लोग तो तंग आकर टैक्सी बुला लेते, लेकिन जनाब की आदतें नहीं सुधरतीं।
‘पेटी रिवेंज’ – बदला छोटे पैकेट में, मज़ा बड़ा
एक दिन u/sliding_doors_ को भी आखिरी जगह पर गाड़ी पार्क करनी पड़ी। जैसा कि होना था, थोड़ी देर बाद वही ‘महारथी’ अपनी गाड़ी पीछे अड़ाकर चलते बने। लेकिन इस बार किस्मत से हमारे नायक ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया, और यहीं से शुरू हुआ असली खेल!
उनकी पत्नी की दूसरी गाड़ी भी पास में थी। मौका मिलते ही, हीरो ने उस गाड़ी को महारथी की गाड़ी के पीछे खड़ा कर दिया। अब न आगे जा सकते, न पीछे! इसके बाद पुलिस को कॉल किया – “सर, मेरी गाड़ी ब्लॉक हो गई है, कृपया मदद करें।” Malta में ये आम है कि पुलिस पहले कॉल करके समझाने की कोशिश करती है, तुरंत फाइन नहीं मारती।
थोड़ी देर में महारथी को पुलिस का फोन आता है, “भैया, गाड़ी हटाओ!” जनाब गुस्से में लाल-पीले होकर दौड़ते आए, लेकिन जब देखा कि खुद भी ब्लॉक हो गए तो उनका गुस्सा सातवें आसमान पर! अब दोनों एक-दूसरे पर चिल्ला रहे थे – “तुमने क्यों पार्क किया?” “पहले तुम हटाओ!” पुलिस को फिर कॉल… और फिर से वही तमाशा!
पुलिस का पंच और 23 यूरो की ‘फिल्मी’ एंटरटेनमेंट
आखिरकार पुलिस खुद मौके पर आई। दोनों बहस कर ही रहे थे कि पुलिस ने महारथी को डांटा और फाइन ठोंक दिया। मज़ेदार बात ये कि खुद हमारे हीरो को भी 23 यूरो का फाइन पड़ा, लेकिन उनका कहना था – “इतने पैसे में इतना मज़ा मिल गया, तो ये तो सस्ती फिल्म थी!”
Reddit कम्युनिटी के एक सदस्य ने भी चुटकी ली – “23 यूरो देकर ऐसा मज़ा और रास्ता हमेशा के लिए साफ़? भाई, ये तो सस्ता सौदा है!” किसी ने लिखा, “कई बार महंगा बदला भी दिल को बहुत सुकून देता है।” एक और यूज़र ने तो इसे ‘FY Money’ (यानी ‘फर्क नहीं पड़ता पैसे’) तक कह दिया – जैसे हमारे यहां लोग कहते हैं, “चलो, इतना तो चलता है!”
सबक – नियम तोड़ोगे तो मिलेगा तगड़ा जवाब
भारत में भी ऐसी हरकतें आम हैं – चाहे ऑफिस की पार्किंग हो या मार्केट की। अक्सर कोई ना कोई अपनी गाड़ी ऐसे अड़ा देता है कि बाकी लोगों की मुसीबत बढ़ जाती है। Reddit की इस कहानी में, असली जीत उस इंसान की थी जिसने नियम तोड़ने वाले को उसी की भाषा में जवाब दिया, और अपनी शांति भी बनाए रखी।
सबसे बड़ी बात – कभी-कभी छोटे-छोटे बदले, जो दिखने में बेवकूफी लगते हैं, वो मन को बड़ी तसल्ली दे जाते हैं। जैसा एक Reddit यूज़र ने लिखा, “अगर मैं 23 यूरो के बदले इतना मज़ा पा जाऊँ, तो ये तो मूवी टिकट से भी सस्ता है!”
निष्कर्ष – क्या आपने कभी ऐसा किया है?
दोस्तों, क्या आपके साथ भी कभी किसी ने इस तरह की पार्किंग की बदतमीजी की है? या आपने किसी को ऐसा मज़ेदार सबक सिखाया हो? अपनी कहानी नीचे कमेंट में ज़रूर शेयर करें! आखिर, छोटे-छोटे बदले ही ज़िंदगी को मज़ेदार बनाते हैं – और कभी-कभी, पुलिस भी हमारी पेटी रिवेंज देखकर मुस्कुरा ही देती है।
तो अगली बार जब कोई पार्किंग के महारथी से पाला पड़े, याद रखिए – पेटी रिवेंज भी एक कला है, और कभी-कभी 23 यूरो की कीमत पर मिलने वाली खुशी अनमोल होती है!
मूल रेडिट पोस्ट: That's not a parking place!