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जब ग्राहक ने माँगी चॉकलेट दाहिने ओर – और कर्मचारी ने भी दे दिया ‘हिसाब से’ जवाब!

एक कप के दाहिने ओर लिपटी चॉकलेट सॉफ्ट सर्व आइसक्रीम, एक आरामदायक कैफे में।
चॉकलेट सॉफ्ट सर्व की समृद्ध, मलाईदार अच्छाई का आनंद लें, जो कप के दाहिने ओर खूबसूरती से लिपटी है। यह फ़ोटो यथार्थवादी छवि उस स्वादिष्ट मिठाई को कैद करती है जिसने मेरे छोटे कैफे में काम करने के दौरान एक यादगार कहानी को जन्म दिया। जानें कि कैसे एक साधारण ऑर्डर ने एक अविस्मरणीय अनुभव में बदल दिया!

किसी भी दुकान या कैफ़े में काम करने वाले लोग जानते हैं कि हर दिन नए-नए ग्राहक आते हैं—कुछ सीधे-सादे, कुछ मजाकिया, तो कुछ ऐसे भी जिनकी हर बात में कोई न कोई शिकायत छुपी होती है। लेकिन जब कोई ग्राहक अपनी जिद और नखरों की हद पार कर जाए, तो मज़ा वहीं से शुरू होता है! आज की कहानी कुछ ऐसी ही है, जिसमें एक चॉकलेट सॉफ्ट सर्व के दीवाने ग्राहक ने कर्मचारी की परीक्षा ले डाली, लेकिन अंत में मात भी खा गया।

ग्राहक का नखरा: “चॉकलेट दाहिने तरफ चाहिए!”

ये किस्सा है एक छोटे से कैफ़े का, जहाँ एक सॉफ्ट सर्व आइसक्रीम मशीन लगी थी—तीन नॉज़ल्स, एक वेनिला, एक चॉकलेट और बीच में दोनों का मिक्स। अब रोज़ ही एक ग्राहक आते थे, जिनकी खासियत थी – हर बार शिकायत, चाहे टॉपिंग कम हो या ज़्यादा, फ्लेवर मिक्स हुआ या ना हुआ, हर छोटी बात पे नया कप माँगना। एक दफा जब उनसे दोनों फ्लेवर पूछा गया, तो मिक्स सर्व कर दिया। जनाब बोले—मुझे फ्लेवर मिक्स नहीं, अलग-अलग चाहिए। तो कर्मचारी ने दोनों फ्लेवर साइड में डाल दिए, लेकिन साहब बोले—“मुझे चॉकलेट दाहिने तरफ चाहिए!” अब बेचारा 17 साल का लड़का, कप का दाहिना-बायां समझते-समझते घबरा गया।

जवाब में जुगाड़: “लीजिए साहब, अब चॉकलेट दाहिने साइड है!”

इसके बाद, कहानी में असली ट्विस्ट आया। अगली बार वही ग्राहक वापस आए, चेहरे पर वही पुराना घमंडी मुस्कान। इस बार हमारे नायक ने तय किया कि अब और नहीं! जैसे ही उन्होंने दो फ्लेवर मांगे, दोनों साइड में डालकर कप आगे सरका दिया। ग्राहक ने देखा, मुस्कान गायब—फिर बोला, “मुझे चॉकलेट दाहिने तरफ चाहिए।” कर्मचारी ने बड़े इत्मीनान से कप को 180 डिग्री घुमा दिया, आँखों में आँखें डालकर बोला—“लीजिए साहब, अब चॉकलेट दाहिने तरफ है। और कुछ चाहिए?” बस, फिर क्या था, ग्राहक की मुस्कान हमेशा के लिए गायब हो गई।

दुकानदारी में सब्र और तजुर्बा: कम्युनिटी की राय

रेडिट पर इस कहानी ने खूब धमाल मचाया। एक पाठक ने लिखा, “हर दुकान में एक ऐसा ‘ग्रेप पीलर’ होता ही है, जो बस स्टाफ को परेशान करने आता है!” बिल्कुल हमारे यहाँ की कहावत—“एक गली में एक चतुर सुजान।” एक और ने बड़ी मज़ेदार बात कही—“अगर ग्राहक को समझाना है, तो उसकी बात को घुमा-फिरा के उसी के खिलाफ इस्तेमाल करो!” जैसे यहाँ कप घुमा दिया।

एक और कमेंट में किसी ने बताया कि उनकी दुकान में एक ग्राहक सैंडविच के आधे हिस्से पर मक्खन मांगता था, आधे पर नहीं। जब उसे दोनों अलग-अलग सैंडविच मिले, तो बोला—“मैंने आधा-आधा कहा था!” स्टाफ ने दोनों को खोलकर आधा-आधा बदल दिया। ग्राहक की बोलती बंद! यह तो वही बात हुई कि “नाच न जाने आँगन टेढ़ा”।

कुछ ने तो यह भी कहा कि ऐसे लोग दरअसल स्टाफ पर रौब जमाने के लिए ही आते हैं। एक पाठक ने लिखा, “ऐसे लोगों को politely कह देना चाहिए—अगर आपको हमारा सामान पसंद नहीं, तो और जगह भी बहुत हैं।” सही बात है—भारत के हर मोहल्ले में किसी दुकान पर अगर दही खट्टा लगे, तो दूसरा ठेला दूर नहीं!

ग्राहक भगवान हैं, लेकिन...

हमारे यहाँ तो कहते हैं, “ग्राहक भगवान होता है।” लेकिन जब भगवान ही परीक्षा लेने लगे, तो क्या करें? ऐसे हालात में संयम, चतुराई और हल्का सा ‘मालिकाना अंदाज’ सबसे बड़ा हथियार है। इस कहानी ने ये भी सिखाया कि हर बार झुकना जरूरी नहीं—कभी-कभी हल्के-फुल्के अंदाज में बात घुमा दो, तो सामने वाला भी समझ जाता है कि अब उसकी दाल नहीं गलेगी।

अंत में: आपकी दुकान में ऐसे किस्से हुए हैं?

तो दोस्तों, आपको भी कभी ऐसे ग्राहक मिले हैं, जो छोटी-छोटी बातों में उलझकर स्टाफ की परीक्षा लेते हों? क्या आपने भी कभी ऐसे किसी ‘चॉकलेट दाहिने तरफ’ वाले ग्राहक को जवाब दिया है? कमेंट में अपनी मज़ेदार कहानियाँ ज़रूर शेयर करें! और हाँ, अगली बार जब कोई ग्राहक अजीब सी फरमाइश करे, तो बस कप घुमा दीजिए—किस्सा खत्म, मुस्कान कायम!

आखिर में यही कहेंगे—दुकानदारी में धैर्य भी जरूरी, और जुगाड़ भी। और जो ग्राहक समझ जाए, वही असली स्वाद ले जाए!


मूल रेडिट पोस्ट: You want the chocolate soft serve on the right side of the cup? I'll give you the chocolate soft serve on the right side of the cup.