जब 'केविन' ने ईसाई कॉलेज में मचाया बवाल: अनुशासन बनाम मस्ती
कॉलेज का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में अनुशासन, पढ़ाई और भविष्य की चिंता घूमने लगती है। लेकिन सोचिए, अगर कोई छात्र, वो भी एक बेहद सख्त ईसाई कॉलेज में, सारे नियम-कायदे तोड़कर एकदम देसी 'बिंदास' अंदाज में जी रहा हो, तो क्या होगा? आज हम आपको ऐसी ही दिलचस्प कहानी सुनाने जा रहे हैं—'केविन' नाम के उस छात्र की, जिसने ईसाई कॉलेज के अनुशासन को हर मौके पर चुनौती दी, और कॉलेज प्रशासन को सिर पकड़ने पर मजबूर कर दिया।
ये कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं, बल्कि असली जिंदगी की शरारतों, विद्रोह और हास्य का मेल है। तो बैठ जाइए, चाय या कॉफी लेकर, और पढ़िए केविन की अनोखी लीला की दास्तान!
कॉलेज के 'रावण' केविन: नियमों की धज्जियाँ, मस्ती की हवा
केविन नाम सुनकर आपको आम-सा लड़का लग सकता है, लेकिन जनाब, ये बंदा कॉलेज के लिए किसी कालजयी फुलझड़ी से कम नहीं था। बात एक ऐसे कॉलेज की है, जहाँ 'पार्टी' शब्द ही पाप समझा जाता था। यहाँ तो बर्थडे पार्टी में भी 'पार्टी वाली फील' नहीं आनी चाहिए थी! लेकिन केविन... वो तो मानो 'बोल बच्चन' के गनपत राव आप्टे थे—'नियम तोड़ना मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है' वाली सोच के साथ।
साउंड सिस्टम से लेकर सूदखोरी तक
केविन की शरारतें सुनकर आप भी सोचेंगे, "ऐसा कौन करता है भला?" सबसे पहले केविन ने कॉलेज के 'स्पीकर बैन' का मज़ाक उड़ाते हुए, जोर-जोर से अश्लील गाने बजाए। नतीजा—तीन सौ डॉलर का जुर्माना! लेकिन हमारे देसी अंदाज में कहें तो, 'जले पे नमक छिड़कना' तो अभी बाकी था।
फिर आया दूसरा स्टंट—केविन ने कैंपस में ही नशे की चीज़ें (ज्यादातर गांजा) और... आइसक्रीम के टब बेचना शुरू कर दिया! अब भला, गांजा और आइसक्रीम का क्या कनेक्शन? एक कमेंट में किसी ने मज़ाकिया अंदाज में लिखा, "गांजे के नशे में आइसक्रीम खाने का मजा ही अलग है!" कॉलेज प्रशासन ने इसके लिए 1500 डॉलर का जुर्माना लगाया और आइसक्रीम के टब रखने पर बैन लगा दिया।
पार्टीबाज केविन: फायर सेफ्टी का भी मज़ाक
कॉलेज में एक जगह थी, जहाँ 'फायर सेफ्टी' की वजह से कोई इकट्ठा नहीं हो सकता था। ये नियम इतना सख्ती से लागू था कि सब बच्चों को याद रहता था। पर केविन ने वहीं तीन बार पार्टी की, हर बार जुर्माना बढ़ता गया। सेमेस्टर के अंत तक उसके ऊपर 3000 डॉलर का जुर्माना हो गया। एक कमेंट में किसी ने लिखा, "लगता है कॉलेज के लिए केविन सिर्फ 'फाइन कलेक्शन मशीन' बन गया था!"
शराब, जादू-टोना और एथलेटिक्स की नौटंकी
केविन का अगला शौक—शराब पीना और नशे में गाड़ी चलाना। कॉलेज ने शराब पर सख्त पाबंदी लगाई थी (परन्तु, जैसा कि एक यूज़र ने लिखा—"सिर्फ अपने मनपसंद छात्रों पर")। केविन ने तो कमरे में शराब की दुकान ही खोल ली थी। नतीजा—10,000 डॉलर तक का जुर्माना!
इतना सब कम था कि एक दिन उसने 'एज़टेक्स' की आत्माओं को बुलाने का टोटका किया (इतिहास की क्लास में नया सीखा था)। कॉलेज ने इसे 'जादू-टोना' कहकर एक महीने के लिए सस्पेंड कर दिया, और 'जादू-टोने के खतरों' पर काउंसलिंग भी करवाई। कमरे के साथी ने तो सीधा थप्पड़ ही जड़ दिया, "भैया, ये सब मत कर!"
