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जब क्लास की 'रानी' की पोल खुली: एक छात्र की छोटी सी बदला-कहानी

एक छात्रा स्कूल के माहौल में अपनी सहपाठी का सामना करते हुए, तनाव और संघर्ष को दर्शाती जापानी शैली की चित्रण।
इस जीवंत जापानी शैली की चित्रण में, हम उस तीव्र क्षण को देखते हैं जब एक छात्रा अपनी कक्षा की प्रतिनिधि द्वारा किए जा रहे दुर्व्यवहार का सामना करती है। यह दृश्य संघर्ष की कच्ची भावनाओं और कक्षा की जटिलताओं को दर्शाता है, जो कई छात्रों के लिए समान परिस्थितियों में संघर्ष को प्रतिबिंबित करता है।

स्कूल या कॉलेज की क्लास में आपने भी कभी न कभी ऐसे 'क्लास लीडर' या 'क्लास रिप' को देखा होगा, जो खुद को बाकी सबका सुपरहीरो समझता है। उनकी चाल-ढ़ाल, बोलचाल और दूसरों को नीचा दिखाने का अंदाज – सब कुछ एकदम फ़िल्मी विलेन की तरह। लेकिन क्या कभी किसी ने ऐसे 'रिप' को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया है? आज की कहानी में एक छात्र ने कुछ ऐसा ही किया, जिसका नतीजा सुनकर आप भी मुस्कुरा उठेंगे।

क्लास रिप की 'रानीगिरी' और छुपा हुआ बर्ताव

किसी भी कॉलेज या स्कूल में 'क्लास रिप' यानी क्लास का प्रतिनिधि वो छात्र होता है, जो टीचर्स और स्टूडेंट्स के बीच पुल का काम करता है। लेकिन कई बार ये जिम्मेदारी सिर चढ़कर बोलने लगती है। Reddit यूज़र u/Elmartin2330 की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। उनकी क्लास रिप शुरू से ही उन्हें ताने मारती थी, सवाल पूछने पर मजाक उड़ाती थी, और हर बात में खुद को बड़ा दिखाने की कोशिश करती थी।

उन दोनों को एक ही ग्रुप में काम करना पड़ा, जहां इस छात्र ने शांत रहकर काम किया, लेकिन क्लास रिप का रवैया नहीं बदला। Passive aggressive (छुपी हुई बदतमीजी) – आजकल के युवाओं की नई भाषा में कहें तो, 'इग्नोर कर दो लेकिन चुभन तो पहुंचा ही दो!'

'गिन लो कुर्सियाँ' – वह पल जिसने सब बदल दिया

एक दिन, जब टीचर ने सभी की सीटिंग बदली, u/Elmartin2330 ने नॉर्मल तरीके से क्लास रिप से उनकी सीट नंबर पूछी। लेकिन जवाब में वो जोर से बोली – "कुर्सियाँ तो सामने ही हैं, गिन लो! तुम्हें गिनती नहीं आती क्या?" अब आप खुद सोचिए, इतने लोगों के सामने कोई ऐसे बोले तो किसका खून न खौले?

बस, सब्र का बांध टूटा और हमारे नायक ने भी 'तू-तड़ाक' में जवाब दे डाला – "फ*किंग स्टूपिड बिच, मैंने नंबर पूछा है, गिनती पूछने नहीं आया!" (मूल शब्दों का हिंदी में अनुवाद करना तो और भी मजेदार हो जाता, मगर शिष्टाचार का ध्यान रखते हुए यहीं छोड़ते हैं!)

क्लास रिप तुरंत टीचर के पास भाग गई, रोने-धोने लगी और खुद को 'पीड़ित' दिखाने की पूरी कोशिश की। मगर असली ट्विस्ट तो तब आया, जब टीचर ने उल्टा उसी को रिपोर्ट कर दिया। असल में, टीचर भी उसकी हरकतों से परेशान थे। क्लास रिप रोती रही, और u/Elmartin2330 शांत खड़े रहे। घर जाकर मम्मी को बताया, तो उन्होंने भी कह दिया – "मैं होती तो इससे भी बुरा कह देती!"

