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जब केविन ने घास काटने वाली मशीन से मचाया धमाका!

धूप वाले पिछवाड़े में लॉनमॉवर स्टार्ट करने में संघर्ष कर रहा हाई स्कूल का छात्र केविन।
इस फोटो-यथार्थवादी चित्रण में, हम केविन को एक आम हाई स्कूल की समस्या का सामना करते हुए देख रहे हैं—उसका लॉनमॉवर स्टार्ट नहीं हो रहा! यह दृश्य मेरी माँ द्वारा उनकी युवावस्था की इस यादगार घटना को सुनाते समय केnostalgia और हास्य का मिश्रण प्रस्तुत करता है।

क्या आप ने कभी किसी को इतनी बड़ी गलती करते देखा है कि लोग बरसों तक उसका ज़िक्र करना न भूलें? स्कूल के दिनों में अक्सर हम में से कई लोग अजीब हरकतें करते हैं, लेकिन कुछ कारनामे ऐसे होते हैं जो बाकियों पर भारी पड़ जाते हैं। आज की कहानी ऐसी ही एक भूल-भुलैया की है, जिसमें केविन नाम के एक लड़के की नासमझी ने उसकी माँ के गैराज को ही उड़ा दिया। पढ़िए, कैसे एक घास काटने वाली मशीन बनी हंसी का फव्वारा और सीखिए कि “जुगाड़” हर बार काम नहीं आता!

केविन का जुगाड़ और जलेबी जैसी उलझन

हमारे देश में भी अगर कोई किसी काम को ‘जुगाड़’ से करने की कोशिश करता है, तो पास-पड़ोस वाले भी सलाह देने से पीछे नहीं हटते—“अरे भैया, डीजल में सरसों का तेल मत डालना, इंजन बैठ जाएगा!” अब ज़रा सोचिए, अमेरिका के एक छोटे से कस्बे में, केविन नाम का लड़का, जिसे शायद विज्ञान में ‘गोल्डन डक’ मिलती रही हो, अपनी माँ के गैराज में घास काटने की मशीन स्टार्ट करने की कोशिश कर रहा था। मशीन स्टार्ट नहीं हो रही थी, वजह थी—पेट्रोल खत्म हो गया था।

अब केविन को तेल तो मिला नहीं, लेकिन उसकी नज़र पड़ी ‘लाइटर फ्लूड’ पर—यानी वो तरल पदार्थ जिससे ज्यादातर लोग बीड़ी या सिगरेट जलाते हैं। केविन को लगा, “तेल न सही, ये भी तो जलता है!” बस, अपनी धुन में उसने मशीन में लाइटर फ्लूड डाल दिया और स्टार्ट करने की कोशिश की।

जब गैराज बना पटाखा—"धमाका है जनाब!"

हरियाणा की शादी में पटाखों का शोर तो आपने सुना होगा, लेकिन इस बार धमाका केविन के घर के गैराज में हुआ! जैसे ही उसने मशीन का स्विच घुमाया, एक जोरदार ‘बूम’ की आवाज आई, और गैराज के साथ-साथ केविन के बाल और भौंहे भी उड़ गए। खुदा का लाख-लाख शुक्र है कि उसका शरीर बच गया, वरना तो लोग कहते—“मूर्खता के लिए कोई सीमा नहीं होती!”

केविन की माँ तो इतनी नाराज हुईं कि उसके बाद शायद उसने केविन को घर से बाहर ही रहने को कह दिया। मुहल्ले के लोग कई दिन तक इस घटना की चर्चा करते रहे—“अरे, वो लड़का जिसने गैराज उड़ा दिया था, देखा क्या?”

कमेंट सेक्शन की चटपटी बातें—"बेवकूफी की आवाज़"

रेडिट पर इस कहानी ने जैसे ही दस्तक दी, लोग हँसी रोक नहीं पाए। एक यूज़र ने तो लिखा, “मेरे एक्स-हस्बैंड के साथ भी एक बार ऐसा ही हुआ था—कुछ केविन लोग साथ रहते थे, बारबेक्यू ग्रिल जलाने के लिए किसी ने बारूद डाल दी। बस, एक जोरदार ‘फ्वंप’ की आवाज़ आई और ट्रेलर हिल गया।”

इस कमेंट को पढ़कर लोगों की हँसी छूट गई। किसी ने लिखा, “भाई, ऑफिस जाते हुए मेरी तो सांस ही रुक गई, इतनी जोर से हँसी आई!” एक अन्य पाठक ने तो एयरपोर्ट पर ही हँसी में लोटपोट होने की बात बताई। क्या कमाल है—एक केविन की बेवकूफी, और पूरी दुनिया का मनोरंजन!

सीख—जुगाड़ हर बार काम नहीं आता, समझदारी जरूरी!

भारतीय समाज में ‘जुगाड़’ शब्द बहुत लोकप्रिय है, लेकिन हर चीज़ में जुगाड़ लगाना समझदारी नहीं होती। पेट्रोल की जगह अगर कोई केरोसीन या सरसों का तेल डाल दे, तो उसका परिणाम भी केविन जैसा ही हो सकता है।

हमारे गाँव-कस्बों में बड़े-बुजुर्ग अक्सर कहते हैं—“काम वही करो, जिसमें समझ हो, वरना पछताओगे!” केविन की कहानी इसका ताजा उदाहरण है। विज्ञान और तकनीक की बुनियादी समझ के बिना कोई भी चीज़ चलाने की कोशिश करना, खुद के लिए खतरा तो है ही, साथ ही दूसरों के लिए भी परेशानी का सबब बन सकता है।

अंत में—आपका क्या कहना है?

अब आप बताइए—क्या आपने कभी किसी दोस्त या रिश्तेदार को ऐसा कोई ‘जुगाड़’ करते देखा है, जिससे मामला गड़बड़ हो गया हो? या खुद कभी ऐसी गलती की है? नीचे कमेंट में जरूर साझा करें! और अगर आपको ये कहानी पसंद आई, तो अपने दोस्तों और परिवार में भी भेजें—शायद किसी और केविन को भी इससे सीख मिल जाए।

अंत में, एक ही बात—ज्ञान जरूरी है, बेवकूफी महंगी पड़ सकती है। हँसिए, सीखिए और सुरक्षित रहिए!


मूल रेडिट पोस्ट: Kevin and the lawnmower