जब किरायेदार ने घमंडी कर्मचारी को उसकी औकात दिखा दी: एक छोटा बदला, बड़ी सीख
कभी-कभी ज़िंदगी हमें ऐसे लोगों से मिलवाती है जो खुद को सबसे बड़ा समझते हैं—और जब वे अपनी औकात से बाहर जाते हैं, तो किस्मत उन्हें वहीं पटक देती है! आज की कहानी एक ऐसे ही घमंडी कर्मचारी (या कहें, “अफसरशाही” की शिकार) से जुड़ी है, जिसे उसके ही बॉस ने सबक सिखाया।
अगर आपने कभी किसी सरकारी दफ्तर या बिल्डिंग सोसाइटी में अजीबोगरीब नियमों का सामना किया है, तो ये किस्सा आपकी नब्ज़ छू लेगा। तो तैयार हो जाइए, इस मसालेदार कहानी के लिए, जिसमें थोड़ा सा गुस्सा, ज्यादा मज़ा और अंत में, सीख भी है!
पानी का मीटर और अफसरगिरी: कहानी की शुरुआत
करीब सात साल पहले, कहानी के नायक—एक युवा जोड़ा—पुरानी बिल्डिंग में किराए पर रहा करते थे। बाकी सब फ्लैट्स में किचन और बाथरूम, दोनों में पानी के मीटर थे, लेकिन इनका फ्लैट था थोड़ा हटके—इनके पास सिर्फ बाथरूम में मीटर था। हर साल जून में, सभी किरायेदारों को मीटर रीडिंग खुद नीचे लॉबी में लगे बोर्ड पर लिखनी होती थी।
सबकुछ ठीक चल रहा था, जब तक एक दिन, फास्ट फूड रेस्टोरेंट में बैठकर बर्गर खा रहे थे, तभी फोन बजा। दूसरी तरफ थीं—हमारी ‘जेरट्रूड’ (नाम काल्पनिक)—रियल एस्टेट एजेंसी से।
“हमें आपकी वाटर मीटर रीडिंग नहीं मिली,” जेरट्रूड बोलीं।
“मैंने तो लिख दी थी, आप चाहें तो वापस बता देता हूँ,” जवाब मिला।
“किचन की रीडिंग नहीं है,” जेरट्रूड का दावा।
“मैडम, हमारे किचन में मीटर ही नहीं है!”
“ऐसा नहीं हो सकता, आपके लीज़ में लिखा है,” उनका अड़ियल जवाब।
ऊपर से ताना—“आजकल के नौजवान तो पार्टी ही करते रहते हैं, फाइल खो देते हैं”—तो भला बताइए, किसका खून नहीं खौलेगा?
सब्र का बाँध टूटा, और फिर आया असली जवाब
अब आया वह मोड़, जब हर भारतीय सोचता है—“अब तो दिखाना पड़ेगा!” हमारे नायक ने अलमारी में सबसे ऊपर रखी फाइल निकाली, जहां लीज़ साफ लिखा था: सिर्फ बाथरूम में मीटर है। फोटो खींची, Paint में लाल गोला, तीर—पूरा सबूत तैयार।
फिर भेज दिया धांसू ईमेल—“आपकी सहयोगी बार-बार मीटर की रीडिंग मांग रही हैं, जबकि हमारे पास एक ही मीटर है। अटैचमेंट देख लीजिए, और कृपया उन्हें सूचित कर दें।”
यहाँ एक कमेंट की याद आती है, जिसमें किसी ने कहा—“इतनी बर्फ में चलकर गए, पर लकड़ी का गट्ठर ही नहीं मिला।” (यानी, इतनी मेहनत के बाद भी कुछ खास हाथ नहीं लगा!) सच में, ऑफिस और सरकारी अफसरशाही में अक्सर ऐसा ही महसूस होता है।
जब बात बढ़ी, तो बॉस को खुद उतरना पड़ा मैदान में
पर कहानी यहीं खत्म नहीं होती! अगली सुबह फिर वही नंबर, अबकी बार पति ने फोन उठाया। जेरट्रूड अब बुरी तरह नाराज़—“आपका ईमेल बहुत रूखा था, और वैसे भी आपके फ्लैट में दो मीटर हैं, अगर नहीं देंगे तो टेक्नीशियन भेजेंगे—खर्चा आपका!”
पति ने भी ठान लिया था—“मैडम, अगर किचन में मीटर है, तो दीवार तोड़कर ही मिलेगा!” और जोड़ दिया, “अगर आपको यकीन नहीं, बिल्डिंग मैनेजर से पूछ लीजिए।”
शाम होते-होते, अलग नंबर से कॉल आई—इस बार खुद रेंटल मैनेजमेंट डायरेक्टर! बड़े अदब से बोले—“माफ़ कीजिए, ग़लती हमारी थी, आपके फ्लैट में वाकई सिर्फ एक मीटर है। आगे से ऐसा नहीं होगा।”
यह सुनकर भारतीय पाठक समझ सकते हैं—बॉस का खुद फोन करना मतलब, मामला सिर के ऊपर जा पहुँचा था। जेरट्रूड को जरूर “डांट की चाय” पिलाई गई होगी!
कम्युनिटी की चटपटी प्रतिक्रियाएँ: मसाला और भी है!
रेडिट पर लोगों की प्रतिक्रियाएँ भी कम दिलचस्प नहीं थीं। एक ने लिखा—“इतनी लंबी कहानी, आखिर में फुस्स!” (यानि, ‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया!’)
एक अन्य ने मज़ाकिया अंदाज में जेरट्रूड को “GertRUDE” कहकर विदा किया, जैसे हम अपने यहाँ कहते हैं—“चल भाग, मिस अफसरशाही!”
कुछ पाठकों को लगा कि बदले का स्वाद थोड़ा कम रहा, क्योंकि जेरट्रूड ने माफी भी नहीं मांगी। लेखक ने भी माना—“शायद जेरट्रूड ने सिर्फ बॉस से डाँट खाई, नौकरी गई नहीं।”
एक टिप्पणीकार ने कहा—“इतनी उधेड़बुन के बाद भी, असली बदला नहीं मिल पाया।” भारतीय सोच में भी यही होता है, जब हम सोचते हैं—“कुछ और करारे जवाब जम जाते, तो मज़ा आ जाता!”
निष्कर्ष: आपकी बारी—क्या आपने कभी ऐसे हालात देखे हैं?
इस कहानी से एक बात तो साफ है—कभी-कभी सबसे छोटा बदला भी बड़े अफसर के पसीने छुड़ा देता है। और कभी-कभी, सिस्टम की गलती पर इंसान को खुद ही अपने हक के लिए लड़ना पड़ता है।
तो दोस्तों, आपको यह किस्सा कैसा लगा? क्या आपके साथ भी कभी किसी सरकारी दफ्तर, बिल्डिंग सोसाइटी या ऑफिस में ऐसा कोई वाकया हुआ है? क्या आपने भी कभी किसी ‘जेरट्रूड’ को सबक सिखाया है? कमेंट में जरूर बताइए, और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें—शायद उनकी भी कोई मजेदार कहानी छुपी हो!
आखिर में, यही कहेंगे—“जहाँ अफसरशाही हो, वहाँ सब्र और सबूत दोनों साथ रखिए, वरना मीटर तो क्या, पानी भी सूख सकता है!”
मूल रेडिट पोस्ट: Boss of Condescending Employee Needs to Apologize for His Behavior