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जब ऑफिस में AI बना 'मददगार', असली एक्सपर्ट्स का क्या हाल हुआ?

एक एनीमे चित्रण जिसमें एक यूजर समर्थन कॉल के दौरान चैटबॉट के उत्तरों से अभिभूत दिख रहा है।
इस जीवंत एनीमे दृश्य में, हम एक यूजर को उलझन में देखते हैं, जब चैटबॉट के उत्तर उनके कार्यक्षेत्र में बाढ़ की तरह आते हैं, यह संघर्ष का सार प्रस्तुत करता है जो कई लोग समर्थन पाने के दौरान अनुभव करते हैं।

क्या आपने कभी किसी डॉक्टर को अपनी बीमारी का इलाज गूगल से पूछकर बताया है? या फिर किसी कुक को यूट्यूब की रेसिपी पकड़ाई है? अगर हाँ, तो आप अकेले नहीं हैं! आजकल दफ्तरों में ठीक यही हो रहा है—बस फर्क ये है कि अब ChatGPT, Co-pilot जैसे AI चैटबॉट्स सबकी जुबान पर हैं। और इन बेचारों की वजह से IT एक्सपर्ट्स का सिर दर्द बढ़ गया है।

AI चैटबॉट्स: हर समस्या का जादुई हल... या भ्रम?

हमारे देश में तो वैसे भी लोगों को 'सब कुछ जानने' की आदत है—चाय की दुकान से लेकर मोहल्ले के शर्मा जी तक, हर कोई सलाह देने में माहिर! अब इसी आदत को टेक्नोलॉजी ने और पंख लगा दिए हैं। ऑफिस के कर्मचारी अपनी छोटी-बड़ी तकनीकी समस्याओं का हल ChatGPT से पूछते हैं, और उस जवाब को लेकर IT टीम के पास पहुँच जाते हैं—"देखिए, AI ने यह कहा है!"

एक IT सपोर्ट एक्सपर्ट (जिन्होंने Reddit पर अपनी कहानी साझा की) बताते हैं, "मैं किसी यूज़र की समस्या सुलझा ही रहा होता हूँ, तभी वो बोल पड़ते हैं—'मैंने ChatGPT से पूछा, उसने ये बताया'। अब समझ नहीं आता, इसे अपनी काबिलियत का अपमान समझूं या मज़ाक।"

सोचिए, आप किसी कारीगर को बता रहे हैं कि हथौड़ी कैसे पकड़नी है, या किसी पंडित को पूजा की विधि समझा रहे हैं! कुछ वैसा ही हाल है IT एक्सपर्ट्स का।

AI की सलाह का हश्र: पुराने लैपटॉप और उलझनें

ऑफिस में एक कर्मचारी को फोटाशॉप के लिए नया लैपटॉप चाहिए था। उन्होंने ChatGPT से पूछा, और उसके जवाब में जो मॉडल सुझाए गए—वो या तो बाज़ार से गायब थे या कबाड़ में जा चुके थे! IT एक्सपर्ट ने अपनी रिसर्च से नया मॉडल ढूंढा, मंजूरी दिलवाई, और सोचते रहे—"काश लोग AI के भरोसे न बैठें!"

ऐसी ही एक घटना में किसी ने Microsoft Teams में वेबहुक बनाने का जवाब ChatGPT से लेकर भेजा, खुद ट्राई भी किया, पर बात बनी नहीं। IT एक्सपर्ट को फिर से सब देखना पड़ा—क्या पाबंदियाँ हैं, कहाँ गड़बड़ है—क्योंकि AI का जवाब अधूरा या गलत था।

AI का सच: आत्मविश्वास से भरी गलतियाँ!

Reddit कम्युनिटी के कई मेंबर्स ने अपने-अपने अनुभव शेयर किए। एक यूज़र ने बड़ा मज़ेदार कमेंट किया—"ChatGPT हर उस विषय पर एक्सपर्ट लगता है, जिसमें हमें कुछ पता नहीं। लेकिन जिन चीज़ों में हम माहिर हैं, वहाँ ये 40% बार ग़लत होता है!" (माने, बातों में दम है, पर भरोसा कम!)

