जब कर्मवीर ने माइक्रोवेव में रख दिया स्टील का डिब्बा: ऑफिस की सुरक्षा पर खतरनाक प्रयोग!
हमारे देश के दफ्तरों में चाय, समोसे और चटपटी गपशप तो आम बात है। लेकिन सोचिए अगर कोई कर्मचारी लंच टाइम में ऐसी हरकत कर दे कि सबकी सांसें अटक जाएँ! आज की कहानी है ऐसे ही एक कर्मवीर की, जिसने ऑफिस के माइक्रोवेव में स्टील का डिब्बा रखकर अपना और सबका दिल दहला दिया।
लंच टाइम का बवाल: कर्मवीर की ‘खतरनाक’ क्रिएटिविटी
हर दफ्तर में एक-आध ऐसा बंदा जरूर होता है, जो अपनी मासूम गलतियों से सबका मनोरंजन कर दे। Reddit पर u/Explainer003 नाम के यूज़र ने अपनी फैक्ट्री की एक ऐसी ही घटना साझा की। वो बताते हैं—उनके साथी कर्मवीर (यहाँ Kevin को हम कर्मवीर कहेंगे!) आमतौर पर स्टॉक रूम में काम करते हैं, जबकि लेखक वायरिंग एरिया में रहते हैं।
एक दिन सुबह-सुबह जब वे लंच रूम में पहुँचे तो देखा कि कर्मवीर बड़े इत्मीनान से पिज़्ज़ा को स्टील के डिब्बे में डालकर माइक्रोवेव में रख रहे हैं! अब ज़रा सोचिए, अगर आपके घर में कोई बच्चा माइक्रोवेव में स्टील की कटोरी रख दे तो मम्मी का क्या हाल होगा? फैक्ट्री में तो हालात और भी गंभीर थे—क्योंकि वहाँ गैस और केमिकल्स भरे रहते हैं, और ज़रा सी चिंगारी भी बड़ा हादसा कर सकती थी।
"क्या हुआ, इसमें क्या गलत है?" : कर्मवीर की मासूमियत की हद
लेखक ने तुरंत आवाज़ लगाई—"कर्मवीर! ये क्या कर रहे हो?" कर्मवीर बोले—"क्या हुआ?" लेखक ने समझाया, "माइक्रोवेव में स्टील या कोई भी धातु नहीं रखनी चाहिए।" अब ज़रा उनकी मासूमियत देखिए—कहते हैं, "अरे! मैं तो सालों से ऐसे ही करता आ रहा हूँ।"
यह सुनकर लेखक ने उन्हें कागज़ की प्लेट दी और समझाया कि आगे से ऐसा न करें। अब सोचिए, जब कोई बच्चा बार-बार वही गलती करता है और माँ को मजबूरी में रसोई में पोस्टर लगा देना पड़ता है—वैसा ही कुछ यहाँ हुआ! लेखक ने घटना HR को रिपोर्ट की, और अब उनके ऑफिस के माइक्रोवेव पर बड़ा सा पोस्टर टंग गया—"माइक्रोवेव में धातु न डालें।"
"हर चेतावनी के पीछे छुपा है एक कर्मवीर": पाठकों की चटपटी प्रतिक्रियाएँ
इस कहानी पर Reddit पर खूब चर्चा हुई। एक पाठक ने चुटकी ली—"इसीलिए शैम्पू की बोतल पर भी निर्देश लिखना पड़ता है!" (मतलब, जब लोग बेसिक बातें न समझें तो हर चीज़ पर ‘कैसे इस्तेमाल करें’ लिखना पड़ता है।) किसी ने मज़ाक में कहा—"अगर शैम्पू के निर्देशों को बार-बार फॉलो किया जाए तो 3 दिन तक न सो पाएँ!"
एक और मजेदार टिप्पणी आई—"हर दफ्तर के हर पोस्टर के पीछे एक न एक कर्मवीर जरूर होता है, जो उसे पढ़ता ही नहीं!" हमारे यहाँ भी हमेशा कोई ऐसा होता है जो ‘गीला फर्श, फिसलन हो सकती है’ का बोर्ड देखकर भी फिसल ही जाता है।
किसी पाठक ने शेयर किया—"हमारे होटल में भी एक कुक ने इसी तरह मेटल पैन माइक्रोवेव में डाल दिया। 2 सेकंड तो ठीक चला, फिर चिंगारी, धुआँ और मशीन कबाड़ में!" उसके बाद वहाँ भी बड़ा सा पोस्टर लग गया—"माइक्रोवेव में मेटल न रखें!"
एक और टिप्पणी याद दिलाती है—"कर्मवीर की वजह से ही हेयर ड्रायर पर लिखा होता है—इसे बाथरूम में इस्तेमाल न करें।" (सोचिए, अगर कोई सच में शावर लेते वक्त हेयर ड्रायर चलाने लगे!)
क्या वाकई कभी-कभी बच जाते हैं कर्मवीर?
कुछ पाठकों ने यह भी कहा कि कुछ गोलाकार या स्पेशल मेटल कंटेनर माइक्रोवेव-फ्रेंडली हो सकते हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में खतरा ही होता है। लेखक ने साफ किया—"कर्मवीर का डिब्बा ऐसा कतई नहीं था।" किसी ने सही कहा—"अगर सालों तक कर्मवीर बचते रहे, तो ये उनकी किस्मत थी, समझदारी नहीं!"
निष्कर्ष: सीख और हँसी दोनों का तड़का
तो साथियों, इस कहानी से दो बातें साफ हो जाती हैं—एक, दफ्तर में हमेशा चौकसी ज़रूरी है, और दो, हर ऑफिस में एक कर्मवीर जरूर होता है जो सबसे अनोखी गलती कर जाता है! अगली बार जब आप माइक्रोवेव में कुछ रखें, तो ज़रा सोच लें—कहीं आप भी अपने दफ्तर के ‘कर्मवीर’ तो नहीं बन रहे?
आपके ऑफिस में भी कोई ऐसा वाकया हुआ है? नीचे कमेंट में जरूर बताइए, और अगर आपके घर में भी कोई ‘कर्मवीर’ है, तो उसे ये कहानी जरूर सुनाएँ!
सुरक्षित रहें, सतर्क रहें, और मुस्कुराते रहें—क्योंकि ज़िंदगी में थोड़ा सा हँसी-मज़ाक भी जरूरी है!
मूल रेडिट पोस्ट: Kevin puts metal in a microwave