कम्युनिटी की राय: क्या सही, क्या गलत?

Reddit कम्युनिटी में इस किस्से पर जमकर चर्चा हुई। एक यूज़र ने पूछा, "ये क्लास रिप आखिर है कौन, और स्कूल उसकी बदतमीज़ी कैसे सह रहा है?" – जवाब में खुद OP ने बताया कि क्लास रिप असल में क्लास और टीचर्स के बीच का मुख्य संपर्क है, और ये पोजिशन कई देशों में होती है।

कुछ लोगों ने यह भी कहा कि भारत जैसे देशों में भी ऐसे 'मॉनिटर', 'क्लास लीडर' या 'क्लास प्रतिनिधि' होते हैं, जो कई बार खुद को प्रधानाचार्य समझने लगते हैं। एक कमेंट में तो किसी ने मजाक में कहा, "यार, हमारे यहां तो क्लास रिप का मतलब एंट्री लेवल ह्यूमन रिसोर्स मैनेजर हो गया!"

कई यूज़र्स ने OP की हिम्मत की तारीफ की। किसी ने लिखा, "अगर कोई किसी को उसकी जगह नहीं दिखाएगा, तो वो नए शिकार ढूंढता रहेगा। अच्छा किया!" वहीं एक यूज़र ने अपने अनुभव शेयर करते हुए बताया कि कैसे टीचर्स अक्सर बदमाशी करने वालों का ही साथ दे देते हैं – "हमेशा कहा जाता था, 'हमें पहले बताओ', लेकिन शिकायत करने के बाद भी कुछ नहीं होता था।"

एक दिलचस्प कमेंट में एक यूज़र ने कहा, "क्या मजा आ गया! बोलना जरूरी था, वरना सब अंदर ही अंदर घुटते रहते।" खुद OP ने भी बाद में लिखा, "मेरे क्लासमेट्स महीनों से चुपचाप उसे जज कर रहे थे, आज सबने मन ही मन ताली बजाई!"

क्या हर बार 'शांति' ही सही है?

यह किस्सा सिर्फ बदला लेने की कहानी नहीं है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कई बार शांति से सहते रहना ही समझदारी नहीं होती। जब आपकी इज्जत उछाली जा रही हो, तो अपने लिए बोलना जरूरी है।

कई पाठकों ने यह भी माना कि शब्दों की मर्यादा टूट गई, लेकिन ऐसी परिस्थितियों में गुस्सा आना स्वाभाविक है। एक यूज़र ने लिखा, "जरूरी नहीं कि आप अपने जवाब पर हमेशा गर्व करें, लेकिन खुद की रक्षा के लिए खड़ा होना जरूरी है।"

कुछ ने यह भी सलाह दी कि क्लास रिप को बदलने के लिए वोटिंग दोबारा होनी चाहिए। एक ने कहा, "अगले चुनाव में कोई और बने, तब जाकर क्लास का माहौल सुधरेगा।"

अंत में – क्या सीखें?

हर क्लास में कोई न कोई 'रिप' या 'बॉस' टाइप बच्चा होता है, जो दूसरों को दबाने की कोशिश करता है। लेकिन जब कोई उनके ही अंदाज में जवाब दे देता है, तो खुद उनका घमंड चूर-चूर हो जाता है।

हमेशा हिंसा या अभद्र भाषा सही नहीं है, मगर कभी-कभी अपनी सीमा रेखा दिखाना भी जरूरी है। इस कहानी में सबसे मजेदार बात यह रही कि टीचर ने भी सही का साथ दिया और क्लास रिप को उसकी गलती का अहसास कराया।

आपका क्या कहना है? क्या आपने भी कभी किसी 'क्लास रानी' या 'मॉनिटर साहब' को उनकी ही भाषा में जवाब दिया है? नीचे कमेंट में जरूर बताएं – और हां, अगली बार कोई आपको नीचा दिखाने की कोशिश करे, तो याद रखिए – 'चुप्पी भी कभी-कभी तोड़नी पड़ती है!'


मूल रेडिट पोस्ट: She mocked me in front of the class, so I called her a “fcking stupid btch”, teacher ended up reporting HER