जब ग्राहक ने होटल रिसेप्शनिस्ट को मैकडॉनल्ड्स के चिकन नगेट्स के दाम पूछ लिए!
हमारे देश में अगर आप कभी दुकान या होटल में काम कर चुके हैं, तो आपको पता होगा – “ग्राहक भगवान होता है” का नारा कितना भारी पड़ सकता है! पर जब कोई ग्राहक भगवान से सीधे देवता बनने की कोशिश करे, तब क्या हो? चलिए आज आपको ऐसी ही एक मजेदार, लेकिन थोड़ा चिड़चिड़ी कहानी सुनाते हैं, जो इंटरनेट पर खूब वायरल हो रही है।
ग्राहक का सवाल – रिसेप्शनिस्ट की परीक्षा
सोचिए, आप एक होटल के रिसेप्शन पर मैनेजर हों। आपके पास मेहमान आते हैं, कमरे के बारे में पूछते हैं, आस-पास घूमने की जगहों की जानकारी चाहते हैं। एक दिन एक महिला मेहमान आईं – “कृपया बताइए, आसपास कौन-कौन से अच्छे रेस्टोरेंट हैं?” रिसेप्शनिस्ट महोदय ने पूरी विनम्रता से दस मिनट तक एक-एक जगह समझाई। अंत में महिला बोलीं, “मुझे तो बस McDonald's ही चाहिए।”
अब रिसेप्शनिस्ट ने बताया, “मैडम, यहाँ पास में कोई McDonald's नहीं है, सबसे नजदीकी डाऊनटाउन में है, जो होटल से 15 मिनट गाड़ी से है।” मैडम बोलीं, “नहीं-नहीं, मैं इतनी दूर नहीं जाऊँगी!” रिसेप्शनिस्ट ने सुझाव दिया, “आप किसी फूड डिलीवरी ऐप से मंगवा सकती हैं, होटल में डिलीवर हो जाएगा।” मैडम खुश, वहीं काउंटर पर बैठकर मोबाइल में ऑर्डर देखने लगीं, जबकि बाहर मेहमानों की लाइन लगी थी।
पाँच मिनट बीत गए। अब जिज्ञासा का स्तर और बढ़ा – “ये बताइए, मेरा ऑर्डर कितनी देर में आएगा?” रिसेप्शनिस्ट बोले, “मैडम, डिलीवरी का समय रेस्टोरेंट और ड्राइवर की व्यस्तता पर निर्भर करता है, ऐप में ही दिख जाएगा।” फिर सवाल आया, “कॉम्बो में बड़ा ड्रिंक मिलेगा या छोटा?” फिर वही जवाब – “मैडम, सारी जानकारी ऐप में मिल जाएगी।”
चिकन नगेट्स का रेट – होटल रिसेप्शनिस्ट से!
अब मैडम का फाइनल सवाल – “अगर मैं अपने कॉम्बो में एक्स्ट्रा चिकन नगेट्स जोड़ूँ, तो कुल रेट कितना होगा?” अब रिसेप्शनिस्ट का धैर्य जवाब दे गया – “मैडम, मैं न तो McDonald's में काम करता हूँ, न UberEats में। जितनी जानकारी आपके ऐप में है, मेरे पास भी वही है। मैं होटल से जुड़ी चीजों में आपकी मदद कर सकता हूँ।”
इतना सुनते ही मैडम की शक्ल गुस्से से लाल, बिना कुछ कहे उठीं और बाहर निकल गईं। पंद्रह मिनट बाद फिर आईं – “आप बहुत बदतमीज़ हैं! मैं आपकी शिकायत करूँगी!” और फिर चली गईं। एक घंटे बाद रिसेप्शनिस्ट को उनके बॉस ने बुलाया, समझाया-समझाया और अगली मीटिंग भी तय हो गई – अब आगे क्या करना है, इस पर चर्चा होगी!
होटल की नौकरी – खुदा की कसम, सब्र का इम्तिहान
अब सोचिए, रिसेप्शनिस्ट को रोज़-रोज़ ग्राहकों के ऐसे सवाल झेलने पड़ते हैं – होटल का रेट सस्ता, सुविधाएँ शानदार (बीच, स्विमिंग पूल, किचन, वगैरह), लेकिन हर किसी की उम्मीदें सातवें आसमान पर। Reddit पर एक यूज़र ने कमेंट किया – “ये तो वही बात हो गई, जैसे कोई 100 रुपये की थाली में पांच सितारा होटल का स्वाद ढूंढे!”
एक और प्रतिक्रिया बड़ी मजेदार थी – “सस्ता होटल, लेकिन ग्राहक को लगता है कि रिसेप्शनिस्ट मनोचिकित्सक, टेक्निकल सपोर्ट, कानून सलाहकार और शहर के हर रेस्टोरेंट का मेनू कार्ड सब कुछ हैं। और अगर मदद न मिले, तो सबसे बदतमीज़ रिसेप्शनिस्ट का टैग मिल जाता है!”
कमेंट्स में छलका दर्द, हंसी और सलाह
कुछ लोगों ने गंभीरता से सलाह दी – “बॉस से सीधा पूछिए कि क्या आपको बाकी ग्राहकों को छोड़कर ऐसे सवालों के जवाब देने चाहिए? होटल का नुकसान किसका?” एक अन्य ने कहा – “कभी-कभी तो लगता है, सस्ते रेट वाले होटल में सबसे ज्यादा सिरदर्दी वाले ग्राहक आते हैं।”
किसी ने हल्के-फुल्के अंदाज में लिखा, “ऐसे सीन के बाद तो एक पैग तो बनता है!” वहीं एक और ने कहा – “होटल की नौकरी करने के बाद समझ में आता है, लोग कैसे दिनभर जिंदा रहते हैं।”
कुछ ने तो यह तक बताया कि होटल के रिसेप्शनिस्ट को कोई ट्रेनिंग भी नहीं दी गई थी – “पहले वाले मैनेजर ने भी गुस्से में छोड़ दिया, और अब सब कुछ खुद सीखना पड़ रहा है!”
हमारे यहाँ भी – “ग्राहक राजा” कभी-कभी सच में राजा बन जाता है!
भारतीय दुकानों और होटलों में भी ऐसी घटनाएँ आम हैं – “भैया, आपके यहाँ समोसे के साथ रायता फ्री नहीं मिलेगा क्या?”, “अरे, ये चाय इतनी महंगी क्यों?” या फिर “आपको सब पता होना चाहिए, आप यहाँ काम करते हैं!”
कभी-कभी ग्राहक की उम्मीदें हद से ज्यादा बढ़ जाती हैं। ऐसे में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी सच में धैर्य और सूझबूझ का खेल बन जाती है।
निष्कर्ष – क्या आप भी ऐसी स्थिति में फँस चुके हैं?
दोस्तों, इस किस्से से यही सिखने को मिलता है कि ग्राहक सेवा आसान नहीं! होटल हो या दुकान, हर जगह ऐसे मेहमान आ सकते हैं, जिनकी उम्मीदें या तो बहुत ऊँची होती हैं, या फिर बस दूसरों को तंग करने में मजा आता है।
क्या आपके साथ भी कभी ऐसा कुछ हुआ है? क्या आपने भी कभी किसी ग्राहक या दुकानदार की ऐसी अजीबोगरीब मांगें सुनी हैं? नीचे कमेंट में जरूर बताइए – किस्सा सुनाने में कोई कंजूसी मत कीजिए, क्योंकि “हँसी बाँटने से बढ़ती है!”
मूल रेडिट पोस्ट: you're not gonna tell me mc'Ds prices for extra chicken nuggets? You´re so rude.