एक और कमेंट में लिखा—"AI दो काम अच्छे से करता है: छोटी-मोटी चीज़ों का अनुवाद या आइडिया देना। लेकिन असली समाधान? अक्सर अधूरा या ग़लत ही मिलता है। हाँ, कभी-कभी नई सोच जरूर मिल जाती है।"

कुछ IT एक्सपर्ट्स ने तो इस ट्रेंड की तुलना डॉक्टरों से की, जिन्हें मरीज़ गूगल से 'डाइग्नोसिस' करके बताने लगते हैं—अब सोचिए, डॉक्टर का क्या हाल होता होगा!

एक और मज़ेदार कमेंट: "पहले लोग कहते थे, 'मेरे दोस्त ने बताया...' अब लोग कहते हैं, 'AI ने बताया...' कम से कम दोस्त को तो गलत होने पर डांट सकते थे, AI को क्या कहें!"

AI की 'हैलुसिनेशन': आत्मविश्वास से ग़लत सलाह

AI चैटबॉट्स की सबसे बड़ी दिक्कत है—ये कभी भी 'पता नहीं' नहीं कहते! भले ही जवाब ग़लत हो, पर आत्मविश्वास ऐसा कि जैसे सत्यवचन बोल रहे हों। एक यूज़र ने बड़ा बढ़िया लिखा—"AI एक ऐसा कर्मचारी है जिसे CEO पसंद करेगा—पॉलाइट, हर बात का जवाब, और कभी नहीं मानेगा कि उसे कुछ नहीं पता!"

एक IT एक्सपर्ट ने सलाह दी—"अगर किसी काम में ChatGPT पर इतना भरोसा है, तो टिकट ही क्यों खोल रहे हो?" यानी जब खुद एक्सपर्ट से मदद चाहिए, तो AI की कॉपी-पेस्ट सलाह दिखाने से फायदा क्या?

कई लोगों ने ये भी कहा कि AI की सलाह अक्सर आउटडेटेड या अधूरी होती है, खासकर जब यूज़र खुद बुनियादी बात नहीं जानते। जैसे कोई जूते के फीते बाँधना न जानता हो और AI से पूछकर आए—फिर भी समझ न आए, तो एक्सपर्ट के पास दौड़ पड़े।

निष्कर्ष: टेक्नोलॉजी पर भरोसा ठीक, इंसानियत पर शक नहीं!

हमारे देश में IT एक्सपर्ट्स वैसे भी 'हर समस्या का हल' माने जाते हैं—चाहे प्रिंटर खराब हो, लैपटॉप धीमा चले या इंटरनेट गायब हो जाए। अब अगर हर कोई ChatGPT की सलाह लेकर आएगा, तो एक्सपर्ट्स की अहमियत कहाँ रह जाएगी? एक कमेंट में किसी ने लिखा—"AI जवाब तो देता है, पर दिमाग नहीं लगाता।"

माना, टेक्नोलॉजी ज़रूरी है, पर इंसानी अनुभव और सूझ-बूझ की कोई जगह नहीं ले सकता। अगली बार जब ऑफिस में कुछ गड़बड़ हो, तो एक्सपर्ट पर भरोसा रखें—AI पर नहीं! और हाँ, अगर ChatGPT से पूछें भी, तो उसका जवाब नमक-मिर्च की तरह समझें, पूरी थाली न मान लें।

आपका क्या अनुभव है? क्या आपने कभी AI की सलाह पर भरोसा किया और पछताए? या उससे वाकई मदद मिली? कमेंट में जरूर बताएं, और अपने ऑफिस दोस्तों के साथ ये कहानी शेयर करें—शायद अगली बार वे IT एक्सपर्ट्स की कद्र करना सीख जाएँ!


मूल रेडिट पोस्ट: People think they are helping by showing me what their AI Chatbot said, but it just doesn't...