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जब ऑफिस के पेन चोर को मिला ग़ायब होने वाला सबक

अद्भुत पेन वाले डेस्क की एनिमे-शैली वाली चित्रण, सहकर्मी पर मजेदार ऑफिस शरारत को दर्शाता है।
इस जीवंत एनिमे दृश्य में, जानिए कैसे मैं अपने पेन बदलकर एक चालाक सहकर्मी को चतुराई से मात देता हूँ!

ऑफिस की ज़िंदगी में कई बार छोटी-छोटी परेशानियाँ भी बड़ी सिरदर्द बन जाती हैं। अब पेन चोरी को ही लीजिए – हर किसी के साथ कभी न कभी ऐसा ज़रूर हुआ होगा कि अपनी पसंदीदा पेन टेबल पर रखी और अगले ही पल वह हवा हो गई। ऐसे में गुस्सा भी आता है, हँसी भी, और कभी-कभी तो दिमाग़ भी शैतानी चालें सोचने लगता है।

आज हम आपको एक ऐसी मज़ेदार और चुटीली कहानी सुनाने जा रहे हैं, जिसमें एक ऑफिस कर्मचारी ने अपने ‘पेन चोर’ सहकर्मी को ऐसा अद्भुत सबक सिखाया कि पेन तो क्या, आगे से वह शायद किसी की रबर भी न छुए!

पेन चोरी: हर ऑफिस की पुरानी समस्या

हमारे देश में ऑफिस का कल्चर कुछ ऐसा है कि स्टेशनरी पर सबकी नज़र होती है। चाहे सरकारी दफ्तर हो या प्राइवेट कंपनी, अच्छे पेन, सुंदर डायरी, या मज़ेदार नोटपैड – ये सब अक्सर किसी न किसी के डेस्क से ग़ायब होते रहते हैं। जैसे घर में कोई मिठाई छुपा कर रखिए, और छोटे भाई-बहन चुपके से चट कर जाएँ!

रेडिट यूज़र u/MiddleNebula8320 की कहानी भी ऐसी ही है। वे कहते हैं, “मैं अपनी डेस्क पर हमेशा कुछ अच्छे पेन रखता था, लेकिन वो बार-बार अचानक ग़ायब हो जाते थे। शुरू में लगा कि शायद मैं ही भूल रहा हूँ, लेकिन फिर महसूस हुआ कि एक खास सहकर्मी के पास वही पेन हमेशा दिखता है जो मैं लाता था।”

अब सीधा टोकना तो हमारे समाज में भी थोड़ा अजीब माना जाता है – आखिर ‘बड़ों’ से बहस कौन करे! इसीलिए उन्होंने सोचा, क्यों न थोड़ा मज़ेदार तरीका अपनाया जाए।

ग़ायब स्याही का जादू: पेन चोर की ‘लिखाई’ भी हुई ग़ायब

एक दिन उन्होंने बाज़ार से ग़ायब होने वाली स्याही (disappearing ink) वाले पेन खरीद लिए। अगले दिन वही पेन अपने डेस्क पर सजा दिए, जैसे हर बार रखते थे। जैसा कि होना था, पेन चोर सहकर्मी ने एक पेन “उधार” लिया और मीटिंग में नोट्स लेने लगे।

अब असली तमाशा तो तब शुरू हुआ, जब मीटिंग के बीच-बीच में उनके नोट्स धीरे-धीरे ग़ायब होने लगे। कागज पर जो लिखा था, वह एकदम सफेद! बेचारे सहकर्मी का चेहरा देखने लायक था – कहीं समझ ही नहीं आ रहा था कि ये क्या जादू हो गया। बाकी सब आराम से लिख रहे थे, और वो बस कागज़ घूर रहे थे।

इस किस्से को पढ़ते हुए एक रेडिट कमेंट ने कमाल की बात कही — “तेरे पेन ग़ायब होते थे, अब उसके नोट्स ग़ायब हो गए। हिसाब बराबर!” (u/Fluffy-Mastodon) सच में, जैसा करोगे, वैसा भरोगे!

एक और मज़ेदार कमेंट ने लिखा, “हर ग़ायब होते अक्षर के साथ उसकी आत्म-सम्मान भी ग़ायब होती गई।” (u/Contrantier) लेकिन किसी ने तुरंत जोड़ा – “पेन चुराने वाले में आत्म-सम्मान होता ही कहाँ है!” (u/harrywwc)

ऑफिस की जुगाड़ और ‘पेनिशमेंट’ का देसी स्वाद

हमारे यहाँ “जुगाड़” शब्द तो जैसे हर मुश्किल का हल है। कुछ यूज़र्स ने लिखा, “मैं अपने डेस्क पर हमेशा सस्ते ऑफिस पेन या होटल से लाए गए पेन ही रखता हूँ, असली अच्छे पेन तो हमेशा छुपा कर!” (u/Barbarossa7070) एक ने तो यहाँ तक कहा, “पेन चोरी करने वालों को बस खराब पेन दे दो, असली वाले जेब में रखो।”

इसी बीच एक शानदार चुटकुला भी आया – “क्या ग़ज़ब का ‘पेनिशमेंट’ दिया!” (u/pr0digalnun) और हाँ, किसी ने ये भी सलाह दी कि कभी कभार कागज़ को मोमबत्ती की आँच के पास ले जाओ, तो ग़ायब लिखाई फिर दिख जाएगी – जैसे फिल्मों में गुप्त संदेश पढ़ते हैं!

कई कमेंट्स में ये भी चर्चा हुई कि क्यों लोग अपने पैसे से अच्छे पेन लाते हैं, जब ऑफिस खुद स्टेशनरी देता है। एक यूज़र का जवाब बड़ा सटीक था – “भाई, जो सरकारी पेन मिलते हैं, उनसे तो लिखना ही पाप है! अपने मनपसंद पेन से लिखने का मज़ा ही कुछ और है।”

अंत भला तो सब भला: पेन चोर की घाघ समझदारी

इस शरारती बदले के बाद, कहानीकार के मुताबिक, उस सहकर्मी ने फिर कभी उनके डेस्क से पेन छूने की भी हिम्मत नहीं की। अब उनके पेन, नोटपैड और अन्य चीज़ें पूरी तरह सुरक्षित हैं।

इस किस्से ने ये भी दिखा दिया कि कभी-कभी हल्की-फुल्की शरारत से बड़ी-बड़ी समस्याएँ सुलझ सकती हैं, और साथ में सबको हँसी भी आ जाती है। हाँ, ध्यान रहे कि मज़ाक की भी एक सीमा होती है – किसी की भावनाओं को ठेस न पहुँचे, यही असली समझदारी है।

आपके ऑफिस की कहानी क्या है?

आखिर में यही कह सकते हैं कि ऑफिस में छोटी-मोटी चोरियाँ और जुगाड़ हमेशा चलती रहती हैं, लेकिन सही समय पर थोड़ा सा ह्यूमर और दिमाग लगाकर माहौल हल्का भी किया जा सकता है।

क्या आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है? आपके ऑफिस में कौन-सी चीज़ बार-बार ग़ायब होती है? या आपने कभी किसी ‘चोर’ को ऐसे मज़ेदार तरीके से सबक सिखाया हो? नीचे कमेंट में ज़रूर बताइए – आपकी कहानी भी किसी और के चेहरे पर मुस्कान ला सकती है!


मूल रेडिट पोस्ट: My coworker kept stealing my pens, so I swapped them out.