जब ग्राहक ने पुरानी वस्तु लौटाने का किया प्रयास, और दुकानदार ने दिखाया असली दिमाग!
दुकानदारी का पेशा जितना रंगीन दिखता है, उतना ही रोज़ नए-नए 'सपनों' वाले ग्राहक भी मिलते हैं। कभी कोई बिन पर्ची के सामान लौटाने आता है, तो कोई तो ऐसा भी मिलता है, जिसे पूरा विश्वास है कि वो सामान यहीं से लिया था—even जब दुकानदार को अपने माल की पूरी गिनती याद हो! आज हम आपको एक ऐसी ही कहानी सुनाने जा रहे हैं, जिसे पढ़कर आप मुस्कुरा भी देंगे और शायद सिर भी पकड़ लेंगे।
ग्राहक की जिद और दुकानदार की उलझन
कल्पना कीजिए, आप एक छोटे बुटीक में काम कर रहे हैं जो सुंदर-सुंदर होम डेकोर और गिफ्ट्स बेचता है। एक दिन एक महिला आती है, हाथ में एक पुराना सा डिब्बा जिसमें एक सजावटी फूलदान रखा है। डिब्बे से अजीब सी गंध आ रही है, मानो महीनों से किसी गाड़ी के गैरेज में पड़ा हो। ग्राहक कहती है, "मैंने ये यहीं से कुछ हफ्ते पहले खरीदा था, अब लौटाना है।"
दुकानदार (जो पिछले एक साल से वहाँ काम कर रहा है) विनम्रता से पर्ची मांगता है। महिला तुरंत कहती है, "पर्ची तो नहीं है, लेकिन मैंने यहीं से ही लिया है।" दुकानदार सोचता है—'भैया, मैंने तो ऐसा फूलदान कभी देखा ही नहीं!' डिब्बे पर जो प्राइस स्टिकर है, वो भी दुकान के स्टिकर से बिल्कुल अलग है। बारकोड भी मेल नहीं खाता।
अब दुकानदार समझाता है कि बिना पर्ची के वापसी नहीं हो सकती, और ये कि शायद हमारा माल भी नहीं है। इतने में महिला बिफर जाती है, कहती है—"आपको कुछ पता ही नहीं, आप शायद नए हो!" और अपने फोन में गूगल रिव्यू के फोटो दिखाने लगती है, जैसे इससे कोई जादू हो जाएगा।
"सब दुकानें एक जैसी हैं!"—ग्राहकों का भ्रम
महिला यहीं नहीं रुकती, वो कहती है, "मैंने जब कैलिफोर्निया, लॉस एंजेलिस से शिफ्ट किया था, तभी मैंने ऑनलाइन व्होलसेल साइट्स पर ऐसे ही आइटम देखे थे। आप सब तो अलीबाबा से ही सामान लाते हो, फर्क क्या है?"
अब बताइए, अगर आपको किराने की दुकान वाला नमक लौटा दे, और कहे कि सारे ब्रांड एक जैसे हैं, तो क्या आप लौटा देंगे? एक कमेंटकर्ता ने बड़े मज़ेदार अंदाज़ में लिखा—"एक महिला ने मुझसे बहस की कि उसने जो चीज़ खरीदी थी, वो मेरी ही दुकान से थी। हफ्तों बाद उसे याद आया कि वो तो 1800 किलोमीटर दूर किसी और शहर की दुकान थी!"
कई बार ग्राहक ऑनलाइन ऑर्डर करते हैं और फिर शिकायत करते हैं कि 'गलत साइज' भेज दिया, जबकि वो साइज तो दुकान में कभी था ही नहीं! और बहस इतनी लंबी खिंच जाती है जैसे सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा हो।
"पिछला अनुभव" और "मालिक को जानता हूँ" वाले क्लाइंट्स
भारत में भी आपने सुना होगा—"मैं तो यहाँ सालों से आ रहा हूँ, आपको कुछ पता नहीं!" या "मालिक को फोन कर लूँ?" एक पढ़ने वाले ने लिखा, "एक बार एक महाशय ने मेरे पास आकर बोला, 'मैंने ये सामान यहीं से लिया है।' जब मैंने पूछा, 'कब?' तो बोले, '10 साल पहले!' अब बताइए, दस साल पुराना सामान, और वापसी की उम्मीद!"
दूसरे ने मजेदार किस्सा सुनाया—"ग्राहक गुस्से में बोला, मैं सुप्रीम कोर्ट तक जाऊँगा!" अब भला, एक फूलदान के लिए सुप्रीम कोर्ट कौन जाता है!
दुकानदार की मजबूरी और मैनेजर की नीति
आखिरकार, मैनेजर आते हैं और वही बात दोहराते हैं—"बिना पर्ची के वापसी नहीं हो सकती।" महिला गुस्से में धमकी देती है, "मैं खराब रिव्यू दूँगी!"
कुछ दुकानें ग्राहकों को खुश करने के लिए अक्सर नियम तोड़ देती हैं, जिससे बाकी ग्राहक फिर बार-बार ये हरकतें दोहराते हैं। एक कमेंट में तो यहाँ तक लिखा था, "अगर मैनेजर हर बार नियम तोड़ देगा, तो कर्मचारियों का क्या फायदा? ग्राहक समझते हैं कि कर्मचारियों को तंग करना ही असली रास्ता है!"
ऐसे किस्से हर दुकान में!
यह किस्सा सिर्फ एक दुकान तक सीमित नहीं। एक दुकानदार ने बताया कि उनके यहाँ एक बुज़ुर्ग महिला खाद डालने का बैग लौटाने आई, पर असल में वो टेबल सॉल्ट (खाने वाला नमक) था! उन्होंने समझाया, "मैडम, ये तो खाद नहीं, नमक है!" महिला फिर भी अड़ी रहीं कि उन्होंने यहीं से खरीदा है।
कहीं-कहीं ग्राहक बिना सामान लाए ही फोन पर वापसी मांगते हैं—"सामान तो घर पर है, पैसे अभी दे दो!" एक दुकानदार ने तो साफ कह दिया, "अगर सामान नहीं लाए, तो डॉक्टर के पास मरीज़ आए बिना इलाज कैसे होगा?"
निष्कर्ष: दुकानदार भी इंसान हैं!
दुकानदार होना आसान नहीं। ग्राहक हमेशा सही हों, ये ज़रूरी नहीं। दुकानदार को भी अपने नियमों का पालन करना पड़ता है, नहीं तो दुकान कबाड़घर बन जाएगी!
तो अगली बार जब आपको कोई चीज़ लौटानी हो, पर्ची साथ ले जाइए, और समझिए—हर दुकान का अपना नियम है। दुकानदारों का सम्मान करें, क्योंकि वो भी दिनभर लोगों की जिद और कहानियाँ झेलते हैं।
आपका क्या अनुभव रहा है दुकानों में सामान लौटाते समय? कोई मज़ेदार या अजीब किस्सा है, तो कमेंट में जरूर साझा कीजिए!
धन्यवाद, और अगली बार दुकान पर जाएँ, तो दुकानदार की मुस्कान की कद्र करें—शायद उसने अभी-अभी ऐसा ही कोई किस्सा झेला हो!
मूल रेडिट पोस्ट: Customer tried to return something they clearly bought somewhere else and got mad when I asked for a receipt