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जब कंप्यूटर की 'ब्लाह ब्लाह ब्लाह' ने टेक्निकल सपोर्ट को चौंका दिया

सुबह-सुबह अपने कंप्यूटर पर सॉफ़्टवेयर त्रुटि को सुलझाते हुए उपयोगकर्ता, परेशान दिख रहा है।
सुबह के समय एक उपयोगकर्ता द्वारा सॉफ़्टवेयर त्रुटि का सामना करते हुए, तकनीकी समस्याओं की वास्तविकता को दर्शाता है।

अगर आप दफ्तर में काम करते हैं या घर पर कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको कभी न कभी कंप्यूटर की ‘एरर मैसेज’ यानी त्रुटि संदेश ज़रूर मिला होगा। लेकिन ज़रा सोचिए, अगर किसी को मदद चाहिए और वो आपको पूरा संदेश पढ़ने के बजाय ‘ब्लाह ब्लाह ब्लाह’ कहकर टाल जाए तो क्या होगा? आज की कहानी इसी मज़ेदार और थोड़ी परेशान कर देने वाली स्थिति के इर्द-गिर्द घूमती है।

कई बार तकनीकी सहायता वाले भाई-बहनों को ऐसा लगता है जैसे वे डॉक्टर नहीं, बल्कि जासूस हैं—जो अपने मरीज (यूज़र) से सुराग की तलाश कर रहे हैं! लेकिन जब सुराग भी ‘ब्लाह ब्लाह ब्लाह’ बन जाए, तो मामला और पेचीदा हो जाता है।

तकनीकी सहायता की सुबह: ‘ब्लाह ब्लाह ब्लाह’ से शुरू!

कुछ साल पहले की बात है—एक सुबह-सुबह ThatBrozillianGuy नाम के तकनीकी सहायता कर्मी को फोन आता है। सामने वाला यूज़र परेशान है, क्योंकि उसका सॉफ़्टवेयर काम नहीं कर रहा। वो कहता है, “सर, ये प्रोग्राम बार-बार एरर दे रहा है, चाहे मैं कुछ भी करूं।”

अब, टेक सपोर्ट वाले भैया भी शांति से पूछते हैं, “भाई साहब, स्क्रीन पर क्या लिखा आ रहा है, ज़रा पढ़िए तो सही।”
यूज़र बड़े मज़े से जवाब देता है, “The operation you're trying to execute is currently unavailable. There is a blah, blah, blah... blah, blah, blah... please contact the account administrator.”

अब सोचिए, अगर आप डॉक्टर के पास जाएं और कहें, “डॉक्टर साहब, मुझे कुछ-कुछ, ऐसा-वैसा, ब्लाह ब्लाह ब्लाह हो रहा है,” तो इलाज कैसे मिलेगा?

‘ब्लाह ब्लाह ब्लाह’—समस्या की जड़ या समस्या का हल?

कहानी यहीं खत्म नहीं होती। ThatBrozillianGuy साहब ने विनम्रता से फिर समझाया, “भाई, पूरा संदेश पढ़िए, उसमें कहीं भी ‘ब्लाह ब्लाह ब्लाह’ लिखा नहीं होगा!” मगर यूज़र फिर भी उसी अंदाज़ में पूरी ‘ब्लाह ब्लाह ब्लाह’ पढ़ता रहा।

यह समस्या भारत में भी आम है। ऑफिस की चाय की चुस्की के दौरान अक्सर सुनने को मिलता है—“अरे कंप्यूटर बंद हो गया, कुछ एरर आ रहा था, मैंने हटा दिया।”
एक कमेंट करने वाले ने तो कमाल की बात कही—“मैंने एक ग्राहक को कहा कि एरर का स्क्रीनशॉट भेजो, तो उन्होंने फोटो खींचकर भेज दी, वो भी इतनी धुंधली की अक्षर पहचानना मुश्किल!”
एक अन्य ने लिखा, “कुछ लोग तो एरर देखते ही बिना पढ़े ओके कर देते हैं और फिर शिकायत करते हैं कि कुछ काम नहीं कर रहा।”

क्यों जरूरी है, एरर मैसेज को ध्यान से पढ़ना?

