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जब 'केविन' की क्लास में हर बात पर सवाल बरस पड़े – हंसी और हैरानी की कहानी

कक्षा में छात्र हाथ उठाकर त्रिकोणों के बारे में अजीब सवाल पूछ रहा है, कार्टून-3डी चित्रण।
इस मजेदार कार्टून-3डी चित्र में, हमारे सहपाठी केविन अपने अजीब सवालों से प्रोफेसर को हंसाते हैं, यह साबित करते हुए कि कभी-कभी सबसे सरल विचार भी सबसे बेतुके प्रश्नों को जन्म देते हैं!

किसी भी क्लासरूम में ऐसे छात्र जरूर मिल जाते हैं जो पढ़ाई से ज़्यादा चर्चा का विषय बन जाते हैं। अगर आपने कभी अपने कॉलेज या स्कूल में ऐसे किसी लड़के/लड़की को देखा है, जो हर बात पर सवाल उठाता है – वो भी ऐसे सवाल, जिनका जवाब सबको पता है – तो आज की कहानी आपके लिए है!

हमारे नायक हैं "केविन" – एक ऐसा छात्र जो हर बात में नई खोज की तरह सवाल पूछता है। सोचिए, अगर गुरुजी कहें "यह सूत्र हर त्रिभुज पर लागू होता है", तभी केविन पूछता है – "मतलब ये त्रिभुज पर भी लागू होगा?" अब क्लास में सबकी हालत देखिए – सबकी आंखें फटी रह जाती हैं, जैसे किसी ने मिर्ची छिड़क दी हो!

क्लासरूम का "जुगाड़ू विद्वान" – केविन की दुनिया

अब आप सोच रहे होंगे, ये केविन कोई मामूली लड़का नहीं है। भाईसाहब, ये तो क्लासरूम का वो जुगाड़ू विद्वान है, जिसे ‘ज्ञान’ की गंगा हर जगह बहानी है। प्रोफेसर बड़े मन से पढ़ा रहे होते हैं – "अगर x = 4, तो इसका मतलब x की कीमत 4 है" – तभी केविन पूरे जोश में, "तो मतलब x सच में 4 है?" पूछ बैठता है।

क्लास में एक सेकंड के लिए शांति छा जाती है, जैसे किसी ने म्यूट बटन दबा दिया हो। प्रोफेसर की भी हालत देखकर लगता है, जैसे उनकी आत्मा शरीर छोड़कर दो मिनट के लिए टहल आई हो! कई बार तो प्रोफेसर मुस्कुरा कर रह जाते हैं, पर अंदर-ही-अंदर उनकी सहनशीलता की परीक्षा हो जाती है। सच कहें तो, ऐसी सहनशीलता तो गंगा-जमुना के घाट पर साधु-संतों में भी नहीं दिखती!

केविन अकेला नहीं – हर क्लास में एक ‘मास्टर ऑफ सवाल’ होता है

अगर आपको लगता है कि केविन जैसा छात्र केवल विदेशी क्लासरूमों में ही मिलता है, तो ज़रा अपने कॉलेज के दिनों को याद करिए। हमारे यहां भी तो एक "शर्माजी के बेटे" टाइप का लड़का हर सवाल का जवाब जानने या पूछने को बेताब रहता है।

रेडिट पर एक यूज़र ने लिखा – "हमारी क्लास में एक 60 साल की आंटी थीं, जो IT की क्लास में अपने घर के वाई-फाई राउटर के बारे में सवाल पूछती रहती थीं!" अब बताइए, क्लास सर्वर रूम का टूर हो रहा, वहां वो पावर स्ट्रिप देखकर पूछती हैं – "ये क्या है?" एक और मज़ेदार कमेंट में किसी ने बताया, "हमारी खगोल विज्ञान की क्लास में हेड चीयरलीडर थी, जो सोचती थी कि ये ज्योतिष की क्लास है। वो पूछती – 'मतलब टूटते तारे असली तारे नहीं होते?'"

हमारे यहां भी, गणित की क्लास में एक लड़का हर बार पूछता – "सर, अगर x = 5, तो x कितना है?" – बाकी सबका मन करता, किसी तरह उसकी आवाज़ म्यूट कर दें!

सवाल पूछना बुरा नहीं, पर टाइमिंग और समझ भी ज़रूरी है!

सवाल पूछना तो ज्ञान की निशानी है, लेकिन भाईसाहब, समझदारी और टाइमिंग भी कोई चीज होती है! जब क्लास का समय खत्म हो रहा हो और कोई भाईसाहब पांच मिनट तक खुद से लड़ते हुए प्रोफेसर को गलत साबित करने पर तुले हों, तो बाकियों का दिमाग घूम जाता है।

कम्यूनिटी के एक सदस्य की बात दिलचस्प रही – "ऐसे लोग क्लास का टाइम ही खा जाते हैं!" दूसरा कहता है – "बाकियों को पढ़ने का मौका ही नहीं मिलता!" कोई मज़ाकिया अंदाज में कहता – "कुछ लोगों को समझाना वैसा ही है, जैसे रंग को सूंघने की कोशिश करना!" ऐसी बातें सुनकर याद आता है – कितनी बार क्लास में किसी की वजह से सबका सिर पकड़ना पड़ा है।

हंसी-मजाक के बीच सीख भी छुपी है

केविन की मासूमियत पर हंसी भी आती है, और कभी-कभी तरस भी। डायलॉगबाज़ी करते हुए वो सोचता है कि वह सबकी मदद कर रहा है, लेकिन असल में कब क्लास का वक्त निकल जाता है, उसे खुद पता नहीं चलता। एक दिन तो उसने खुद ही प्रोफेसर को सुधारने के चक्कर में अपनी फजीहत कर डाली – पाँच मिनट तक खुद से उलझता रहा और बाद में मालूम हुआ कि टाइटल ही गलत पढ़ लिया था!

ये सब देखकर लगता है – हर क्लास में एक "केविन" होता है, जो अपनी दुनिया में मस्त रहता है, और बाकियों के लिए मज़ेदार किस्से छोड़ जाता है।

निष्कर्ष – आपके क्लासरूम का "केविन" कौन है?

तो दोस्तो, अगली बार जब आपकी क्लास में कोई "केविन" टाइप छात्र हर बात पर सवाल पूछे, तो झल्लाने के बजाय मुस्कुराइए। कौन जानता है, वही आपके कॉलेज के दिनों की सबसे मज़ेदार यादें बन जाएं! क्या आपके क्लास में भी कोई ऐसा ‘जानकार’ या ‘जिज्ञासु’ छात्र था? अपनी कहानी और अनुभव नीचे कमेंट में जरूर शेयर करें – हो सकता है, अगली बार आपकी कहानी पर भी ब्लॉग लिख दें!

शिक्षा की राह में ऐसे किरदार ज़रूरी हैं – वो हंसी-ठिठोली भी करवाते हैं, और कभी-कभी हमें खुद पर हंसना भी सिखाते हैं। तो, आपके ‘केविन’ की कहानी क्या है?


मूल रेडिट पोस्ट: kevin keeps interrupting our prof with the most nonsense questions and its getting unreal