और हां, केविन खुद को कॉलेज की खेल टीम का सदस्य बताता रहा, जबरदस्ती प्रैक्टिस में घुस जाता, खिलाड़ियों से उलझ जाता। कॉलेज ने उसे 'तुम टीम में नहीं हो' वाली ट्रेनिंग भी करवाई, मगर साहब, वो तो इसे टीम में घुसने का गेटपास समझ बैठे!
'विगन' स्मूदी MLM और कॉलेज का 'विशेष' विरोध
केविन ने एक मल्टी-लेवल मार्केटिंग (MLM) स्कीम पकड़ ली—'विगन स्मूदी' बेचने की। अब कॉलेज 'विगनिज्म' (शाकाहारी जीवनशैली) को ही पाप मानता था! ऊपर से MLM पर सीधा निष्कासन का डर। मगर केविन ने 'समृद्धि सभा' करके स्मूदी बेचने की कोशिश की, दो हफ्ते के लिए सस्पेंड हुए, पर फिर भी कॉलेज से निकले नहीं गए!
एक कमेंट में किसी ने तंज कसा, "लगता है कॉलेज के लिए वेगनिज्म भी कोई देशद्रोह जैसा अपराध है।"
कॉलेज और समुदाय की प्रतिक्रिया: 'नियम तोड़ो, जुर्माना भरो'
केविन के किस्से Reddit कम्युनिटी में खूब चर्चा में रहे। कई लोगों ने कहा, "क्या कॉलेज वाले सिर्फ पैसे कमाने के लिए छोड़ रहे थे?" एक मजेदार कमेंट में लिखा गया, "अगर मेरे कॉलेज में किसी ने इतनी शरारतें की होतीं तो कबका कॉलेज से बाहर कर दिया जाता!" किसी ने ये भी कहा, "लगता है केविन ने जानबूझकर ये सब किया, ताकि कॉलेज से निकाल दें, लेकिन कॉलेज को तो जुर्माने कलेक्ट करने का नया तरीका मिल गया!"
वहीं, एक अनुभवी यूज़र ने अमेरिका के शिक्षा तंत्र की खामियों पर भी रोशनी डाली, "जैसे हमारे यहाँ कई स्कूल अंग्रेज़ी सिखाने में फिसड्डी हैं, वैसे ही वहाँ के कुछ कॉलेज भी अनुशासन और पढ़ाई में कमजोर होते हैं।"
क्या सीखा हमने? केविन की कहानी से ज़रा हटकर सोचिए!
केविन की कहानी जितनी मजेदार है, उतनी ही सोचने वाली भी। क्या कॉलेज का इतना ज्यादा सख्त और दकियानूसी होना सही है? या फिर ऐसे 'केविन' लोग ही सिस्टम में बदलाव लाने का जरिया बनते हैं? Reddit कम्युनिटी में भी बहस यही थी—कहीं-न-कहीं, अगर नियमों की आड़ में सिर्फ जुर्माने वसूले जाएं तो बच्चे बगावत ही करेंगे!
आखिर में, हमारे देश के कॉलेजों में भी ऐसे 'केविन' मिल जाते हैं, जो टीचरों और प्रिंसिपलों की नाक में दम कर देते हैं। फर्क बस इतना है कि यहाँ 'जुर्माने' की जगह 'माता-पिता की डांट' या 'टीचर की छड़ी' चलती है। पर मस्ती, विद्रोह और युवा जोश—ये सीमाओं में कहाँ बंधता है!
निष्कर्ष: क्या आपके कॉलेज में भी था कोई 'केविन'?
तो दोस्तो, केविन की ये कहानी बताती है कि नियमों का मकसद डराना नहीं, बल्कि समझदारी और संतुलन सिखाना होना चाहिए। कहीं आप भी अपने कॉलेज केविन की यादों में खो गए? कमेंट में जरूर बताइए कि आपके कॉलेज में कौन-सी अजब-गजब हरकतें हुईं, या आप खुद कितने 'शरारती' थे!
अगली बार फिर मिलेंगे, एक और अनोखी कहानी के साथ। तब तक—संयम रखिए, लेकिन मस्ती मत छोड़िए!
मूल रेडिट पोस्ट: college kevin does vices at anti-vice christian college