जब ग्राहक ने ‘चिकन’ को बताया “बहुत चिकनी”: रिटेल की दुनिया की सबसे अजीब वापसी!


"इस सिनेमाई दृश्य में, एक चकित किराना स्टोर कर्मचारी अविश्वास में खड़ा है जब एक ग्राहक पूरी तरह से खाया हुआ रोस्ट चिकन लौटाता है, यह कहते हुए कि यह 'बहुत चिकन जैसा' था। हमारे नवीनतम ब्लॉग पोस्ट में खुदरा लौटाने की मजेदार और अजीब दुनिया का पता लगाएं!"

अगर आप कभी किराने की दुकान या सुपरमार्केट गए हैं, तो आपने अजीबोगरीब ग्राहकों की कई कहानियाँ सुनी होंगी। लेकिन आज जो किस्सा मैं आपको सुनाने जा रहा हूँ, वो वाकई रिटेल की दुनिया में सबसे अनोखा और मज़ेदार है। सोचिए, अगर कोई ग्राहक पूरी चिकन खा जाए और फिर उसकी हड्डियाँ वापस करके कहे – “मुझे रिफंड चाहिए, ये चिकन बहुत ज्यादा चिकनी थी!” तो आप क्या सोचेंगे? जी हाँ, यही हुआ एक अमेरिकी सुपरमार्केट में!

अब आप सोच रहे होंगे, आखिर चिकन से ज्यादा चिकनी और क्या हो सकता है? क्या किसी को चिकन में मटन या टर्की का स्वाद चाहिए? तो जनाब, यही हुआ। Reddit पर r/TalesFromRetail नामक फोरम पर u/Sudden_Dealer3922 नाम के यूज़र ने अपनी 5 साल की नौकरी का सबसे अजीब अनुभव साझा किया।

कहानी कुछ यूं है – एक महिला ग्राहक दुकान में आई, उसके हाथ में सिर्फ चिकन की हड्डियाँ थीं। मतलब, पूरी रोटिसरी चिकन चट कर गईं और अब बोलीं – “मुझे रिफंड चाहिए, ये चिकन बहुत चिकनी थी।” जब दुकानदार ने पूछा, “ये चिकनी-चिकनी क्या मतलब?” तो जवाब आया – “मुझे टर्की जैसा स्वाद चाहिए था, ये तो बहुत चिकन-चिकन थी।” भाई साहब, दिल से सलाम है ऐसी उम्मीदों को!

अब आप सोच रहे होंगे, मैनेजर ने क्या किया? भारत में तो ऐसे ग्राहक को तो ‘अरे बहनजी, चिकन है तो चिकन ही लगेगा!’ कहकर लौटा दिया जाता। लेकिन वहाँ का मैनेजर, बहस में पड़ने से बचने के लिए, रिफंड दे देता है! Reddit पर लोगों ने खूब मज़ाक उड़ाया – “समुंदर बहुत गीला है, रेत बहुत रेत जैसी है…” जैसे कमेंट्स आए। एक यूज़र ने लिखा – “अगर ग्राहक ऐसे ही बहाने बनाते रहे, तो दुकानदारों की रीढ़ की हड्डी ही गायब हो जाएगी!”

हमारे देश में भी रिटेल स्टाफ की लाइफ कुछ कम नहीं। याद कीजिए, जब कोई ग्राहक दूध का पैकेट पीकर कहे – “भैया, इसमें तो दूध जैसा स्वाद है, मुझे तो लस्सी चाहिए थी!” या जब सब्ज़ीवाला लौकी बेचकर सुने – “बहनजी, ये लौकी बहुत लौकी जैसी है।” हम भारतीय तो ऐसे बहानों पर हँसते-हँसते लोटपोट हो जाएँ।

Reddit पर कई मजेदार टिप्पणियाँ आईं – एक ने कहा, “अगर मैं दुकानदार होता, तो ग्राहक से पूछता, 1 से 10 के पैमाने पर कितनी चिकनी थी?” एक और यूज़र ने मज़ाकिया अंदाज में लिखा – “मुझे अपनी खाली वोदका की बोतलें लौटा कर रिफंड मिल सकता है क्या?” कुछ ने यहाँ तक कह दिया – “ऐसे ग्राहकों को तो दुकान से बाहर ही कर देना चाहिए!”

लेकिन असली मुद्दा क्या है? रिटेल की दुनिया में ‘ग्राहक भगवान है’ वाली सोच ने कई बार कर्मचारियों की हालत पतली कर दी है। एक टिप्पणीकार ने लिखा, “कंपनियाँ अकसर ग्राहकों को खुश करने के लिए ऐसे बेवकूफी भरे रिफंड दे देती हैं, ताकि ग्राहक दोबारा आएँ। लेकिन इससे तो लोगों की गलत आदतें बढ़ती हैं!” एक और यूज़र ने अपने अनुभव शेयर करते हुए बताया, “हमारे यहाँ एक ग्राहक ने सलाद का पैकेट लौटा दिया, जो फ्रिज में गलकर हरे पानी में बदल गया था। फिर भी रिफंड माँग रहे थे!”

यह ट्रेंड सिर्फ अमेरिका तक सीमित नहीं है। हमारे देश में भी कई बार लोग ‘रिफंड का जुगाड़’ करने के लिए तरह-तरह के बहाने बना लेते हैं। सोचिए, शादी के सीजन में कपड़े पहनकर लौटाना, या फेस्टिवल के बाद मिठाई की खाली डिब्बी लेकर आना – “भैया, स्वाद अच्छा नहीं था!”

मगर क्या सच में ऐसे बहानों को बढ़ावा देना चाहिए? कई अनुभवी रिटेल वर्कर्स का मानना है कि अगर शुरू से ही सख्ती बरती जाए, तो ग्राहक भी सोचेंगे सौ बार। लेकिन कंपनियों को लगता है – ग्राहक को खुश रखो, चाहे लॉजिक की बली चढ़ जाए!

एक मजेदार बात और – एक Reddit यूज़र ने लिखा, “अगर आप चिकन खरीद रहे हैं, तो उससे टर्की जैसा स्वाद क्यों चाहिए? जैसे कोई समोसा खरीदकर कहे, इसमें मोमोज़ जैसा स्वाद क्यों नहीं है!” वाह, क्या तुलना है!

कुल मिलाकर, ग्राहक और दुकानदार की इस जंग में हँसी का डोज़ तो भरपूर है, लेकिन कर्मचारियों को भी अपनी इज़्ज़त और आत्मसम्मान की चिंता करनी चाहिए। आखिरकार, चिकन है तो चिकन ही लगेगा – और अगर आपको टर्की चाहिए, तो अगली बार टर्की खरीदिए!

आपका क्या अनुभव रहा है? क्या आपने कभी किसी दुकान पर ऐसा अजीब ग्राहक देखा है जिसने अजब-गजब बहाना बनाकर सामान लौटाया हो? कमेंट में ज़रूर लिखिए – और हाँ, अगली बार चिकन खरीदें, तो उससे पनीर जैसी उम्मीद मत रखिए!


मूल रेडिट पोस्ट: Customer tried to return a rotisserie chicken that was 'too chickeny'