जब केविन को नहीं पता था कि उसका कॉलेज क्रिश्चियन है: एक अजब-गजब कहानी
कॉलेज लाइफ में नए-नए दोस्त, नई-नई जगहें, और ढेर सारे अनुभव मिलते हैं। अब सोचिए, अगर कोई छात्र पूरे कॉलेज के बारे में सबसे बुनियादी बात ही न जाने, तो क्या होगा? ऐसा ही कुछ हुआ अमेरिका के न्यू इंग्लैंड इलाके के एक 'ओपनली क्रिश्चियन' कॉलेज में, जहाँ केविन नामक छात्र ने सबको हैरान कर दिया। केविन कॉलेज तो पहुँच गया, लेकिन उसे ये ही नहीं पता था कि उसका कॉलेज क्रिश्चियन है!
अब ये कोई साधारण सी बात नहीं थी, क्योंकि वहाँ के हर पोस्टर, लोगो, और नियम-कायदों में ईसाई धर्म की छाप साफ दिखती थी। लेकिन केविन की दुनिया ही अलग थी! चलिए जानते हैं, कैसे केविन ने इस अनजानेपन में कॉलेज की जिंदगी को सिर के बल खड़ा कर दिया।
केविन की मासूमियत या लापरवाही?
केविन की कहानी शुरू होती है एक छोटे से हॉस्टल रूम से, जहाँ उसका रूममेट (इस कहानी का लेखक) पहली बार उससे मिला। कॉलेज का लोगो, जिसमें बड़ा सा क्रॉस बना हुआ था, देखकर केविन ने कहा—"ये तो न्यू इंग्लैंड का नॉर्मल सिंबलिज्म है!" अब हमारे भारत में अगर किसी कॉलेज का लोगो त्रिशूल या ओम हो, और कोई कहे "ये तो बस आम बात है", तो सब लोग उसे अजीब नजरों से देखने लगेंगे।
यहाँ तक कि केविन को क्रिश्चियन कॉलेज के 'कोड ऑफ कंडक्ट' के बारे में भी नहीं पता था—यानि "ना ड्रग्स, ना शराब, ना सेक्स, और तो और, हर हफ्ते चर्च जाना जरूरी!" लेकिन भाई साहब को तो पार्टी करनी थी! उन्होंने कॉलेज में ही ड्रग्स और शराब के साथ रेव पार्टी कर डाली। जब कॉलेज प्रशासन ने कड़ी सजा दी, तो केविन बोले—"मुझे टारगेट किया जा रहा है, मुझ पर भेदभाव हो रहा है।" अब सोचिए, जब पूरा कॉलेज गोरा है, और केविन भी सबसे गोरे, तो किसने किसका भेदभाव किया?
चर्च का मतलब 'वर्मोंट वाइब'?
अब असली मजा तब आया जब केविन से पूछा गया कि चर्च क्या होता है। उनके अनुसार, "ये कुछ वर्मोंट जैसा वाइब है"। अरे भैया! जैसे हमारे यहाँ कोई मंदिर को "दिल्ली का माहौल" बोल दे! कॉलेज में हर जगह चर्च, बाइबल क्लास, और प्रार्थना, लेकिन केविन के लिए सबका मतलब कुछ और ही था।
बाइबल क्लास में प्रार्थना को केविन ने 'कल्ट' (मतलब कोई अजीब सा गुट) समझ लिया। और जब पता चला कि कॉलेज के साथ एक सेमिनरी (धार्मिक शिक्षा स्थल) भी है, तो बोले—"ये सेमिनरी तो कॉलेज पर कब्जा करने आई है!" एक कमेंट में किसी ने लिखा—"भाई, अगर दो संस्थानों का नाम एक जैसा है, साथ में हैं, तो जाहिर है कि जुड़े हुए हैं!"
केविन की पार्टी की चाहत और कॉलेज का सूखा माहौल
केविन को न तो ईसाई धर्म में दिलचस्पी थी, न कॉलेज के नियमों में। वो तो बस पार्टी करने आया था! लेकिन कॉलेज तो बिलकुल वैसे ही सख्त जैसे हमारे यहाँ कोई गुरुकुल या संस्कारशाला हो, जहाँ मोबाइल भी छुपाकर रखना पड़े।
रेडिट कम्युनिटी में एक ने लिखा—"लगता है, किसी अमीर रिश्तेदार ने केविन को यहाँ भेजा कि शायद सुधर जाए। लेकिन पैसा पानी की तरह बहा दिया।" खुद लेखक ने बताया कि केविन के पापा बाहर कार डीलरशिप चलाते थे, और शायद केविन का एडमिशन भी किसी और ने किया हो।
एक और कमेंट में कहा गया—"हमारे यहाँ जितने भी कड़े क्रिश्चियन कॉलेज हैं, उनमें तो एडमिशन के वक्त 'टेस्टिमनी' (यानी आप ईसाई क्यों बने) लिखवाते हैं, कोड ऑफ कंडक्ट साइन करवाते हैं। शायद केविन ने वो सब पढ़ा ही नहीं, या किसी और ने उसके लिए फॉर्म भर दिया!"
कहानियों की कहानी: कॉलेज, धर्म और मासूमियत
केविन की कहानी पर लोगों ने खूब मजाक उड़ाया, लेकिन कुछ ने गंभीर सवाल भी उठाए। एक ने लिखा—"धर्म और शिक्षा अगर मिल जाएँ, तो अकसर ऐसे ही उलझनें होती हैं।" किसी ने ये भी कहा—"हमारे कॉलेज में भी सभी छात्र धर्म के बारे में उतना नहीं जानते थे, जितना कॉलेज चाहता था।"
एक और मजेदार कमेंट—"अगर केविन BYU (एक मशहूर क्रिश्चियन कॉलेज) चला जाता, तो वहाँ के नियम सुनकर उसके होश उड़ जाते!"
कुल मिलाकर, केविन कॉलेज का 'फिल्मी पप्पू' था—ना उसे माहौल समझ आया, ना नियम-कायदे, और ना ही पार्टी करने की जगह। आखिरकार, केविन फर्स्ट सेमेस्टर में ही फेल हो गया और फिर गायब हो गया।
निष्कर्ष: क्या आपके आसपास भी कोई केविन है?
भारत में भी कई बार हम किसी कॉलेज, ऑफिस, या संस्था में ऐसे लोगों से मिलते हैं, जिन्हें वहाँ के सबसे जरूरी नियमों की जानकारी ही नहीं होती। कई बार ये मासूमियत होती है, कई बार लापरवाही। लेकिन केविन की कहानी हमें हँसाती भी है, और सोचने पर मजबूर भी करती है—क्या हम भी कभी ऐसी गलती कर सकते हैं?
आपके कॉलेज या ऑफिस में ऐसे कोई 'केविन' हैं, जिनकी मासूमियत ने आपको हँसाया हो? अपनी मजेदार कहानियाँ कमेंट में जरूर शेयर करें!
मूल रेडिट पोस्ट: college kevin doens't know college is christian