जब ऑफिस के बड़े साहबों को ठंडा-गरम खिलाया: एक HVAC की जुगाड़ू कहानी
भइया, ऑफिस की दुनिया भी क्या कमाल की होती है! यहाँ हर छोटी-बड़ी चीज़ के लिए हज़ारों झंझट हैं – और अगर बात बजट पास कराने की हो, तो समझ लीजिए, रामनगरी से अयोध्या तक पैदल यात्रा करनी पड़ सकती है। लेकिन जब मेंटेनेंस वालों के हाथ में जुगाड़ हो, तो बड़े-बड़े साहब भी पसीना-पसीना हो जाते हैं। आज की कहानी कुछ ऐसी ही है, जहाँ HVAC (हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग) सिस्टम की मरम्मत को लेकर एक 12 मंजिला ऑफिस बिल्डिंग में जो हुआ, वो सुनकर आप भी कहेंगे – “वाह भैया, ये तो बड़ा मजेदार है!”
दफ्तर के अंदर बजट का खेल और मेंटेनेंस वालों की चालाकी
अब आप सोचिए, एक बड़ी ऑफिस बिल्डिंग है जिसमें 200 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। यहाँ का परचेज़िंग डिपार्टमेंट बिलकुल वैसे ही तंगदिल है जैसे चायवाले के पास बैठा वो दोस्त, जो हमेशा कहता है – “भाई, आज तो मेरी जेब हल्की है!” मेंटेनेंस और कस्टोडियल टीम को हर बार हीटिंग-कूलिंग सिस्टम की मरम्मत या सफाई के लिए बजट पास कराने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती थी।
इसी चक्कर में एक दिन, मेंटेनेंस टीम ने कॉन्ट्रैक्टर्स से कहकर एक जुगाड़ लगवा लिया – एग्जीक्यूटिव फ्लोर (यानि साहबों वाले फ्लोर) के लिए अलग से शटऑफ वॉल्व फिट करवा दिए। अब जब भी मेंटेनेंस के लिए बजट पास नहीं होता, तो टीम का कोई बंदा चुपचाप क्रॉलवे में जाकर उस वॉल्व को 60% तक बंद कर देता। नतीजा? बड़े-बड़े साहबों का फ्लोर या तो ठंडे में कांपे या गर्मी में तपे!
जब साहबों ने हल्ला मचाया, तो मेंटेनेंस टीम ने बजट पास करवाया
अब हमारे देश में भी सब जानते हैं – जब तक बड़े साहब को तकलीफ न हो, किसी को फर्क नहीं पड़ता! एक कमेंट करने वाले सज्जन ने बड़ा सही लिखा – “कुछ भी समस्या नहीं है, जब तक सही लोगों को परेशानी न हो।” जैसे ही एग्जीक्यूटिव फ्लोर के साहब लोग शिकायत करते – “अरे भई, बहुत ठंड है!” या “क्या बात है, AC चल ही नहीं रहा!”, मेंटेनेंस टीम कहती – “साहब, नया बियरिंग असेंबली लगाना है, पिछले हफ्ते परचेज़िंग को कोट भेजा था, अब उनकी मर्जी। आज कुछ जुगाड़ देखता हूँ।”
और कमाल देखिए, एक घंटे के अंदर बजट पास! फिर वॉल्व खोलकर सब ठीक कर दिया जाता। जैसे ही नया पार्ट आता, सब कुछ वैसे ही नार्मल कर दिया जाता।
Reddit कम्युनिटी की राय: जुगाड़ बनाम अनैतिकता
अब ये कहानी Reddit पर आई तो लोगों ने खूब मजे लिए। एक यूज़र ने पूछा – “भैया, प्लंबिंग के बजट तो कैसे पास कराते थे?” इस पर पोस्ट लिखने वाले (OP) ने हँसते हुए बोला – “मुझे नहीं पता, ये सब मेंटेनेंस वालों की जुगाड़ थी।”
एक और कमेंट में किसी ने लिखा – “ये तो शानदार है, असली काम तो वही करते हैं जिनकी शर्ट पर नाम लिखा होता है।” सच बात है, हमारे यहाँ भी टेक्नीशियन, प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन – यही असली हीरो होते हैं, जिनके बिना ऑफिस की गाड़ी चल ही नहीं सकती।
किसी और ने मजाकिया अंदाज में कहा – “सिर्फ एग्जीक्यूटिव फ्लोर के लिए ही नहीं, परचेज़िंग डिपार्टमेंट के लिए भी एक वॉल्व लगवा देना चाहिए था!” सोचिए, अगर खरीदारी विभाग को भी उसी जुगाड़ का स्वाद चखने को मिले, तो सबके बजट झटपट पास हो जाएँ।
क्या ये सही था? सीख और मनोरंजन
कुछ Reddit यूज़र्स ने इसे “malicious compliance” यानी जान-बूझकर नियमों का तोड़-मरोड़ कर पालन करना नहीं माना, बल्कि इसे एक स्मार्ट जुगाड़ और दबाव बनाने की तरकीब बताया। एक कमेंट में लिखा था – “ये तो सीधा-सीधा दबाव डालना है, compliance कहां है?” लेकिन जैसा कि हमारे देश में कहते हैं – “नियत साफ, तो जुगाड़ भी आला!” मेंटेनेंस टीम ने न तो सिस्टम को स्थायी नुकसान पहुंचाया, न ही बाकी बिल्डिंग को परेशानी दी। बस साहबों को थोड़ा असुविधा हुई, और काम बन गया।
असल में, मेंटेनेंस टीम ने अपने हुनर, तकनीकी ज्ञान और ऑफिस पॉलिटिक्स को मिलाकर ऐसा तड़का लगाया कि बड़े-बड़े साहब भी झुक गए। OP ने भी यही कहा – “अच्छा बॉस वही है, जो अपने स्टाफ पर भरोसा करे और उन्हें सही मौका दे।” एक और कमेंट में बताया गया कि कैसे एक स्मार्ट मेंटेनेंस मैनेजर ने पहले दो सालों में $2 मिलियन खर्च किए, लेकिन तीसरे साल ही बिल्डिंग का बिजली और हीटिंग बिल $3 मिलियन कम कर दिया। नतीजा – अब उसकी बात बिना पूछे मान ली जाती है।
निष्कर्ष: अपने ऑफिस के जुगाड़ुओं की कद्र करें!
तो भाइयों-बहनों, अगली बार जब आपके ऑफिस में AC या हीटर सही से न चले, तो ध्यान रखिए – कहीं मेंटेनेंस टीम भी कोई जुगाड़ तो नहीं कर रही? और सबसे जरूरी बात, ऑफिस में उन लोगों की इज्जत करें जिनकी मेहनत से ही बड़े साहब आराम से बैठ पाते हैं। आखिर, जुगाड़ भी एक कला है – और कभी-कभी, यही कला बड़े-बड़े बजट पास करवा देती है!
क्या आपके ऑफिस में भी कभी किसी ने ऐसा जुगाड़ किया है? अपनी कहानी नीचे कमेंट में जरूर साझा करें – आखिर, हर दफ्तर में एक-आध जुगाड़ू तो होता ही है!
मूल रेडिट पोस्ट: No heat for you