हमारे देश में बहुत सारे लोग कंप्यूटर पर काम करते हैं, पर अक्सर तकनीकी शब्दों या अंग्रेज़ी संदेशों को पढ़ने की आदत नहीं डालते। कई बार लगता है—“ये तो बड़ी भारी-भरकम अंग्रेज़ी है, छोड़ो, टेक्निकल सपोर्ट वाले देख लेंगे!”
लेकिन सच्चाई यह है कि समस्या का हल उसी संदेश में छुपा होता है, जिसे हम नज़रअंदाज़ कर देते हैं।
एक और कमेंट में किसी ने लिखा—“अगर यूज़र को अपनी समस्या याद रखने की परवाह नहीं, तो मुझे भी उसका हल करने की ज़रूरत नहीं।”

कई बार तो ये भी होता है कि पूरा स्क्रीनशॉट भेजने की जगह लोग सिर्फ़ एक कोना क्रॉप करके भेज देते हैं—जैसे डॉक्टर को सिर्फ़ उंगली दिखाकर पूरे शरीर का इलाज करवाना चाहते हों!
एक मज़ेदार टिप्पणी में किसी ने कहा—“भाई, जितना आसान स्क्रीनशॉट लेना था, उतना ही मुश्किल लोगों ने बना दिया। कुछ तो फोन से फोटो खींचकर भेजते हैं, वो भी उल्टी!”

टेक्सपोर्ट की दुनिया: सब्र का इम्तिहान

तकनीकी सहायता वालों का धैर्य सच में काबिले-तारीफ़ है। जैसे एक कमेंट में किसी ने लिखा—“हर हफ्ते कोई न कोई फोन करता है, ‘सर, पिछले हफ्ते कोई एरर आया था, पर क्या था याद नहीं, और न ही पढ़ा।’ अब बताइए, बिना सुराग के जाँच कैसे करें?”

एक और यूज़र ने हंसते हुए लिखा—“कुछ लोग तो एरर मैसेज आते ही उसे ऐसे बंद कर देते हैं, जैसे रास्ते में गाय आ जाए तो हॉर्न बजाकर भगा दें!”
सीनियर यूज़र्स की तो बात ही निराली है—ना तो स्क्रीनशॉट भेजना आता, ना ईमेल करना। कुछ तो इंतज़ार करते रहते हैं कि कोई और आकर उनकी समस्या हल कर दे!

क्या सीख मिले इस ‘ब्लाह ब्लाह ब्लाह’ से?

कहानी के अंत में यही कहना चाहूंगा—कंप्यूटर की दुनिया में ‘ब्लाह ब्लाह ब्लाह’ से काम नहीं चलता। अगली बार जब कोई त्रुटि संदेश दिखे, तो उसे ध्यान से पढ़ें, स्क्रीनशॉट लें, और टेक्निकल सपोर्ट वाले को पूरी जानकारी दें।
क्योंकि जैसे एक और कमेंट में लिखा था—“अगर तुमने पूरा संदेश नहीं पढ़ा, तो टेक्निकल सपोर्ट वाले भी जादूगर नहीं हैं!”

अगर आपको भी ऐसा कोई मज़ेदार या अजीबो-गरीब अनुभव हुआ है, तो कमेंट करके ज़रूर बताएं।
और याद रखिए—कंप्यूटर का इलाज तभी आसान है, जब आप डॉक्टर (टेक सपोर्ट) को पूरी रिपोर्ट दिखाएं, न कि सिर्फ़ ‘ब्लाह ब्लाह ब्लाह’!


मूल रेडिट पोस्ट: Blah, blah, blah...